किसी महिला को जबरदस्ती निर्वस्त्र करने पर IPC की इस धारा के तहत होती है सजा

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धारा 354 क्या है – ऐसी खबरें अक्सर आती रहती हैं कि होटल या लॉज में गुप्त कैमरों से औरतों की तस्वीरें ली गई हैं. मई 2015 में मुज्जफरनगर के बाघरा गांव के पास तीन महिलाओं ने चलती बस से कूदकर अपनी इज्जत बचाई. ऐसा आरोप लगाया गया कि बस के ड्राइवर ने महिलाओं के साथ गलत बर्ताव की कोशिश की. रेल यात्रा करने वाली महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें दर्ज होती रहती हैं.

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ऐसी घटनाएं घनी बस्तियों, पॉश मोहल्लों और कम्युनिटी हाउसिंग सोसायटी में भी घटती रहती है. इतना ही नहीं पुलिस महकमे में कई बड़ी अधिकारी और आरक्षक के स्तर तक की महिलाएं इससे पीड़ित रहती हैं. कुछ चर्चित मामले भी सामने आए हैं. सायबर संसार में भी महिलाओं को छेड़छाड़ का शिकार बनाया जाता है. गलत तस्वीरें और दुष्प्रचार आदि भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करना इसी प्रकार के अपराध की श्रेणी में जाते हैं. नए टेक्नो और सूक्ष्म यंत्रों की मदद से भी छेड़छाड़ की जाती है. यह नारी की स्वतंत्रता तथा निजी जीवन और निजता पर भी हमला है.

क्या होती है ईव टीजिंग?

अक्सर ऐसी भी खबरें आती हैं कि पड़ोस के मकान से युवक युवतियों की ताकझांक करते हैं. ऐसे सभी मामले ‘इव टीजिंग’ यानी छेड़छाड़ के अंतर्गत आते हैं. कई बार इस तरह के मामलों के कारण फसाद हो चुके हैं. शोहदों की समूहों द्वारा हत्या कर दी जाती है. ऐसी घटनाएं कभी-कभी अदालतों में भी आती हैं, पर अधिकतर मामले रफा-दफा हो जाते हैं.

अब थोड़ी स्पष्टता और विस्तार से भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 354 को समझें. इसी सेक्शन को छेड़छाड़ और नारी प्रताड़ना की घटना में मुकदमा दर्ज करते हुए लगाया जाता है. इसमें महिला के सम्मान को बलपूर्वक आहत करने का मामला बनता है. इस सेक्शन का प्रयोग तब किया जाता है, जब जानते-बूझते हुए किसी महिला के इज्जत और सम्मान को आहत करने के लिए कुछ भी बलपूर्वक किया जाए. इसमें किसी स्त्री की लज्जा भंग करने का आशय स्पष्ट हो.

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भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एवं 354 में साधारण अंतर:-

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 भी महिलाओं पर हो रहे शोषण के विरुद्ध है लेकिन धारा 376 तब लागू होती हैं जब महिलाएं आपने आप को लज्जा भंग करने वाले व्यक्ति से बचा न सके अर्थात कोई महिला किसी भी प्रकार से बलात्संग का शिकार हो जाए. धारा-376 के अपराध का छोटा रुप माना जाता है धारा-354 का अपराध एवं धारा 354 के अपराध में किसी भी उम्र की महिला हो सकती है.

धारा 354 क्या है ?

कोई व्यक्ति या महिला का नातेदार, स्त्री की लज्जा भंग करने के से जानबूझकर कर आपराधिक बल या हमला करेगा, अर्थात किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ जिससे महिला को शर्मिंदगी महसूस हो रही हो. तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 354 के अंतर्गत दोषी होगा.

धारा 354 क्या है – उदहारण के लिए राज पांडुरंग महाले बनाम महाराष्ट्र राज्य वाद में न्यायालय द्वारा कहा गया की ‘लज्जा, स्त्री का आभूषण है, जो उसे उसे उसके नाते समाज द्वारा दिया जाता है कोई भी स्त्री की लज्जा भंग करना एक बहुत गंभीर अपराध होता है.

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भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 354 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं. इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है. सजा- इस प्रकार के अपराध के लिए कम से कम एक वर्ष से अधिकतम 5 वर्ष तक कि कारावास एवं जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है.

  • सेक्शन354 (क) के रूप में नई धारा अंतत: स्थापित की गई है. यह तब लागू होता है. जब किसी स्त्री को निर्वस्त्र करने के आशय से उस पर आपराधिक बलप्रयोग किया गया हो. ऐसा षड्यंत्र करने वाले को कम से कम एक वर्ष का कारावास किंतु इसकी अधिकतम अवधि दस वर्ष भी हो सकेगी. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अगर संबंध बनाने का स्पष्ट प्रस्ताव किया हो या किसी स्त्री पर बलात् टिप्पणी की जाए, ऐसी स्थिति में सजा तीन वर्ष या जुर्माना या दंड दोनों हो सकता है.
  • सेक्शन354 (ख) मेंपुरुष द्वारा स्त्री को निर्वस्त्र होने के लिए बाध्य करने के लिए कम से कम तीन वर्ष का कारावास, जो सात साल तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है.
  • सेक्शन354 (ग) काप्रयोग तब किया जाता है, जब किसी बहुत निजी कार्य में लगी स्त्री को कोई एकटक देखे या चित्र खींचे या ऐसे चित्र प्रसारित करे. अगर दोष सिद्ध हो जाए तो कम से कम एक वर्ष का कारावास या बाद में फिर ऐसा काम करने वाले को तीन वर्ष से सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.
  • सेक्शन354 (घ) मेंस्त्री की अनिच्छा जाहिर करने के बावजूद कोई पुरुष अगर स्त्री से संपर्क करने की कोशिश करे या इसके लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का प्रयोग करता है या निगरानी करता है तो यह स्त्री का पीछा करने का अपराध है. ऐसी स्थिति में तीन वर्ष तक का कारावास साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ऊपर दिए गए भारतीय दंड संहिता के प्रावधान निश्चित रूप से कड़े और प्रभावशाली भी हैं.

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