पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कूचबिहार (Cooch Behar) से एक बेहद तनावपूर्ण खबर आ रही है। ये खबर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाती नजर आ रही है। दरअसल बीजेपी (BJP) के राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद अनंत महाराज (Anant Maharaj) पर आश्रम में घुसकर साधु की पिटाई करने का आरोप लगा है। जिसके बाद इलाके में बेहद तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। इलाके के ग्रामीण सड़कों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सड़क पर टायर जलाकर और नारेबाजी कर विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सांसद अनंत महाराज की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वे प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। वहीं टीएमसी ने इस पूरे मामले में बीजेपी को भी घेरा है।
ये है पूरा मामला- MP Anant Maharaj controversy
आरोप है कि रविवार की शाम अनंत महाराज सीताई स्थित रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम (Ramakrishna Vivekananda Seva Ashram) आए थे। इस दौरान आश्रम के साधु विज्ञानानंद तीर्थ महाराज से धार्मिक चर्चा को लेकर अनंत झगड़ा करने लगे। आरोप है कि अनंत महाराज ने साधु को धक्का दिया और मारपीट की। इस दौरान अनंत महाराज के कई सहयोगी भी उनके साथ थे। आरोप है कि साधु की पिटाई करने के बाद अनंत महाराज आश्रम से चले गए। जब ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने सीताई- माथाभांगा राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन कर अनंत महाराज की गिरफ्तारी की मांग की। सीताई थाना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामले को शांत कराया।
टीएमसी नेता ने बीजेपी को घेरा
इस पूरे मामले को लेकर अब टीएमसी बीजेपी पर हमलावर है। इस मामले को लेकर टीएमसी की ओर से बयान जारी किया गया है। दरअसल, इस पूरे मामले पर टीएमसी नेता और उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा (TMC leader Udayan Guha )ने घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस से उचित कार्रवाई करने को कहा है।
बीजेपी सांसद ने भी आरोपों को लेकर दिया बयान- BJP MP Anant Maharaj statement
आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस पूरे मेल को लेकर बीजेपी सांसद अनंत महाराज का बयान सामने आया है। साधु पर लगे मारपीट के आरोपों पर बीजेपी सांसद अनंत महाराज (BJP MP Anant Maharaj) ने कहा कि मारपीट की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वे आश्रम गए थे और महाराज का नाम, पहचान और शैक्षणिक योग्यता पूछ रहे थे लेकिन उन्होंने गुस्से में बताने से इनकार कर दिया। सांसद ने कहा कि बाद में साधु ने कुछ स्थानीय ग्रामीणों को गुमराह किया जिसकी वजह से विरोध हो रहा है।
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