Which Country has Most Military Base – सुरक्षा के कई माध्यम है, लेकिन हर देश के पास अपनी सुरक्षा के कई तरह के मिलिट्री बेस हैं. ये मिलिट्री बेस होना देश की सुरक्षा के लिए काफी ज़रूरी हैं. इन मिलिट्री बेस पर घातक हथियार और साजो-सामान रखे होते हैं, जो किसी भी वक्त दुश्मन देश पर अटैक करने के काम आते हैं. इतना ही नहीं दुश्मन देश तक मदद पहुंचाने से रोकने में भी इन मिलिट्री बेस का काफी बड़ा योगदान होता है. लेकिन क्या आप जानते है, दुनिया में सबसे ज्यादा मिलिट्री बेस किस देश के पास हैं. अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख बताते हैं.
क्या होता सैन्य बेस
सैन्य बेस (Military Base) एक प्रकार का सैन्य अड्डा होता है जहां पर सेना, वायुसेना, नौसेना या अन्य सुरक्षा बलों के लिए आवश्यक उपकरण, जवान, और संसाधन तैनात होते हैं. यह एक संरचित स्थान होता है जहाँ सैनिकों के प्रशिक्षण, हथियारों का भंडारण, उपकरणों का रख-रखाव, और विभिन्न सैन्य गतिविधियों का संचालन किया जाता है. सैन्य बेस का उद्देश्य सुरक्षा, रक्षा, और सैन्य अभियानों की योजना बनाना होता है.
मिलिट्री बेस सबसे ज्यादा किससे पास हैं.
अमेरिका (America) – इस लिस्ट में पहले नंबर पर है अमेरिका. करीब 80 देशों में 750 मिलिट्री बेस अमेरिका के हैं. करीब 159 देशों में उसके 1,75000 सैनिक तैनात हैं. अगर किसी भी जगह कोई जंग छिड़ती है या विवाद खड़ा होता है, तो अमेरिका तुरंत एक्शन ले सकता है. अमेरिका के मिडिल ईस्ट में कई मिलिट्री बेस हैं, जहां 30,000 से ज्यादा सैनिक हैं. कतर में अल-उदीद एयर बेस, जो दोहा के पश्चिम में स्थित है, इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी मिलिट्री बेस है, और मध्य पूर्व और पहले अफ़गानिस्तान में अमेरिकी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण रहा है.
रूस (Russia) – रूस दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियों में से एक है. एक से बढ़कर एक हथियार रूस के पाक हैं. मिलिट्री ताकत में कोई देश अमेरिका को सीधी टक्कर देता है तो वह रूस है. सेंट्रल और वेस्ट एशिया में रूस के पहले से कई मिलिट्री बेस हैं. अब वह अफ्रीका की तरफ रुख कर रहा है. कई देशों को उसने हथियार सप्लाई किए हैं. रूस ने सूडान में मिलिट्री बेस बनाने के लिए एग्रीमेंट किया है.
तुर्किये (Turkey) – सेंटर फॉर एप्लाइड तुर्किये स्टडीज के मुताबिक तुर्किये के पूरी दुनिया में तीन मिलिट्री बेस हैं. पहला नॉर्दन साइप्रस में 1974 में स्थापित किया गया था, जिसमें 30-40 हजार सैनिक तैनात हो सकते हैं. इसके बाद 2015 में मिडिल ईस्ट में उसने अपना पहला मिलिट्री बेस कतर में बनाया. 2017 में उसका तीसरा बेस बना सोमालिया में.
भारत (India) – चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत भी लगातार अपना दबदबा पूरी दुनिया में बढ़ा रहा है. भारत के पास विदेशों में तीन मिलिट्री बेस हैं. भारत ने भारतीय जहाजों की मरम्मत के लिए ओमान में अपना सपोर्ट बेस बनाया है. इसके अलावा मॉरिशस में भारत का मिलिट्री बेस है, जिसमें हवाई पट्टी भी है. भारत का मध्य एशिया में भी मिलिट्री बेस है, जहां वह ताजिकिस्तान के साथ मिलकर पिछले दो दशकों से दुशांबे में आयनी एयरबेस का संचालन कर रहा है.
चीन (China) – चीन का पूरी दुनिया में एक ही मिलिट्री बेस है, जो जिबूती में है. यह बेस अमेरिका के कैंप लेमोनियर से कुछ मील की दूरी पर स्थित है. इससे चीन की पहुंच जिबूती-अंबौली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एशिया और अफ्रीका तक अगले 5-10 साल में चीन अपना सैन्य दबदबा फैलाना चाहता है.
सैन्य बेस के उद्देश्य
सुरक्षा – सैन्य बेस देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होते हैं, खासकर जब अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों का सामना करना होता है.
सैन्य प्रशिक्षण – ये जगहें सैनिकों का प्रशिक्षण देने और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए बनाई जाती हैं.
संसाधनों का भंडारण – यहाँ हथियार, गोला-बारूद, वाहन, और अन्य सैन्य उपकरणों का भंडारण होता है.
विभिन्न अभियानों का संचालन – सैन्य ठिकाने विभिन्न प्रकार के अभियानों, जैसे कि युद्ध, शांति स्थापित करने, मानवीय सहायता और आपातकालीन कार्यों का संचालन करने में मदद करते हैं.