ईरान में इजरायली जहाज पर बंधक बनाई गई भारतीय महिला घर लौटी, बाकी 16 भारतीय भी होंगे जल्द ही रिहा, जानें किस हाल में हैं बंधक

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ईरान द्वारा जब्त किए गए इजरायली मालवाहक जहाज पर बंधक बनाए गए 17 भारतीय नागरिकों में से महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ गुरुवार (18 अप्रैल) को भारत लौट आईं। वह केरल के कोचीन एयरपोर्ट पर उतरीं। यहां क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह कोट्टायम स्थित अपने घर पहुंचीं। शेष 16 बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ईरान से लगातार संपर्क में है।

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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केरल के त्रिशूर से ताल्लुक रखने वाली एन टेसा जोसेफ तेहरान में भारतीय दूतावास और ईरानी सरकार के “संगठित कोशिशों” के जरिए से रिहाई होने के बाद गुरुवार दोपहर कोचीन इंटरनेशनल हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी।”

एस जयशंकर ने फोन पर की बातचीत

गौरतलब है कि 14 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान से फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष के सामने भारतीय नाविकों की रिहाई का विषय उठाया। ईरान से जयशंकर को चालक दल के सदस्यों की रिहाई सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए कहा गया था। उस समय आमिर-अब्दुल्लाहियन ने कहा था कि यह भारतीय अधिकारियों को चालक दल के सदस्यों के साथ बातचीत करने की अनुमति देगा।

बंधकों के साथ कैसा व्यवहार किया गया?

जोसेफ ने बताया कि जहाज बंधक बनाने के बाद कैसे सभी को रखा गया और बाकी 16 भारतीय कहां हैं? उन्होंने कहा, ईरानी अधिकारियों ने चालक दल के साथ अच्छा व्यवहार किया। उन्होंने केंद्र और उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए काम किया।

ऐन टेसा के अलावा केरल के अन्य क्रू स्टाफ अभी भी ईरान में फंसे हुए हैं। जहाज पर वायनाड के मनन्थावडी निवासी इंजीनियर पीवी धनेश (32), कोझिकोड के मावूर निवासी इंजीनियर श्याम नाथ (31) और पलक्कड़ के केरलसेरी निवासी इंजीनियर एस सुमेश (31) सवार थे।

बंधक क्यों बनाए गए?

आपको बता दें कि इजरायल के साथ चल रहे तनाव के बीच 13 अप्रैल को होर्मुज जलडमरूमध्य में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की एक टीम ने 25 लोगों के साथ इजरायली कंटेनर जहाज एमएससी एरीज़ को जब्त कर लिया था, जिसमें भारत के 17 नागरिक शामिल थे। मामला संज्ञान में आने पर भारत सरकार भी सक्रिय हुई और सीधे ईरानी सरकार से संपर्क किया। भारतीयों की वापसी के लिए पहल की गई। सबसे पहले रिहा होने वाली महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ थीं।

इन देशों के नागरिकों अभी हैं बंधक

पुर्तगाली झंडे वाले मालवाहक जहाज पर सवार भारतीय दल में जहाज का मालिक भी शामिल है। इसके अलावा चालक दल में चार फिलिपिनो, दो पाकिस्तानी, एक रूसी और एक एस्टोनियाई नागरिक भी शामिल हैं।

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