कोरोना वैक्सीन की खुशखबरी के बीच देश में बर्ड फ्लू को लेकर दहशत फैल हुई है। कई राज्यों में बर्ड फ्लू का प्रकोप देखने को मिला है, जिसके चलते लोग डरे हुए है। केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन अलर्ट पर है। बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) से होता है। ये एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से होता है। संक्रमित पक्षियों से ये वायरस अन्य पक्षियों, जानवरों के साथ इंसानों में भी फैलने का खतरा रहता है।
इंसानों को भी कर सकता है संक्रमित
बर्ड फ्लू के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए कुछ राज्यों की सरकारों ने पक्षियों को मारने का अभियान शुरू कर दिया। वैसे तो बर्ड फ्लू कई तरह का होता हैं, लेकिन H5N1 ऐसा पहला वायरस है, जो इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। इस वायरस की चपेट में आसानी से पालतू मुर्गियां आ सकती हैं। वायरस संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार और आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होता है।
कोरोना से काफी ज्यादा मृत्युदर
बर्ड फ्लू के वायरस जो जो पक्षी संक्रमित होते हैं, तो उनके संपर्क में आने वाले दूसरे जानवरों और इंसानों आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। बर्ड फ्लू का वायरस काफी खतरनाक इसलिए होता है, क्योंकि इससे मौत होने की संभावना भी काफी ज्यादा रहती है। बर्ड फ्लू वायरस से संक्रमित 50 फीसदी से भी ज्यादा लोगों की मौत होने की संभावना होती है। ये कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि कोरोना वायरस से मृत्युदर केवल 3 प्रतिशत ही है।
सबसे ज्यादा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को इसका खतरा हो सकता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले लोगों, संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वालों, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वालों, कच्चा और आधा पका मुर्गा-अंडा खाने वालों को भी इसका काफी खतरा रहता है। हालांकि बर्ड फ्लू से बचाव के भी कई तरीके है, जिसके बारे में आइए हम आपको बताते हैं…
जानिए इसके लक्षण…
सबसे पहले बात बर्ड फ्लू के लक्षण की करते हैं। इसकी चपेट में आए लोगों को सामान्य सर्दी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी आना, बुखार, डायरिया, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, निमोनिया, गले में खराश, नाक बहन, आंकों में इंफेक्शन और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकी हैं। अगर आपको लगे कि आप बर्ड फ्लू होने की संभावनाएं हैं, तो किसी भी अन्य शख्स के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर के पास जाएं।
ये है बचाव के तरीके…
कई तरीकों से बर्ड फ्लू से बचाव किया जा सकता है। पोल्ट्री फॉर्म में जाने से बचें। अगर वहां जाना हो तो PPE किट पहनकर ही जाएं। संक्रमित पोल्ट्री फॉर्म में जाने और वहां काम करने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें। डिस्जोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद इनको नष्ट कर दें।
घर में पालतू पक्षियों को ना रखें। फिलहाल छोटी जगहों और खुले बाजारों से मांस की खरीददारी ना करें। हाथ धोते रहें, सैनिटाइजर साथ रखें। पक्षियों के संपर्क में ना आएं। बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर के पास जाएं।