Bijli Mahadev Mandir: बिजली महादेव मंदिर के बंद होने पर उठे सवाल, जानें क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

Table of Content

Bijli Mahadev Mandir: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित प्रसिद्ध बिजली महादेव मंदिर हाल ही में एक बड़े अपडेट के कारण चर्चा का विषय बन गया है। मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है, और इसके कारण अब तक कई अफवाहें और अटकलें फैल चुकी हैं। हालांकि, मंदिर समिति ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए एक स्पष्ट बयान जारी किया है। इस घटनाक्रम के बाद इस मंदिर को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्या कारण है जिसकी वजह से यह ऐतिहासिक स्थल बंद कर दिया गया है।

और पढ़ें: 5 Mysterious Temples: भारत के जंगलों में छिपे 5 रहस्यमयी मंदिर, आध्यात्मिक यात्रा के अनदेखे पहलू

मंदिर बंद होने की जानकारी और अफवाहें- Bijli Mahadev Mandir

काशवारी गांव में स्थित बिजली महादेव मंदिर को लेकर मंदिर समिति ने हाल ही में जगह-जगह पोस्टर लगाकर मंदिर बंद होने की जानकारी दी थी। हालांकि इसके बाद सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर अफवाह फैलने लगी कि बिजली गिरने की वजह से मंदिर बंद किया गया है। अफवाहों के मुताबिक बिजली गिरने की वजह से मंदिर को नुकसान पहुंचा है और इसी वजह से मंदिर को काम के लिए बंद किया गया है।

Bijli Mahadev Mandir
Source: Google

इस संदर्भ में मंदिर समिति ने साफ तौर पर कहा है कि मंदिर पर बिजली गिरने की बात पूरी तरह से गलत है। यह जानकारी पूरी तरह से अफवाह है और इसका कोई आधार नहीं है। मंदिर समिति ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया गया है, लेकिन इसके पीछे बिजली गिरने का कारण नहीं है, जैसा कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं।

गुप्त कारज और पारंपरिक मान्यता

मंदिर समिति के बयान में यह भी बताया गया है कि मंदिर को बंद करने का कारण एक गुप्त कारज (धार्मिक कार्य) है, जो भगवान शिव की इच्छा के तहत होता है। स्थानीय लोग मानते हैं कि मंदिर को बंद करने का यह निर्णय देवता के आदेश के बाद लिया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि मंदिर में केवल पुजारी और पुरोहित ही इस दौरान रह सकते हैं। आम लोग या श्रद्धालु इस समय मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते।

इसके अलावा, बिजली महादेव मंदिर को लेकर एक महत्वपूर्ण मान्यता भी है। कहा जाता है कि हर 12 वर्ष में मंदिर में आकाशीय बिजली गिरती है, और इस दौरान शिवलिंग खंडित हो जाता है। इस समय के बाद, खास मक्खन, सत्तू और अन्य सामग्रियों से शिवलिंग को जोड़ने का कार्य किया जाता है। स्थानीय लोग इस घटना को भगवान शिव के आशीर्वाद के रूप में मानते हैं, जो न केवल मंदिर की सुरक्षा करता है, बल्कि इलाके में फैली बुराइयों को भी नष्ट करता है।

शिवजी की आज्ञा से गिरती है बिजली

बिजली महादेव मंदिर की मान्यता के अनुसार, एक प्राचीन कथा भी है, जो इस स्थान की महत्ता को और भी प्रगाढ़ करती है। कथानुसार, कुलांत नामक राक्षस ने कुल्लू घाटी को ब्यास नदी का प्रवाह रोककर डुबाने की कोशिश की थी। उसने घाटी में खतरनाक सांप का रूप धारण किया था, जिससे पूरे क्षेत्र को तबाह करने की योजना बनाई थी।

Bijli Mahadev Mandir
Source: Google

तब भगवान शिव ने कुलांत को चेतावनी दी और कहा कि उसकी पूंछ में आग लग गई है। जैसे ही राक्षस ने पीछे मुड़कर देखा, शिवजी ने अपने त्रिशूल से उसका वध कर दिया। इस घटना के बाद, राक्षस का शरीर एक विशाल पर्वत में बदल गया, जिसे आज कुल्लू की पहाड़ी माना जाता है।

इसके बाद, भगवान शिव ने इंद्रदेव से कहा कि हर 12 साल में इस स्थान पर बिजली गिराई जाए, ताकि क्षेत्र की रक्षा की जा सके और बुराई का नाश हो सके। यह मान्यता आज भी बिजली महादेव मंदिर में हर 12 साल बाद गिरने वाली आकाशीय बिजली से जुड़ी है।

 और पढ़ें: The Bodhisattva Ideal: बोधिसत्त्व मार्ग- खुद को पीछे छोड़कर दूसरों के लिए जीने का अनमोल रास्ता

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds