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इस मशहूर जेल में तैयार किए जा रहे 10 फंदे, जानिए किस तरह से बनाए जाते हैं फांसी के फंदे

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इस मशहूर जेल में तैयार किए जा रहे 10 फंदे, जानिए किस तरह से बनाए जाते हैं फांसी के फंदे

“फांसी का फंदा” ये कोई आम फंदा नहीं होता, हद से ज्यादा बड़ा गुनाहा करने वाले अपराधी को इस फंदे से लटकाया जाता है. कई तरह की जांच करने के बाद जब अपराधी का गुनाहा सीध हो जाता है तब जाकर कहीं अदालत अपराधी को मौत की सजा सुनाती है, जिसके बाद उसे फांसी पर लटकाया जाता है. वहीं, फंसी पर लटकाने वाला जल्लाद जिस फंदे से अपराधी को लटकाता है, वो फांसी का फंदा तैयार करना कोई आसान काम नहीं है. आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह से एक फांसी का फंदा तैयार किया जाता है, तो आइए जानते हैं…

ये जेल है प्रसिद्ध

आपको बता दें कि पूरे देश में फांसी का फंदा बनाने के लिए बिहार का बक्सर जेल काफी प्रसिद्ध है. वहीं, इस हफ्ते के अंत तक बक्सर जेल में फांसी के 10 फंदे तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

10 फंदे तैयार करने का कार्य जारी

सोमवार, 09 दिसंबर को बक्सर जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि “हमें पिछले हफ्ते जेल निदेशालय से फांसी के दस फंदे तैयार करने के निर्देश मिले थे. हमें नहीं पता कि इन फंदों का प्रयोग कहां होगा. हालांकि 4 से 5 फंदे बनकर तैयार हो गए हैं.”

अफजल गुरु के लिए फंदे

संसद हमले के मामले में दोषी पाए गए अफजल गुरु को मौत की सजा के लिए जिस रस्सी के फंदे का प्रयोग किया गया था, उस फांसी के फंदे को बक्सर जेल में ही तैयार किया गया था, ये जेल फांसी के फंदे बनाने में दक्षता के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. वहीं, बक्सर जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि अपराधी अफजल गुरु को मौत की सजा के लिए यहां से ही बने फंदे का प्रयोग किया था या नहीं, इसका उन्हें नहीं पता है लेकिन उन्हें केवल ये ही याद है कि उस वक्त भी यहां से ही रस्सी के फंदे बनवाकर मंगाए गए थे.

निगरानी में तैयार होते हैं फंदे

फांसी के फंदे तैयार करने के लिए बक्सर जेल का इतिहास बहुत पुराना है. बता दें कि फांसी के फंदे तैयार करने के लिए एक खास तरह के धागों का प्रयोग किया जाता है. इस बनाने के लिए कैदियों को लगाया जाता है, जिनकी निगरानी दक्ष लोगों द्वारा की जाती है. इन्ही की निगरानी में फांसी के फंदे तैयार किए जाते हैं और जिस जगह जरूरत होती है, वहां पर भेज दिए जाते हैं.

बढ़ गया धागों का मूल्य

जेल अधीक्षक अरोड़ा का कहना है कि पिछली बार जिस रस्सी के इस्तेमाल से फांसी का फंदा तैयार किया गया था, उसे 1725 रुपये की कीमत पर बेचा गया था. उन्होंने आगे कहा कि बढ़ती महंगाई और इसमें प्रयोग होने वाले धागों का मूल्य बढ़ा है, जिसके चलते इस बार फंदे वाली रस्सियों की दर थोड़ी बढ़ सकती हैं.

कैसे बनता है फंदा

फांसी के फंदे को किस तरह से बनाया जाता है उसके बारे में जेल अधीक्षक अरोड़ा ने बताया कि “बक्सर जेल में लंबे वक्त से फांसी के फंदे बनाए जाते हैं, एक फांसी का फंदा 7200 कच्चे धागों से बनता है. एक लट में लगभग 154 धागे होते हैं, जिन्हें मिलाकर 7200 धागों का कर लिया जाता है. एक रस्सी को तैयार करने में 3 से 4 दिनों का समय लगता है, जिसे बनाने के लिए 5 से 6 कैदी काम करते हैं. इसे तैयार करने में थोड़ा मशीन का भी इस्तेमाल किया जाता है.”

क्या है रस्सी की विशेषता

इस फांसी के फंदे की विशेषता के बारे में जेल अधीक्षक का कहना है कि ये रस्सी अन्य रस्सियों की तुलना से काफी मुलायम रहती है, जो लगभग 150 किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता रखती है.

