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PM Modi PR strategy: क्या विरोधियों को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं पीएम मोदी? दिलजीत दोसांझ से मुलाकात और साक्षी जोशी को शोक संदेश से उठे सवाल

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PM Narendra Modi PR strategy: पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने सियासी और सामाजिक हलचल मचा दी है। बुधवार को हुई इस मुलाकात की तस्वीरें दिलजीत ने सोशल मीडिया पर साझा कीं। इससे पहले पीएम मोदी ने कपूर परिवार और अभिनेता सैफ अली खान से भी मुलाकात की थी। दिलजीत दोसांझ, जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान खुलकर किसानों का समर्थन किया था और सरकार के खिलाफ मुखर विरोध दर्ज कराया था, अब पीएम मोदी से मिलने के बाद सोशल मीडिया पर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनसे मिलना उन्हें लुभाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ‘पीआर रणनीति’ का हिस्सा है?

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दिलजीत और पीएम मोदी की मुलाकात पर सोशल मीडिया की हलचल- PM Narendra Modi PR strategy 

मुलाकात के बाद दिलजीत ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,
“आपसे मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।”
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं। एक यूजर ने लिखा, “जिन्हें अंधभक्त गाली देते थे, आज उनसे मिलने बुला लिया गया।” दूसरे ने लिखा, “दिलजीत सिर्फ एक कलाकार नहीं हैं, वह एक ऐसी शख्सियत हैं जो दिलों और संस्कृतियों को जोड़ते हैं।”

वहीं, कुछ ने इसे पीएम मोदी की ‘पीआर रणनीति’ का हिस्सा बताया।

किसानों की नाराजगी और विरोध

प्रधानमंत्री से दिलजीत दोसांझ की मुलाकात ने किसानों के बीच गुस्सा पैदा कर दिया है। 2020 में किसान आंदोलन के दौरान दिलजीत ने किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने किसान संगठनों के मंच से सरकार की नीतियों की आलोचना की थी।

किसान नेताओं ने इस मुलाकात की आलोचना करते हुए कहा कि इससे दिलजीत के आंदोलन के समर्थन पर सवाल खड़े हो गए हैं। किसानों ने कहा कि दिलजीत की यह मुलाकात उनके आंदोलन समर्थक रुख को कमजोर करती है।

किसान आंदोलन में दिलजीत की भूमिका

दिलजीत दोसांझ किसान आंदोलन के दौरान सक्रिय भूमिका में रहे। आंदोलन के समय दिलजीत और कंगना रनौत के बीच तीखी बहस हुई थी। कंगना ने किसानों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसका दिलजीत ने जवाब दिया। दक्षिणपंथी समूहों ने दिलजीत पर ‘खालिस्तानी एजेंट’ होने के आरोप लगाए थे।

इसी बीच बजरंग दल ने उनके इंदौर कॉन्सर्ट को रद्द करने की मांग की थी। दिलजीत ने इसका जवाब राहत इंदौरी की शायरी से दिया था:
“सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।”

पीएम मोदी की अन्य मुलाकातें

दिलजीत से पहले पीएम मोदी ने सैफ अली खान और कपूर परिवार से भी मुलाकात की थी।

जिसके बाद सैफ अली खान का वो बयान फिर चर्चा में आ गया जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को अपना पसंदीदा नेता बताते हुए कहा था,
“राहुल गांधी ने मेहनत से अपनी छवि बदली है।”

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सैफ ने पीएम मोदी की सादगी और नेतृत्व की तारीफ की।

साक्षी जोशी को पीएम मोदी का शोक संदेश

इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी की मां शशि जोशी के निधन पर शोक संदेश भेजा। इस संदेश के जवाब में साक्षी ने लिखा, “इस दुख की घड़ी में आपका सांत्वना संदेश पाकर हम आभारी हैं।”

आपको जानकारी हैरानी होगी कि साक्षी और उनके पति विनोद कापड़ी मोदी सरकार के मुखर आलोचक माने जाते हैं।

क्या यह विरोधियों को साधने की रणनीति है?

सोशल मीडिया पर यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या पीएम मोदी यह मुलाकातें अपनी ‘पीआर रणनीति’ के तहत कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे युवाओं और सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों को जोड़ने की कवायद बताया। एक यूजर ने लिखा, “यह कदम उन लोगों को जोड़ने की कोशिश है, जिनके सोशल मीडिया पर बड़े फॉलोअर्स हैं।”

सोशल मीडिया पर बहस

एक ओर, लोग दिलजीत की पीएम मोदी से मुलाकात को ‘सकारात्मक’ बता रहे हैं। दूसरी ओर, कई लोग इसे ‘आंदोलन विरोधियों के साथ विश्वासघात’ मान रहे हैं।

दिलजीत दोसांझ की मुलाकात का व्यापक असर

दिलजीत दोसांझ की पीएम मोदी से मुलाकात ने राजनीतिक, सामाजिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नई बहस छेड़ दी है। किसानों के समर्थन के लिए पहचाने जाने वाले दिलजीत के इस कदम से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर इसे प्रधानमंत्री की ‘स्ट्रेटेजिक पीआर मूव’ के तौर पर देखा जा रहा है।

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