पंजाब के नांगल शहर में एक मंदिर है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस मंदिर का नाम है जूल्फा माता मंदिर जो कि एक हिंदू मंदिर है। आज हम जानेंगे इसी मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें…
मंदिर को लेकर ऐसी हैं मान्यता
नांगल शहर पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर पड़ता है। ये मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और इस बारे में कहते हैं कि ऋषियों ने पुराने समय में इस मंदिर को बनवाया। मान्यता है कि ऋषि जयमल जोकि माता के सच्चे भक्त हुआ करते थे उनको कुष्ठ रोग हो गया। अपनी बीमारी की वजह से उन्होंने माता की खूब तपस्या की और एक रात माता उनके सपने में आई और बताया कि पहाड़ी की चोटी के ऊपर एक पेड़ की जमीन के नीचे मेरी जटाएं हैं, जो अब पिंडी के रूप में आपको मिलेंगे। वहां से पिंडी को बाहर निकाल मेरी भक्ति करें तब जाकर आपका उद्धार हो पाएगा।
ऋषि ने पूछा की मैं आपकी पूजा किस नाम से करूं इस पर माता ने कहा कि तुम अपनी राशि के हिसाब से नाम रखकर भक्ति करो। ऋषि ने ऐसा ही किया और माता की पूजा करने लगे। ऋषि ने एक छोटा मंदिर बनाया और माता का नाम जुल्फा देवी रख दिया। आगे चलकर माता का एक बड़ा मंदिर बनाया गया।
शिव जी ने किया था मौत का तांडव
52 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जुल्फा देवी जी के दर्शन पिंडी रूप में होते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि यहां देवी सती के केस गिरे थे। कहते हैं कि देवी सती दक्ष के यज्ञ कुंड में जब कूद पड़ी तो भगवान शिव ने मौत का तांडव भी किया और माता के शरीर को लेकर पूरी पृथ्वी पर घूमने लगे और जहां पर मंदिर है वहीं देवी केकेस गिर गए इसी वजह से इसे जुल्फा देवी मंदिर कहते हैं लोग।
मौली बांधने से पूरी होती हैं मुरादें
मंदिर के साथ ही एक बहुत बड़ावट वृक्ष है जो लोगों को अपनी तरफ खींचता है। इसे मौली, धागा जैसी चीजों से बांधकर मुरादें मांगी जाती हैं। यहां हर महीने के ज्येष्ठ मंगलवार को एक बड़ा सा भंडारा भी कराया जाता है और चैत्र मास के नवरात्रों में तो पहले रविवार को बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। आश्विन महीने वाले नवरात्रों में काफी ज्यादा लोग माथा टेकने पहुंचते हैं। मंदिर के प्रमुख ने भगवान शिव की प्रतिमा भी लगाई है। मंदिर की प्रमुख देवी श्री शक्ति हैं। एक पीपल का पेड़ भी है मंदिर परिसर में जहां मौली बांध कर इच्छा मांगी जाती है। यहां पंजाब ही नहीं देश के अलग अलग इलाके से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं।