कोरोना वायरस की सेकेंड वेव से भारत बुरी तरह से प्रभावित है। बीते साल जब देश में कोरोना ने दस्तक दिया था, तब भी इतना बुरा हाल नहीं था, जितना अब हो रहा है। अब तो रोजाना ही कोरोना केस की सुनामी आ रही है। वहीं हेल्थ सिस्टम पर भी दबाव बढ़ता ही चला जा रहा है।
अब घरों में मास्क पहनने की दी जा रही सलाह
कोरोना संक्रमण की वजह से देश के हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं। लोगों से लगातार कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है, जिससे संक्रमण की रफ्तार पर कुछ हद तक काबू पाया जा सके।
लोगों को लगातार मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। वहीं सोमवार को कोविड-19 को लेकर बनाई गई नेशनल टास्क फोर्स के हेड डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि वो वक्त अब आ गया है, जब लोगों को अपने घरों में भी मास्क पहनना चाहिए। यानि अब तक तो हम घर से निकलते वक्त ही मास्क मुंह पर लगाकर जाते थे, लेकिन अब घर में रहते हुए भी मास्क पहनने की सलाह दी जाने लगी है। घर में लोगों को मास्क पहनने को क्यों कहा जा रहा है, आइए इसके पीछे की वजह हम आपको बताते हैं…
कई लोगों में नहीं होते लक्षण, इसलिए…
डॉक्टर पॉल की मानें ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जिनमें कोरोना वायरस के बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देते। बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा खतरनाक होते है। उनके मुताबिक बिना लक्षण वाले लोग जब बात करते हैं, तो इससे इंफेक्शन फैलता है और ऐसे ही पूरा का पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ जाता है।
घर में जब कोई व्यक्ति छींकता है, तो उससे निकले ड्रॉपलेट्स दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। घर में जब कोई व्यक्ति बात करता है, खांसता है, चिल्लाता है तो ऐसी स्थित में संक्रमण का ज्यादा खतरा बढ़ जाता है। वहीं अब तो इस वायरस के कण हवा तक में फैल रहे है। ऐसे में अगर कोई एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाएं तो परिवार में मौजूद दूसरे सदस्यों के भी संक्रमित होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर किसी भी काम से गया। वो कोरोना वायरस की चपेट में आ गया, लेकिन उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं। उसको खुद को ना मालूम हो कि वो कोरोना वायरस का शिकार है, लेकिन वो दूसरे को संक्रमित जरूर कर सकता है। ऐसे में अगर घरों में मास्क पहना जाएगा, तो एक से दूसरे के संक्रमित होने का खतरा कम हो जाएगा।
बच्चों की वजह से घर में पहने मास्क
कई घरों में छोटे बच्चे होते हैं। कोरोना की इस सेकेंड वेव के बच्चे जल्दी चपेट में आ रहे हैं। जिसके चलते घरों में मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। अगर आप किसी भी काम से बाहर जा रहे हैं, तो घर में बच्चों से दूरी बनाकर रखें और मास्क भी जरूर पहनें।
घर में हो मरीज तो भी पहनना चाहिए मास्क
अधिकतर कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी जा रही है। अस्पतालों के हालात पहले से भी काफी खराब हैं। ऐसे में वो मरीज जिनमें हल्के लक्षण हैं, उनको घरों में ही आइसोलेट किया जा रहा है। अगर आपके घर में कोई कोरोना का पेशेंट है, भले ही वो अलग कमरे में क्यों ना हो। फिर भी आपको अपनी सुरक्षा के लिए घर में मास्क पहनना चाहिए।
CDC ने भी मानी ये बात
वैसे सिर्फ डॉक्टर वीके पॉल ही नहीं अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रोटेक्शन (CDC) की तरफ से भी यही सलाह दी गई है कि घरों में मास्क पहना चाहिए। CDC ने कहा है कि 6 फीट की दूरी रखने के साथ घरों में मास्क पहनना भी जरूरी है।