Jorge Soares News Today – भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल लेवल पर भारत की छवि को एक नया चेहरा दिया है. विदेशों में जहाँ पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनके नाम की चर्चा होती है तो वहीं उनके साथ भारत का नाम विदेशों में छा गया है और देश-विदेशों में उनके सरकार की भी चर्चा होती है. लेकिन अमेरिकी के एक अरबपति जॉर्ज सोरोस है जो भारत भारत में सरकार बदलने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं और इन बयानों की वजह से खूब हंगामा भी हुआ तो वहीं इन बयानों के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जॉर्ज सोरोस को बूढ़ा, जिद्दी, अमीर और खतरनाक बताया था और इस भारत में बवाल मचा हुआ है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि जॉर्ज सोरेस कौन है कैसे वो एक कुली से अरबपति बने और भारत को लेकर उनके बवाल क्यों मचा हुआ है.
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जानिए कौन हैं जॉर्ज सोरोस
जानकारी के अनुसार, अरबपति जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था और और इस समय उनकी उम्र 92 साल है. सोरोस सटोरिए, शेयरों के निवेशक और व्यापारी हैं और अमेरिकी-हंगेरियन अरबपति भी है और उनकी नेटवर्थ साढ़े 6 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है लेकिन अमेरिकी-हंगेरियन अरबपति एक समय पर कुली का कम करते थे और कुली से हो अमेरिकी-हंगेरियन अरबपति की लिस्ट में शामिल हुए.
फेक आईडी बनवाकर लंदन भाग गए थे सोरोस
एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, जब सोरोस की उम्र 9 साल की थी तब दूसरा वर्ल्ड वॉर शुरू हो गया था और इस युद्ध के दौरान यहूदियों को मारा जा रहा था. वहीं अपनी जान बचाने के लिए भागने की योजना बनाई और 1945 में जब युद्ध खत्म हुआ तब वो फेक आईडी बनवाकर लंदन आ गए थे.
सोरोस ने किया था कुली और वेटर का काम
लंदन आने के बाद उन्होंने 1947 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में फिलॉसफी से पढ़ाई की और इस दौरान पैसे कमाने के लिए वेटर का काम किया साथ ही सोरोस ने रेलवे कुली का कम भी किया और पढ़ाई पूरी करने के बाद वो अमेरिका चले गये. वहीं रिपोर्ट के अनुसार, सोरोस ने वोलंदन के मर्चेंट बैंक सिंगर एंड फ्रीडलैंडर में भी शामिल हुए और 1956 में, सोरोस न्यूयॉर्क चले गए, जहां उन्होंने शुरुआत में यूरोपीय सिक्योरिटीज के विश्लेषक के रूप में काम किया. अमेरिका जाने के बाद साल सोरोस ने 1973 में हेज फंड की स्थापना के बाद निवेश निर्णय लेकर वित्तीय दुनिया में अपनी पहचान बनाई. वहीं सोरोस ने 70 से अधिक देशों में ओपन सोसाइटी फाउंडेशनों की स्थापना की. वह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे और उन्होंने बराक ओबामा, हिलेरी क्लिंटन और जो बाइडन के राष्ट्रपति अभियान का समर्थन किया.
सोरोस पर कई देश लगा चुके हैं प्रतिबंध
Jorge Soares News Today – सोरोस कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लग चुका हैं. उनपर आरोप है कि वो दुनिया कई देशों में कारोबार और समाजसेवा की आड़ में पैसे के जोर पर वहां की राजनीति में दखल देने के गंभीर आरोप लगते रहते हैं साथ ही ये भी कहा जाता है कि उन्होंने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए भारी-भरकम फंडिंग की है. वहीं उनके ऊपर लगे इन आरोपों की वजह से यूरोप और अरब के कई देशों में सोरोस की संस्थाओं पर भारी जुर्माना लगाकर पाबंदी लगा दी गई है.
जॉर्ज बुश के खिलाफ भी थे जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के सबसे बड़े आलोचक में से एक थे. वहीं उन्होंने 2003 में ऐलान कर दिया था कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सत्ता से हटाना उनका मकसद है, यहां तक कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति लुटाने की भी बात कह दी थी.
सोरोस की नजर में ये राजनेता हैं तानाशाह
Jorge Soares News Today – सोरोस ने 2020 में यह भी बताया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनकी नजर में दुनिया के तानाशाह हैं. वहीं इन सभी राजनेताओं को लेकर उन्होंने कहा था कि ये सभी लोकतंत्र का गला घोंटकर तानाशाही का बढ़ावा दे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं. ट्रंप को उन्होंने ठग और आत्ममुग्ध जबकि पुतिन को तानाशाह शासक कहा था. सोरोस ने कहा था कि जिनपिंग चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की परंपरा तोड़कर सत्ता की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है.
सोरोस ने पीएम मोदी और उनकी सरकार को बोला हमला
जॉर्ज सोरोस ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. इसी एक साथ उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का भी विरोध किया.
वहीं जब हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आई थी और रिपोर्ट में कहा गया था पीएम मोदी और अडानी को सपोर्ट करते हैं और अडानी को आमिर बनाने के लिए पीएम मोदी का हाथ है तो वहीं इस मामले पर उन्होंने भी कहा था कि अडानी का पीएम मोदी के साथ इतना घनिष्ठ संबंध है कि दोनों एक-दूसरे के लिए जरूरी हो गए हैं. वहीं सोरोस के इस बयान पर वरिष्ठ नेता स्मृति इरानी ने कहा था कि यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में दखल देने की कोशिश बताई है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी जॉर्ज सोरोस के गौतम अडानी पर दिए बयान पर आपत्ति जताई थी.
कांग्रेस से है जॉर्ज सोरोस का गहरा रिश्ता
जहाँ कांग्रेस ने जॉर्ज सोरोस (Jorge Soares News Today) के गौतम अडानी पर दिए बयान पर आपत्ति जताई थी तो वहीं कहा जाता है कि भारत में NGO और सिविल सोसायटी संगठनों के द्वारा कांग्रेस को जॉर्ज सोरोस का सपोर्ट मिलता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्ज सोरोस के कई देशों में NGO और सिविल सोसायटी संगठन चलते हैं और इन्ही की अड़ में वो वहां की सरकार के खिलाफ एजेंडा चलते हैं और इसमें विपक्ष पार्टी भी शामिल हो जाती है. वहीं इस दौरान जॉर्ज सोरोस का NGO आर सिविल सोसायटी संगठन द्वारा विपक्षी पार्टियों को फंडिंग की जाती है! जॉर्ज सोरोस का ओपन सोसाइटी फाउंडेशन OSF जिसके अंडर कई NGO आते हैं, वहीं भारत में भी इन NGO के जरिए कांग्रेस को फंडिंग की कई सारी बातें सामने आ चुकी है!
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