वाडा ने रूस को 4 साल के लिए किया आउट! नहीं खेल पाएंगे टोक्यो ओलंपिक और फुटबॉल वर्ल्ड कप

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वाडा ने रूस को 4 साल के लिए किया आउट! नहीं खेल पाएंगे टोक्यो ओलंपिक और फुटबॉल वर्ल्ड कप

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने सोमवार को रूस को 4 साल के लिए टोक्यो ओलंपिक 2020 और बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 की खेल प्रतियोगिताओं से बाहर कर दिया है। 4 साल के बैन के बाद अब रूस किसी भी प्रकार के मुख्य खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पायेगा। साथ ही आगामी टोक्यो ओलम्पिक 2020 और क़तर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 से बाहर होना रूस के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। वाडा के इस कड़े निर्णय के बाद रूस की फुटबॉल टीम के लिए अगले 4 साल का करियर अंधेरे में जाता दिख रहा है।

वाडा ने लगाया ये आरोप 

वाडा ने रूस पर एक एंटी डोपिंग प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाए हैं। और इसी के रूस को 4 साल के लिए मुख्य हिस्सों में भाग लेने से बैन कर दिया। वाडा के एक प्रवक्ता के मुताबिक,”सिफारिशों की पूरी सूची सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गयी है। वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया।”

21 दिन के भीतर अपील कर सकता है रूस 

रूस के पास वाडा के इस बैन के खिलाफ अपील करने के लिए सिर्फ अगले 21 दिन हैं। अगर रूस अपील करता है तो ये मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) को भेजा जाएगा। वाडा ने रूस के प्रति काफी कड़ा सख्त रवैया अपना है। वाडा के उपाध्यक्ष लिंडा हेलेलैंड ने कहा, ‘रूस पर यह बैन प्रर्याप्त नहीं है।’बता दें कि वाडा की लुसाने में कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला किया गया।

क्लीन चिट खिलाड़ियों को मिलेगी राहत 

वाडा के एक प्रवक्ता के मुताबिक भले ही रूस पर ये प्रतिबंध लगा हो, लेकिन वो खिलाड़ी जिन्हें डोपिंग में क्लीन चिट मिल जायेगी, वे न्यूट्रल फ्लैग के खेलों में हिस्सा ले सकेंगे। लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जबकि वे यह साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है।फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गयी थी।’’

बता दें साल 2016 में जारी की गई मैकलारेन रिपोर्ट में रूस में विशेषकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था।

हैदराबाद रेप मर्डर के दरिंदों का क्राइम सीन रिक्रिएशन के वक़्त हुआ था शूटआउट, जानें क्या है ये?

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हैदराबाद रेप मर्डर के दरिंदों का क्राइम सीन रिक्रिएशन के वक़्त हुआ था शूटआउट, जानें क्या है ये?

हैदराबाद में 27 नवंबर को हुए गैंगरेप के बाद महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या की रातों रात हुई सनसनीखेज वारदात ने पूरे देशवासियों के रोंगटे खड़े कर दिए। इस घटना ने लोगों के दिलों में इतनी गहरी छाप छोड़ी कि सोशल मीडिया पर उन चार दरिंदों को सूली पर लटकाने की मांग तेज होती गई। और नतीजन आज यानि शुक्रवार को हत्या के चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिए गए। पुलिस की मानें, तो उन्हें क्राइम सीन रीक्रिएट करने के देर रात घटनास्थल पर ले जाया गया था। जहां से आरोपियों ने पुलिस को चकमा देकर वहां से भागने की कोशिश की। और इसी कोशिश में मुठभेड़ के दौरान पुलिस को मौका ए वारदात पर सेल्फ डिफेन्स में आरोपियों को शूट करना पड़ा। ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर कौंधा होगा कि आखिर ये क्राइम सीन रिक्रिएशन या रीकंस्ट्रक्शन क्या होता है और कैसे होता है। आखिर पुलिस को इस काम के लिए आरोपियों को रात में ही क्यूं क्राइम स्थल पर ले जाना पड़ा?

दरअसल कई बार जैसी घटना दिखाई दे रही होती है, वो वैसी होती नहीं है। उदाहरण के तौर पर अगर शुरू में कोई सुसाइड का केस लग रहा है लेकिन परिवारवालों या मृतक के करीबियों ने मर्डर का शक जताया है। या फिर मृतक के करीबी आरोप लगा रहे हों कि हत्या करके शव को आत्महत्या जैसा दिखाने की साजिश रची जा रही है।  तो ऐसे मामलों में पूरी घटना की एक अलग एंगल से जांच की जाती है।

कैसे होता है क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन?

