Gangsters died in Jail full details in Hindi – 90 के दशक में यूपी-बिहार में आतंक का पर्याय रहे बाहुबली मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं रहा। दरअसल, यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत गुरुवार को बिगड़ गई, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। हालांकि, इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी मौत हो गई। अपने जीवन के आखिरी पलों में भी मुख्तार जेल में ही रह रहा था। वहीं, मुख्तार के अलावा और भी कई गैंगस्टर थे जिनकी जेल में रहते हुए मौत हो गई।
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मोहम्मद शहाबुद्दीन – Gangsters died in Jail
90 के दशक में राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को आतंक और डर का दूसरा नाम माना जाता था। 2004 में शहाबुद्दीन और उसके गुर्गों ने फिरौती की रकम नहीं देने पर दो भाइयों की हत्या कर दी थी। इस मामले में शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। नियमानुसार उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया। इसी दौरान वह कोरोना से संक्रमित हो गया। इसके बाद मई 2021 में शहाबुद्दीन की दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
अतीक अहमद
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर और समाजवादी पार्टी के सांसद अतीक अहमद की पिछले साल अप्रैल में हत्या कर दी गई थी। दरअसल, उमेश पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने पिछले साल अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रिमांड पर लिया था। 15 अप्रैल की रात करीब 10 बजे प्रयागराज में जब पुलिस अतीक और उसके भाई को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जा रही थी, तभी खुद को पत्रकार बताने वाले तीन हमलावरों अरुण मौर्य, सनी और लवलेश तिवारी ने दोनों भाइयों को गोलियों से छलनी कर दिया। जिस वक्त ये हमला हुआ उस वक्त अतीक अहमद और अशरफ की सुरक्षा में 19 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
टिल्लू ताजपुरिया
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कैदी टिल्लू ताजपुरिया की पिछले साल मई में गैंगवार में मौत हो गई थी। टिल्लू जेल के अंदर से ही अपना गैंग चलाता था और 24 सितंबर 2021 को उसने शूटर भेजकर अपराधी जितेंद्र गोगी की हत्या कराई थी। टिल्लू को 2016 में पुलिस ने हिरासत में लिया था और मंडोली जेल में रखा था। हालांकि, जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद उसे तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा – Gangsters died in Jail
मुख्तार अंसारी के खास शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पिछले साल लखनऊ में एक अदालती सुनवाई के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वकील की वेशभूषा में आए हमलावर ने अदालत कक्ष के अंदर संजीव जीवा पर गोलियां चला दीं, जिससे उसकी मौत हो गई।
संजीव ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी और इस तरह अपने आपराधिक करियर की शुरुआत की। संजीव 2005 में छह लोगों की मौत में भी शामिल था, जिसमें गाजीपुर के भी विधायक कृष्णानंद राय भी शामिल थे।