बड़े परदे पर एक फिल्म आई थी जिसका नाम ओ माय गॉड (Oh my God) था. इस फिल्म में एक व्यापारी जिसका नाम कांजी लाल मेहता होता है. इस व्यापारी की दुकान भूकंप की वजह से गिर जाती है जिसके बाद ये व्यापारी भगवान के ऊपर केस कर देता है लेकिन कोई भी वकील उसका केस नहीं लड़ता है जिसके बाद ये व्यापारी खुद ही अपना केस लड़ने के लिए कोर्ट में चला जाता है और खुद ही जज के समाने अपनी दलीलें पेश करता है. वहीँ कुछ लोगों का कहना था कि व्यापारी केस नहीं लड़ सकता था क्योंकि उसने वकालत की पढाई नहीं की है और ये सिर्फ फिल्मों में ही हो स्काट है लेकिन ये सच नहीं है वकील न होते हुए भी कोई भी केस लड़ सकता हैं.वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
Also Read- अगर आपका वकील ही आपको धोखा दे तो क्या करें?
कोर्ट देती है खुद केस लड़ने का अधिकार
दरअसल, कई लोगों के पास केस लड़ने के लिए पैसे नहीं होता है साथ ही कई लोग ऐसे होते हैं जिनका केस लड़ने के लिए कोई भी वकील तैयार नहीं होता है वहीं कानून के द्वारा सभी व्यक्ति को अपना केस खुद लड़ने का अधिकार है. वहीँ अपना केस खुद लड़ने के लिए आपको माननीय न्यायाधीश से खुद केस लड़ने की इजाजत मांगनी पड़ेगी और न्यायालय से अनुमति मिल जाने के बाद आप केस लड़ सकते साथ ही अगर आपको केस को समझने के लिए या आगे की कार्यवाही के लिए समय की जरूरत है तो आपको न्यायालय में इस बात की भी इजाजत मिल जाएगी. वहीं आप केस तभी लड़ सकते हैं जब केस खुद आप पर किया गया हो.
अधिकार होने के बाद भी लोग नहीं लड़ते अपना केस
कई लोग इसलिए केस नहीं लड़ते हैं क्योंकि उनके पास कानून को लेकर कोई जानकारी नहीं होती है और इस वजह से वो अपना केस नहीं लड़ते हैं साथ ही कई लोग समझते हैं उन्हें धारा और कोर्ट में किन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है इस बात की जानकारी नहीं है जिसकी वजह से ये लोग केस नहीं लड़ते हैं. इसी के साथ फ्री में वकील प्राप्त करने की गुजारिश कोर्ट से कर सकते हैं और कोर्ट आपके लिए फ्री में सरकारी वकील नियुक्त करेगा.
यहाँ से जुटाए केस से जुडी सभी जानकारी
खुद केस लड़ने के लिए आप केस से जुडी जानकारी इंटरनेट से ले सकते हैं. इसी के साथ कई सारी वेबसाइट हैं जहाँ पर आपको कानून से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाएँगी. वहीं खुद लड़ने के दौरान इस बात की जानकारी आपको होनी चाहिए कि आपको हिन्दी व अंग्रेजी भाषा दोनी भाषा का ज्ञान होना चाहिए. इसी के साथ कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सब सच बोले और किसी भी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करें.
Also Read- Top 10 Law Colleges in India: ये हैं भारत के सबसे बेहतरीन लॉ कॉलेज.