ऐसे वक़्त में क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन किया जाता है। जिसमें क्या हुआ, कब हुआ, कहां हुआ, कैसे हुआ, किसने किया और क्यों किया जैसे सिद्धांतों पर काम किया जाता है। इस प्रक्रिया में जिस वक्त घटना होती है, ठीक उसी वक्त और उसी जगह पर पुलिस आरोपी को ले जाकर फिर से घटना का सीन क्रिएट करवाती है। पुलिस का सीन रिक्रिएट करना एक नार्मल प्रक्रिया है ताकि वह हर चीज व सबूतों को अदालत के सामने पेश कर सके। जितना आसान ये सुनने में लग रहा है, पुलिस के लिए ये उतना ही पेंचीदा काम है। घटनास्थल पर मिले सबूतों के आधार पर ये तय किया जाता है कि घटना कैसे हुई। रिक्रिएशन के दौरान मिले सबूतों की वैज्ञानिक जांच की जाती है। इसके अलावा केस से जुड़ी सभी इन्फॉर्मेशन की डिटेल में स्टडी की जाती है और फैक्ट्स के आधार पर एक थ्योरी तैयार की जाती है।

बता दें कि हैदराबाद में दिशा के साथ हुई रेप मर्डर की वारदात रात के सुनसान अंधेरों में हुई थी। जिस वजह से आरोपियों को पुलिस द्वारा रात में घटनास्थल पर ले जाया गया। सरल शब्दों में बात करें तो वारदात के वक़्त लाइट कितनी थी, सड़क किस स्थिति में थी, आसपास के लोगों का कैसा मूवमेंट था इन सब फैक्टर्स की भी बारीकी से जांच की जाती है।

पीड़ित से होती है शुरुआत 

क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन की शुरुआत पीड़ित से होती है। पूरी घटना की पूछताछ और जानकारी सबसे पहले पीड़िता से जुटाई जाती है। अगर किसी केस में पीड़िता की मौत हो जाती है तो उसके करीबियों का इंटरव्यू लिया जाता है। या फिर घटना के आरोपियों और अपराध स्थल पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जाती है। साथ ही घटनास्थल की काफी सावधानीपूर्वक फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की जाती है। और इसका बारीकी से विश्लेषण किया जाता है।

इसको आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि मान लीजिये कि किसी घटना में एक अपराधी ने किसी को गोली मार दी है। ऐसी कंडीशन में जांचकर्ता इस बात पर गौर करेगा कि अगर निर्धारित स्थान से और एक निर्धारित एंगल से शूट किया जाता है, तो गोली कहां जाकर लगेगी। और असल में पीड़ित को कहां लगी है।

बता दें कि हैदराबाद रेप मर्डर केस में सीन रिक्रिएशन के वक़्त आरोपियों की हथकड़ियां निकाल दी गई थी। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार खतरनाक अपराधियों के मामले में पुलिस अपील करती है कि उन्हें हथकड़ियां लगाकर रखने की अनुमति मिले। इस मामले में पुलिस के मुताबिक अपराधियों को हथकड़ियां इसलिए नहीं पहनाई गई थी क्योंकि उनका इससे पहले फरार होने का कोई रिकॉर्ड नहीं था।

इन फैक्टर्स पर होती हैं जांच 

अगर अपराध हिंसक है तो इस केस में क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन में खून के धब्बे एक अहम सबूत माने जाते हैं। दरअसल जब खून किसी जख्म, किसी हथियार या अन्य चीज़ पर गिरता है तो एक ख़ास तरीके का पैटर्न बनता है। खून के छीटों से जांचकर्ताओं को खून की दिशा का पता चलता है। अगर पीड़ित या आरोपी ने उस वक़्त भागने की कोशिश की है, तो इस गुत्थी को सुलझाने में भी खून के छींटों का काफी बड़ा रोल होता है।

सीन रिकंस्ट्रक्शन में सिर्फ खून के धब्बों का ही नहीं बल्कि पैरों के निशान का भी काफी अहम रोल होता है। अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति  ये कहता है कि वो घटना के वक़्त मौजूद नहीं था और उसके पैरों के निशान घटनास्थल में मिले निशानों से मेल खा जाते हैं, तो वो व्यक्ति भी दोषी करार दिया जाएगा। कई बार हत्या, लूटपाट, मारपीट और रेप के मामलों में पैरों के निशान ने कई छुपे मुजरिमों को जेल की सलाखों तक पहुंचाया है। दरअसल चप्पलों या जूते के सोल के निशान घटनास्थल पर छप जाते हैं जो कभी नज़र आ जाते हैं और कभी नहीं भी आते।

ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत में क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन किया गया हो, ये ज्यादातर हर क्राइम वारदातों में किया जाता है। जिसके आधार पर एक नतीजे पर न्यायपालिका पहुंचती है। ये पुलिस का कानूनी अधिकार भी है कि वह आरोपियों को सीन रिक्रिएट करने के लिए ले जा सकती है। हालांकि हैदराबाद केस में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि किन हालात में पुलिस को गोली चलानी पड़ी और क्या पुलिस ने सीन रिक्रिएट के दौरान सावधानी नहीं बरती। ऐसे में पुलिस को अभी कई अनसुलझे सवालों के दौर से गुजरना होगा जिनके जवाब अभी सामने आना बाकी है।

सिर्फ शादीशुदा ही नहीं, लिव-इन में रह रही महिलाओं को भी दिए गए हैं ये कानूनी हक़, क्या आप जानते हैं ?

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सिर्फ शादीशुदा ही नहीं, लिव-इन में रह रही महिलाओं को भी दिए गए हैं ये कानूनी हक़, क्या आप जानते हैं ?

शादी में दरार पड़ने और तलाक होने के बाद हाल ही में महिला के अधिकारों को लेकर जनता जागरूक हुई है। लेकिन अभी भी भारत के आधे से ज्यादा हिस्सों में वैवाहिक संबंध से अलग हो जाने के बाद सही जानकारी न होने पर महिलाएं अपने हक़ की आवाज नहीं उठा पाती हैं। और अपने पार्टनर से अलग होने पर उन्हें फाइनेंशियल तरीके से काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

ऐसे में आजकल ये सोच भी प्रकाश में आ रही है कि इस स्थिति में लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं के अलग होने पर उनकी परेशानियां डबल हो जाती होंगी। क्योंकि समाज में अधिकतर जगहों पर लिव इन को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन क्या आपको पता है पिछले कुछ सालों में सरकार ने लिव इन में रह रही महिलाओ और बच्चों के लिए भी कुछ अधिकार सुनिश्चित किये हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन को इस तरह किया परिभाषित 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव इन रिलेशनशिप को पांच कैटेगरी में परिभाषित किया है। पहला जवान और अविवाहित पुरुष महिला के घरेलु संबंध, दूसरा शादीशुदा पुरुष और अविवाहित महिला जिसमें पुरुष के शादीशुदा होने की जानकारी महिला को होनी चाहिए, तीसरा अविवाहित पुरुष और शादीशुदा महिला जिसमें महिला के शादीशुदा होने की जानकारी पुरुष को हो, चौथा शादीशुदा पुरुष और अविवाहित महिला जिसमें पुरुष के शादीशुदा होने की जानकारी महिला को नहीं हो और पांचवा समलैंगिक पार्टनर के लिव इन रिलेशन के संबंध।

महिलाओं के क्या हैं वैवाहिक अधिकार?

सबसे पहले बता दें कि महिलाओं को क्या वैवाहिक अधिकार दिए गए हैं जिनका सहारा लेकर वो स्वतंत्र तरीके से अपनी आजीविका जिंदगी भर चला सकती हैं। इन अधिकारों में पिता की प्रॉपर्टी से लेकर बच्चों के भरण पोषण तक के अधिकार शामिल हैं। महिलाओं को भरण पोषण का अधिकार देने वाला क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) का सेक्शन 125 है।

हिन्दू मैरिज एक्ट,1955(2) और हिंदू एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट, 1956 के अंतर्गत महिलाओं को तलाक के बाद भरण पोषण का अधिकार दिया गया है। जिसके लिए वो तलाक के बाद आवाज उठा सकती हैं। प्रोटेक्शन ऑफ़ वूमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलंस एक्ट, महिलाओं की शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ सुरक्षा के लिए बनाया गया है।

लिव इन में दिए गए ये अधिकार 

इसकी सिफारिश साल 2003 में मलिमथ समिति द्वारा की गई थी। जिसके बाद सेक्शन 125 को CrPC में शामिल किया गया था। इसके तहत पत्नी का अर्थ बदला गया और  उसमें लिव इन रिलेशनशिप की महिलाओं को जोड़ा गया। इसमें बताया गया कि अगर महिला पूरी तरीके से लिव इन के दौरान पुरुष पर भरण पोषण के लिए आश्रित है,  तो अलग होने के बाद भी उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी पुरुष पर होगी।

रिश्तों में दरार आने के बावजूद भी मेल पार्टनर को अपनी फीमेल पार्टनर की वित्तीय जरूरतों का  ख्याल रखना होगा। डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट में भी शादीशुदा महिला के बराबर लिव इन में रह रही महिला का जिक्र है।

पेरेंट्स की वसीयत पर बेटियों का हक़ 

हिंदू सक्सेशन एक्ट, 1956 को 2005 में संशोधित किया गया। इस एक्ट में महिलाओं को पैरेंट प्रॉपर्टी पर अधिकार मिला था। इसके मुताबिक बेटियां शादीशुदा हो या अविवाहित, इन दोनों केस में ही उनको माता पिता की जमीनी जायदाद पर हक़ मिलेगा। इससे पहले ये हक़ सिर्फ बेटों को ही देने का प्रावधान था। पेरेंट्स द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी पर भी उनकी वसीयत के मुताबिक हिस्सा मिलेगा।

अधर्मज संतान को भी मिलेगा प्रॉपर्टी का हिस्सा 

अधर्मज संतान का अर्थ है वो संतान जो कि बिना शादी या दूसरी शादी या किसी लड़की को धोखा दे कर पैदा की गई हो। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर स्त्री पुरुष लंबे समय तक साथ रहते हैं तो उनके संबंधो से होने वाली संतान को वैध माना जाएगा। साथ ही CrPC के सेक्शन 125 में अपने अधर्मज बच्चों की भी भरण पोषण की जिम्मेदारी पुरुष उठाएगा। साथ ही हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 16 के तहत ये बच्चे भी पैरेंट्स की प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी होते हैं।

क्या आप भी केले के छिलके को बेकार समझ फेंक देते हैं? तो जानिए इनके जबरदस्त फायदे…

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क्या आप भी केले के छिलके को बेकार समझ फेंक देते हैं? तो जानिए इनके जबरदस्त फायदे…

“केला” जिसे ज्यादातर लोग खना पसंद करते हैं. ये खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उसे ज्यादा इसमें कई ऐसे पोषण तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. वहीं, जब भी कोई केले का सेवन करता है तो वो सबसे पहले उसके छिलके को उतारकर फेंकता है लेकिन क्या आपको इस बारे में जानकारी है कि जिस केले के छिलके को आप व्यर्थ समझ उतार कर फेंक देते हैं वो काफी गुणकारी होता है, तो आइए आपको किले के छिलकों के बारे में बताते हैं ये आपके किस तरह से काम आ सकते है.

माइग्रेन में मदद

जिन लोगों को सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या है उनके लिए केले का छिलका फायदेमंद साबित हो सकता है. सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्या से राहत पाने के लिए अपने माथे और गर्दन पर केले के छिलके को रगड़ें. इसमें मौजूद पौटेशियम आपको सिर दर्द से आराम दिलवाने में मददगार साबित होता है, साथ ही ये दिमाग को ठंडा भी करता है.

दांत करें साफ

अगर आप कई तरह के दंतमंजन का प्रयोग कर चुके हैं और रोजाना बर्श करने के बाद भी आपके दांत सफेद नहीं हो रहे हैं तो ऐसे में आपके लिए केले का छिलका काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. केले के छिलके के इस्तेमाल से आप अपने दांतों को चमका सकते हैं. इसके लिए अपने दांतों पर कुछ मिनट के लिए केले के छिलके के अंदर वाले भाग को रगड़िए. इसके बाद अपने दांतों को धो लीजिए. इस तरह से हफ्ते में एक बार करने पर आपके दांतों की चमक वापस आ जाएगी.

बाल बने नरम और मजबूत

केले के छिलके के इस्तेमाल से आप अपने बालों को नरम और मजबूत बना सकते है. इसके लिए आपको केले के छिलके को हेयर मास्क के जैसे प्रयोग करना है. इससे आपके बाल नरम बनने के साथ ही चमकदार भी हो जाएंगे.

त्वचा बनाए मुलायम

अगर आप अपने चेहरे की कोमलता को बरकार रखना चाहते हैं तो केले के छिलके को फेंकने की बजाए उससे अपने चेहरे पर लगभग दो मिनट तक मसाज करें. इसके बाद अपने चेहरा को धुल लीजिए. ऐसा करने से आपका चेहरा बेहद मखमली हो जाएगा. बता दें कि केले का छिलका खून साफ करने के साथ ही कब्ज जैसी समस्यां को दूर करने में मददगार साबित होता है.

नोट- हमने ऊपर आपको जो भी उपाय बताए हैं वो अलग-अलग के सूत्रों से लिए गए हैं, इन्हें अपनाने के लिए नेड्रिक न्यूज सलाह नहीं देता है. इसलिए डॉक्टर्स के कहने पर ही उपयों को अपनाएं.

महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम, अब हर थाने में बनाई जाएगी महिला हेल्प डेस्क

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महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम, अब हर थाने में बनाई जाएगी महिला हेल्प डेस्क

हाल में महिलाओं के साथ बढ़ रहे जघन्य अपराधों को मद्देनज़र रखते हुए देश में गुस्से का माहौल है। जनता पूरे प्रशासन से महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने देश के हर थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही इन थानों के लिए गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड से 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। बता दें कि हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के रेप और मर्डर के बाद उन्नाव में रेप पीड़िता को बेरहमी से जिंदा जला देने का मामला उजागर हुआ था। जिससे देश की जनता काफी भड़की हुई है।

पूरे देश में लागू की जायेगी योजना 

केंद्र सरकार का महिलाओं को लेकर उठाया गया ये कदम पूरे देश में लागू किया जायेगा। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के थानों में एक महिला हेल्प डेस्क बनाई जायेगी। इसकी मंजूरी गृह मंत्रालय द्वारा दी गई है जिसके लिए 100 करोड़ की राशि निर्भया फंड से ली गई है। इसकी सहायता से कोई भी महिला पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत महिला हेल्प डेस्क पर कर सकेगी। इस डेस्क पर अनिवार्य रूप से महिला पुलिस अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज का ये बयान 

सरकार की इस योजना पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने कहा है कि अपराध होने पर अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग उठती है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश पाने के लिए व्यवस्था को कुशलतापूर्वक ढंग से काम करने के लायक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार करने के लिए जांच, अभियोजन और समाधान पर अविलंब बहस होनी चाहिए। और इस मुद्दे को अलग अलग पक्षों की सरकार के संज्ञान में लाना चाहिए।

महिला अधिकारियों को किया जायेगा प्रशिक्षित 

महिलाओं की सहायता संवेदनशील और बेहतर तरीके से की जाए, इसलिए महिला हेल्प डेस्क की अधिकारियों को ढंग से प्रशिक्षित किया जाएगा। ये हेल्प डेस्क कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि की सुविधा देने के लिए वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के पैनल को सूचीबद्ध करेगी। इन सभी का इस्तेमाल महिलाओं की मदद करने में किया जाएगा।

टीम इंडिया के खिलाड़ी मनीष पांडे ने गर्लफ्रेंड आश्रिता संग रचाई शादी, देखें खूबसूरत तस्वीरें…

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टीम इंडिया के खिलाड़ी मनीष पांडे ने गर्लफ्रेंड आश्रिता संग रचाई शादी, देखें खूबसूरत तस्वीरें…

क्रिकेट और बॉलीवुड में एक खास संबंध हमेशा से रहा है. कई खिलाड़ियों और एक्ट्रेस के नाम एक-दूसरे के साथ जुड़ते हुए अक्सर देखे जाते है. बॉलीवुड और क्रिकेट की कई जोड़ियां भी बनी है, जिनमें से सबसे मशहूर कप्तान विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की जोड़ी है. अब एक और क्रिकेटर एक्ट्रेस के साथ शादी के बंधन में बंध गया है लेकिन ये एक्ट्रेस बॉलीवुड की नहीं बल्कि साउथ इंडस्ट्री की है.

टीम इंडिया के बल्लेबाज मनीष पांडे ने अपनी गर्लफ्रेंड आश्रिता शेट्टी संग शादी रचा ली है. मुंबई में घर वालों की मौजूदगी में दोनों शादी के बंधन में बंधे. बेंगलुरू में रहने वाले पांडे की शादी का जश्न दो दिनों तक चलेगा. सोशल मीडिया पर दोनों की शादी की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही है, जिसमें मनीष शेरवानी पहने हुए, तो वहीं आश्रिता कांजीवरम सिल्क साड़ी पहने हुए नजर आईं. दोनों की जोड़ी काफी जबरदस्त लग रही है.

शादी करने से पहले पांडे ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में अपनी टीम को जीत दिलाई थी. कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए उन्होनें 45 रनों पर 60 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी. तमिलनाडु ये मुकाबला सिर्फ एक रन से हारी. रविवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम को चैंपियन बनाने के बाद मनीष सोमवार को शादी के बंधन में बंध गए. इसके अलावा पांडे 6 दिसंबर से शुरू होने वाली भारत बनाम वेस्टइंडीज सीरीज का भी हिस्सा हैं.

बता दें कि आश्रिता शेट्टी साउथ इंडस्ट्री का एक बेहद ही फेमस चेहरा है. 26 साल की आश्रिता साउथ की कई बड़ी फिल्मों में काम कर चुकी है. आश्रिता इंद्रजीत, ओरु कन्नयम मूनू कलावानिकलम, उदयम एनएच4 जैसी बड़ी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं.

घरेलू क्रिकेट खेलते खेलते मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए पहला वनडे मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था. अभी तक वो 23 वनडे मुकाबले खेल चुके है, इनमें से 18 पारियों में पांडे ने 36.66 की औसत से 440 रन बनाए है. जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल है. इसके अलावा पांडे ने टी-20 में 31 पारियां खेली है, जिनमें से 26 पारियों में उन्होनें 37.66 की औसत से 565 रन बनाए है. इसके अलावा मनीष पांडे आईपीएल भी खेलते हैं.

दुनिया की पहली ड्रेस जिसे छुआ नहीं जा सकता लेकिन खरीदा जा सकता है, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश!

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दुनिया की पहली ड्रेस जिसे छुआ नहीं जा सकता लेकिन खरीदा जा सकता है, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश!

फैशन की दुनिया में कई एक से बढ़कर एक ड्रेस मौजूद है जिनमें से कई ड्रेस तो इतनी ज्यादा महंगी होती हैं कि उन्हें छुना तो दूर हम उसका सपना देखने से भी घबराते हैं कि कहीं उसके भी हमसे दाम न मांग लिए जाएं, लेकिन अगर आपको कोई कहे कि एक ड्रेस है जो देखने में बहुत अच्छी होने के साथ मंहगी भी है और उसे कोई चाहकर भी छू नहीं सकता है तो?

ये जानकर आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी ड्रेस हो सकती है जिसे चाहकर भी छुआ क्यों नहीं सकता है. आइए आपको ऐसी ही एक ड्रेस के बारे में बताते हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है और किस वजह से इस ड्रेस को कोई छू नहीं सकता है.

हम जिस खास ड्रेस के बारे में बात कर रहे हैं उसकी कीमत काफी हैरान कर देने वाली है. इस ड्रेस को खरीदने के लिए आपको लगभग सात लाख रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे. बता दें कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित सुरक्षा कंपनी क्वांटस्टैंप के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड मा ने अपनी पत्नी के लिए ऐसी ड्रेस पर खर्चा किया है जो कपड़ा फिजीकल फॉर्म में मौजूद ही नहीं. जिसे खरीदने के लिए रिचर्ड ने 9,500 अमरीकी डॉलर का खर्चा किया है.

इस बड़ी वजह से छुई नहीं जा सकती ड्रेस

आपको बता दें कि इस ड्रेस को इसलिए नहीं छुआ जा सकता है क्योंकि ये एक डिजिटल ड्रेस है. इसे फैशन हाउस द फैब्रिकेंट ने तैयार किया है. इस ड्रेस को डिजिटल के दौर को देखते हुए खास तौर पर बनाया गया है. वहीं, अब इस डिजिटल ड्रेस के पेश होने के बाद से लोग थोड़े हैरान भी हैं.

बता दें कि इस ड्रेस को लेकर रिचर्ड मा कहना है कि सच में ये डिजिटल ड्रेस काफी महंगी है, लेकिन ये भी एक तरह के निवेश है. रिचर्ड ने आगे कहा कि मेरी पत्नी महंगे कपड़े खरीदने का शौक नहीं रखती हालांकि फिर भी वो इस ड्रेस को बनवाने की इच्छा रखी हैं.

वहीं, उन्होंने आगे बताया कि इस ड्रेस को महंगा होने के बाद भी इस वजह से बनवाया क्योंकि इसका इस्तेमाल बहुत लंबे समय तक किया जा सकता है. रिचर्ड मा का ऐसा मानना है कि आने वाले 10 साल में हर व्यक्ति ‘डिजिटल फैशन’ के दौर में चला जाएगा और ये अपने आप में पूरी तरह से अलग होगा.

क्या आप भी हैं पीठ दर्द की समस्या से बेहद परेशान? तो जरूर जान लीजिए ये घरेलू नुस्खे…

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क्या आप भी हैं पीठ दर्द की समस्या से बेहद परेशान? तो जरूर जान लीजिए ये घरेलू नुस्खे…

Home remedies for Back Pain in Hindi – बदलते लाइफस्टाइ के चलते जहां हमारे खानपान में भी बदलाव हो गए हैं, तो वहीं रोजमर्रा के कामों के चलते तनाव भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में दिनभर बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए तो काफी मुश्किले खड़ी हो जाती है. पूरे दिन बैठकर काम करने से पीठ के निचले भाग में काफी दर्द होने लगता है और दर्द तो इस कदर बढ़ जाता है कि सहने तक की शक्ति खत्म सी हो जाती है. वहीं, दर्द निवारक दवा खाने से एक बार के लिए दर्द में आराम तो मिल जाता है, लेकिन वो भी कुछ समय तक ही राहत देने में मददगार साबित होता और फिर से दर्द शुरू होने लगता है. अगर आप भी पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं और ये दर्द सही होने का नाम नहीं ले रहा है तो आज हम आपको नुस्खें बताने जा रहे हैं वो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, आइए आपको बताते हैं…

व्यायाम करें – Home remedies for Back Pain

रोजाना व्यायाम करने से व्यक्ति सेहतमंद रहता है, ऐसे में अगर आप व्यायाम को अपनाते हैं तो आपका शरीर लचीला बनने के साथ कमर दर्द से राहत पहुंचाता है. रोजाना व्यायाम करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत बनीं रहेगी. साथ ही दर्द की शिकायत दूर हो जाएगी.

नमक की सिकाई

आपको सबसे पहले काले नमक को अच्छे से गर्म कर लेना है उसके बाद इसे एक कपड़े में बांध लें और फिर आपके पीठ जिस हिस्से में दर्द है, वहां पर इस कपड़े को बांधकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. नमक की सिकाई करने से आपके मांसपेशियों को आराम पहुंचता हैं और इस असहनीय दर्द में राहत भी मिलती है.

