31 मार्च से इंडिया में एक त्यौहार की शुरुआत होने वाली है. जो एक दो हफ्ते नहीं बल्कि 2 महीने तक चलता है. अब आप ये जरूर सोंच रहे होंगे की आखिर हम किस त्यौहार की बात कर रहे हैं? त्यौहार कुछ नया नहीं है लेकिन जब भी शुरू होता है पूरे देश में इसकी झलक देखने को मिलती है. जी हां मैआईपीएल की ही बात कर रहा हूं. वही आईपीएल जिसमे शामिल होने के बाद गैर अंतराष्ट्रीय स्तर खिलाड़ी भी पूरे देश में परचम लहरा सकता है. लेकिन आईपीएल में कुछ ऐसे भारतीय खिलाड़ी भी आए है जो रातों रात ग्लोबल स्टार तो बन गए लेकिन ऐसे ही अचानक कहाँ गायब हो गए किसी को पता तक नहीं चला आज हम बात कर रहे हैं पॉल वल्थाती(Paul Valthaty) की. जिसने MS धोनी की CSK को अपने तेज तर्रार शतक से चकाचौंध कर सुपरस्टार बन गया था लेकिन क्रिकेट की दुनिया में इस खिलाड़ी का नाम शुरू होते ही गायब हो गया. इससे पहले तो शायद आपने भी ये नाम नहीं सुना होगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इनके बारे में.
राजस्थान के लिए खेला पहला आईपीएल मैच
राजस्थान रॉयल की तरफ से अपने आईपीएल करियर के शुरुआत करने वाले वाल्थटी अपने शुरुआती दौर में कुछ खास नहीं कर पाए थे. उन्होंने रॉयल्स के साथ खेलते हुए 2009 में दो मैचों में सिर्फ 6 रन ही बनाए थे. वह साल 2010 में आईपीएल में एक भी मैच नहीं खेल पाए. लेकिन जब आईपीएल के चौथे सीजन में उन्होंने चेन्नई के खिलाफ धमाकेदार शतक जमाया तो उनके फैंस की तादाद एकदम से काफी बढ़ गई थी. कहा जाने लगा कि वह भारतीय टीम के दरवाजे खटखटाने के बेहद करीब हैं. गिलक्रिस्ट ने भी कहा था कि वाल्थटी असाधारण खिलाड़ी हैं और टीम इंडिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
CSK के खिलाफ खेली वो याद्गायी पारी
ये बात अलग है कि वल्थाटी ने साल 2009 में आईपीएल डेब्यू किया था लेकिन उनको लाइमलाइट आईपीएल 2011 के जरिए ही मिली. पॉल वल्थाटी ने ही आईपीएल 2011 के सीजन का पहला शतक लगाया था. जहाँ उनके सामने आईपीएल की सबसे मजबूत टीम CSK थी. दिन 3 अप्रैल, 2011 को मोहाली में हुए मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 189 रनों का लक्ष्य रखा था.
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उस समय 189 रन एक बड़ा टारगेट माना जाता था, लेकिन एडम गिलक्रिस्ट के साथ ओपनिंग करने के लिए आए पॉल वल्थाटी के इरादे कुछ और ही थे. वल्थाटी ने चौके-छक्कों की बरसात करते हुए सिर्फ 63 गेंदों में नाबाद 120 रनों की पारी खेलकर किंग्स इलेवन पंजाब को छह विकेट से जीत दिला दी. अपनी शतकीय पारी में पॉल वल्थाटी ने 19 चौके और दो छक्के लगाए थे.
इस टीम के खिलाफ भी मचाया था कहर
दाएं हाथ के बल्लेबाज पॉल वल्थाटी ने फिर डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ मैच में शानदार प्रदर्शन किया. वल्थाटी ने पहले गेंदबाजी में जौहर दिखाते 29 रन देकर चार विकेट लिए. उसके बाद बल्लेबाजी में दम दिखाते हुए 47 गेंदों पर 75 रनों की धुआंधार पारी खेली. इसके बाद पॉल ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 46 रनों की धुआंधार पारी खेली. राजस्थान के खिलाफ तो उनकी टीम ने सिर्फ तीन ओवरों में 50 रन का आंकड़ा पार कर लिया था. पॉल वल्थाटी से इसके बाद वाले मैचों भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन धीरे-धीरे उनका फॉर्म गिरता चला गया.
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2012-2013 में बल्ले से पूरी तरह नाकाम
आपने ‘चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ वाली कहावत तो सुनी ही होगी . ठीक ऐसे ही था पाल वल्थाटी का ये क्रिकेटिंग सफ़र. आईपीएल के 2012 और 2013 सीजन में बुरी तहर नाकाम रहे और धीरे-धीरे आईपीएल से ही गायब हो गए. वो आईपीएल की आखिरी पांच पारियों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए थे. उन्होंने आईपीएल का अपना अंतिम मैच सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेला था जिसमें वह 6 रन ही बना बना पाए थे.
अब तक का आईपीएल करियर
पॉल वल्थाटी ने आईपीएल 2011 के सीजन में कुल 14 मैचों में 35.61 के एवरेज से 463 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे. और ये उस सीजन में शॉन मार्श के बाद किंग्स इलेवन पंजाब के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले प्लेयर थे. पॉल वल्थाटी ने ओवरऑल 23 आईपीएल मैचों में 22.95 की औसत से 505 रन बनाए, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे. अगर गेंदबाजी की बात की जाए, तो वल्थाटी ने कुल 7 विकेट हासिल किए.
चोटों से जूझते रहे पाल वल्थाटी
1983 को मुंबई में पैदा हुए पॉल वल्थाटी को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. ऐसे में उन्होंने अपने क्रिकेट खेलने के सपने को लेकर दिलीप वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी ज्वाइन कर ली. पॉल की मेहनत रंग लाई और उन्हें साल 2002 के अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली थी. उस टीम में इरफान पठान और पार्थिव पटेल भी शामिल थे. हालांकि न्यूजीलैंड में हुआ वर्ल्ड कप पॉल के लिए मुसीबतें लेकर आया, जब बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उनके आंख में चोट लग गई. इस चोट के चलते वह कुछ साल तक क्रिकेटिंग एक्शन से दूर रहे.
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हालांकि पॉल ने हिम्मत नहीं हारी और वह साल 2006 में मुंबई की सीनियर टींम में चुने गए. पॉल वल्थाटी के साथ सबकुछ सही बीत रहा था और वह आईपीएल 2011 की एंडिंग सेरेमनी के बाद भारतीय टीम मे चयन होने की रेस में भी आ गए थे, लेकिन कलाई की चोट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. वल्थाटी की हालत ऐसी हो गई कि उन्हें ठीक से बैट पकड़ने में भी तकलीफ होती थे. हालांकि पॉल ने साल 2012 के आईपीएल में जरूर वापसी की और छह मुकाबले भी खेले, लेकिन उस सीजन वह अपना घुटना चोटिल करवा बैठे. इसके बाद उन्होंने लंदन में इसका ऑपरेशन करवाया था. कहने का अर्थ यह है कि पॉल वल्थाटी की किस्मत भी उनसे रूठ गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाल्थटी अब क्रिकेट की कोचिंग देते हैं।