कहते हैं दुनियाभर में हर किसी के 7 हमशक्ल मिलते हैं. और ये बात काफी हद तक सच भी है हमने भी अपने आसपास कई लोगो को देखा है जो कहीं न कहीं किसी अन्य व्यक्ति या किसी सेलिब्रिटी से मिलते हैं. अगर आप सोशल मीडिया उठा लें तो आपको रील्स पे तमाम ऐसे हमशक्ल वाले मिल जाएंगे. जैसे शाहरुख खान के अक्षय कुमार के, सलमान खान के, एलन मस्क के और यहां तक बिग बी के नाम से जाने जाने वाले अमिताभ बच्चन के भी हमशक्ल इंडिया में अवेलेबल हैं.
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लेकिन हमें सबसे ज्यादा आश्चर्य तो तब हुआ जब हमने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हमशक्ल को देखा. उस वक़्त हम एक वक़्त के लिए दांग रह गए कि ऐसा कैसे हो गया. फिर हमने जांच पड़ताल की तो पता चला कि वो उत्तराखंड के निवासी और उनका नाम जगदीश रावत हैं. और योगी जी से प्रेरणा लेकर ही ऐसे बने हैं. हमारे रिपोर्टर ने भी जब इनसे बात की तो कुछ अजीबो गरीब और अनसुलझी गुत्थियाँ सुलझी कि भई ये कैसे हो गया? रिपोर्टर से बातचीत में क्या हुआ कैसे कैसे सवालों के जवाब दिए आइए जानते हैं.
हुबहू योगी जी से मिलता चेहरा
हमारे रिपोर्टर ने जब उनसे कहा कि आप बिलकुल ही योगी जी की तरह ही दिखते हैं आपके बाल, कान के कुंडल, भाषण और चलने के तरीके से यही प्रतीत होता है की दूर से अगर कोई भी व्यक्ति आपको देखे तो ये नहीं कह सकता कि योगी जी नहीं है. इस पर जवाब देते हुए जगदीश जी ने जवाब दिया कि, ‘ऐसा नहीं है की मैं उनकी तरह दिखता हूं मैं तो उनके पैरों की धूल भी नहीं हूं. ये तो जनता का प्यार है लोगों का हुजूम है कि जहाँ भी अब जाता हूं लोग मुझे योगी जी योगी जी कहने लगते हैं.
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ये तो भगवान का बहुत शुकर है कि मैं योगी जी जैसा दिखता हूं. आपको बता दें की योग्गी जी के हुबहू दिखने वाले जगदीश रावत भी उत्तराखंड से ही संबंध रखते हैं. जहाँ योगी जी का जिला पौड़ी गढ़वाल है तो वहिन्न उससे सटे हुए जिले अल्मोड़ा से जगदीश जी आते हैं.
निकाय चुनाव पर कही ये बात
हमारे रिपोर्टर शुभम ने जब उनसे ये जाने की कोशिश की कि उत्तरप्रदेश में निकाय चुनाव होने वाले हैं और कई जिलों में चुनाव हो भी चुके हैं तो आपको क्या लगता है कि क्या माहौल है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, ‘निकाय चुनाव का हवाला देते हुए जगदीश जी बताते हैं कि मैं तो कई सारे वार्डों में भजपा के प्रचार प्रसार के लिए घूमा हूं और और फिलहाल तो वार्ड 67 से होकर आ रहा हूं जिसमे मुझे यही लगा की चुनाव एकतरफा लग रहा है हर तरफ कमल ही कमल दिख रहा है”.
मिल गया नया टैग ‘योगी जी’
भाजपा के लिए प्रचार प्रसार की बात करते हुए जगदीश जी कहते हैं कि जब चुनाव आता है तो हमारा शेड्यूल काफी ज्यादा बिजी होता है और बीजेपी के लिए मझसे जितना भी सहयोग हो रहा है मैं उतना पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं. और हर जगह से बढ़िया रेस्पोंसे मिल रहा है.
अभी तक के रोड शो और मीटिंग के सवाल पर बताते हुए योगी जी 2.0 कहते हैं कि अभी तक मैंने कुल 15 से 16 मीटिंग्स और रोड शो कर लिए हैं. जब भी कहीं जाता हूं लोग सम्मान देते हैं और योगी जी योगी जी कहकर बुलाते हैं. एकदम से अलग नेम टैग मिल गया है.
भाजपा से कैसे रिश्ता?
जब रिपोर्टर शुभम ने उनसे पूछा कि क्या आप भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं अभी किसी भी तरह से बीजेपी से नहीं जुदा हूं हूं बस एक कार्यकर्त्ता के रूप में काम कर रहा हूं. मझसे जितना हो सकता है वो सब करने की कोशिश कर रहा हूं.
कहाँ से मिली प्रेरणा ?
जब योगी जी जैसे बनने की प्रेरणा को लेकर शुभम ने सवाल किया तो जगदीश जी ने जवाब देते हुए कहा कि, जब पहली बार योगी जी को उत्तरप्रदेश के कमान सौंपी तो ये गुंडा प्रदेश कहा जाता था उस वक़्त योगी जी का मात्र एक ही फोकस था कि प्रदेश में कानून व्यवथा को ठीक करना है और जब से बागडोर संभाली तबसे कानून व्यवस्था को ठीक किया.
अब हर जगह माहौल है और लोग कहीं भी आने जाने से नहीं डरते. तो मैं उनके इसी काम करने के तरीके से काफी ज्यादा प्रेरित हूं. और उनको तब से फॉलो करता हूं.
पेशे से करते हैं ये काम
व्यक्तिगत जीवन से जुड़े सवालों पर जवाब देते हुए जगदीश जी बताते है कि, मैं पेशे से एक होटल में नौकरी करता हूं और वहां भी लोग मुझे योगी आदित्यनाथ कहते हैं लेकिन ये वस्त्र नहीं पहनता बस कान में कुण्डल और लुक ऐसे ही रहता है तो लोग पहचान जाते हैं कि मैं कौन हूं और लोग वहां भी मेरे साथ सेल्फियां लेते हैं वहां भी उतना ही प्यार मिलता है.
योगी जी के मुख्यमंत्री बनने से पहले और आज के बीच में बदलाव को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तबसे बहुत कुछ बदल गया लोग इज्ज़त करते हैं सम्मान देते हैं तो जो लोग ये इज्जत मुझे देते हैं ये महाराज को देनी चाहिए.
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चुनाव लड़ने पर कह दी ये बात
जगदीश जी बताते हैं कि अगर भाजपा हमें इस लायक समझती है कि मैं इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने में सक्षम हूं तो मैं तो तैयार हूं चुनाव लड़ने के लिए. यहाँ तक की कुछ लोग मझे योगी जी समझकर मेरे पास अपनी समस्या तक लेकर आते हैं तो मैं उनका बता हूं कि मैं हमशकल हूं तो वो माना करते हैं कि नहीं आप ही हो और आप जानबूझकर माना कर रहे हो.
‘एक हाथ में माला, दूसरे हाथ में भाला’
जब योगी जी के फेवरेट डायलाग की बात की और उसको उनके लहजे में बोलने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि मुझे उनका ये डायलाग बहुत पसंद आता है कि, “सन्यासी को सन्यासी न समझे उसके एक हाथ में अगर माला होती है तो दूसरे हाथ में भाला भी होता है”