तेल मालिश

पीठ दर्द से राहत पाने के लिए आपको सरसों का तेल लेकर अच्छे से गर्म कर लेना है. उसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर इस अपने पीठ के उस हिस्से पर लगा लें जहां पर दर्द है और फिर इस तेल से अपने कमर की अच्छे से मालिश कर लें. ऐसा करने से आपको अपने कमर दर्द में आराम मिलेगा.

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गर्म पानी से सिकाई – Home remedies for Back Pain

आप चाहें तो गर्म पानी से भी अपने पीठ की सिकाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको गर्म पानी करना है और फिर गीला तौलिया या सूती कपड़ा लेकर अपनी कमर की सिकाई करनी है. ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा.

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • अगर आपको कमर दर्द की शिकायत रहती है तो धूम्रपान का सेवन करना छोड़े दें. क्योंकि इससे हड्डियां कमजोर होने के साथ ही इनमें दर्द की समस्यां होने लग जाती है.
  • बढ़ते वजन वाले लोगों को भी कमर दर्द की शिकायत रहती हैं, ऐसे में अगर आपका भी वजन कुछ ज्यादा ही तो जल्द से जल्द अपना वजन कम कर लें.
  • अगर आपका काम दिनभर बैठकर करने का है तो लगातार एक पॉश्‍चर में ना बैठे, हो सके तो समय समय पर अपना पॉश्‍चर बदलते रहें या फिर 1-2 मिनट के लिए खड़े होते रहें. क्योंकि एक ही तरह के पॉश्‍चर में बैठने से कमर पर बुरा असर पड़ने के साथ ही दर्द की शिकायत होने लगती है.
  • रोजाना नियमित तौर पर दध, दही, दाल या अंडे का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करना हड्डियों के लिए काफी उत्तम माना जाता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाती हैं.
  • व्यक्ति के लिए विटामिन डी लेना भी काफी जरूरी होता है और धूप से विटामिन डी प्राप्त होता है. इसलिए आपको रोजाना कम से कम 15-20 मिनट तक धूप में भी जरूर बैठना चाहिए.

अगर आपको भी है किडनी में पथरी की समस्या तो जरूर अपनाएं ये घरेलू उपचार, मिलेगी राहत

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अगर आपको भी है किडनी में पथरी की समस्या तो जरूर अपनाएं ये घरेलू उपचार, मिलेगी राहत

Home remedies for Kidney Stone in Hindi – अक्सर कई लोग किडनी में पथरी की समस्या से जूझते हुए नजर आते है. इसकी वजह से लोगों को तेज पेट दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही कई लोगों को यूरीन डिस्चार्ज के दौरान भी दर्द होता है. वैसे तो हमारे देश के लोग हर बीमारी का कोई ना कोई घरेलू उपचार निकाल ही लेते है. आप बड़े-बुजुर्गों से पूछ लें उनके पास ज्यादातर सभी बीमारियों के घरेलू उपचार होते है.

लेकिन क्या आपको पता है कि किडनी की पथरी के भी कुछ घरेलू उपचार है, जिसकी मदद से किडनी में मौजूद स्टोन आपके शरीर से बाहर निकल सकती है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे है जिससे आपको किडनी में स्टोन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में…

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

डॉक्टर भी ये सलाह देते है कि स्टोन की समस्या में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. अगर आप किडनी में स्टोन की समस्या से जूझ रहे है तो जितना हो सके उतना अधिक पानी पिएं. अगर आप रोजाना 10 गिलास पानी पीते है तो स्टोन आपके शरीर से बाहर निकल सकते हैं और साथ ही आपको दर्द से भी बहुत राहत मिलती है. इतना ही नहीं पानी का अधिक सेवन करने से किडनी में दोबारा स्टोर बनते भी नहीं है.

रोजाना पिएं नींबू पानी

रोजाना एक गिलास नींबू पानी पीने से भी आपको इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. नींबू के रस में सिट्रिक एसिड होता है जो पथरी को तोड़ने का काम करता है और इससे पथरी आपके शरीर से बाहर निकल जाती है. आप चाहते हैं तो नींबू पानी में ऑलिव ऑयल भी डालकर पी सकते हैं.

रोजाना खाएं अनार – Home remedies for Kidney Stone in Hindi

जिन लोगों को स्टोन की समस्या है उनको रोजाना अनार जरूर खाना चाहिए. अनार के जूस से आपको स्टोन से राहत मिल सकती है. अनार के अंदर एस्ट्रीजेंट होता है जो किडनी की पथरी को खत्म कर देता है. रोजाना इस फल को बीज के साथ खाएं.

नारियल पानी

जिन लोगों को किडनी में स्टोन होती है डॉक्टर भी उन्हें नारियल पानी पीने की सलाह जरूर देते हैं. एक नारियल पानी रोजाना पीने से किडनी में पथरी नहीं बनती और मौजूदा पथरी भी टूटकर बाहर निकल जाती है.

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