यूपी के बहराइच में रविवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बवाल (Bahraich Durga Immersion Violence) हो गया। पुलिस ने बताया कि हरदी इलाके के महाराजगंज बाजार में रविवार को देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान फायरिंग और पथराव हुआ। इस घटना में एक युवक की जान चली गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के विरोध में बड़ी संख्या में लोगों ने जिला अस्पताल के बाहर युवक का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) ने लखनऊ में जारी बयान में कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल एसपी वृंदा शुक्ला ने लापरवाही के आरोप में हरदी थाने के एसओ और महसी के चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया है।
बहराइच दुर्गा विसर्जन हिंसा का कारण- Bahraich Durga Immersion Violence
बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर की शाम को एक खास समुदाय के घर से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकला। दावा है कि इस दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ, जो हिंसक झड़प में बदल गया। जब किसी ने छतों से पत्थर फेंकने की कोशिशों का विरोध किया, तो दूसरे ने फायरिंग कर दी, जिसमें राम गोपाल मिश्रा नाम के एक युवक को गोली लग गई। इस घटना में 15 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए। घायलों को अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने राम गोपाल को मृत घोषित कर दिया।
यूपी : जिला बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा पर पथराव। इसके बाद फायरिंग हुई। 22 वर्षीय गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हुई। इससे भड़के लोगों ने आगजनी की। मामला दो संप्रदायों से जुड़ा है, तनावपूर्ण हालात हैं। pic.twitter.com/jIBo2z1G8t
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 13, 2024
हिंसा बढ़ने पर पुलिस बल सड़क पर उतरा
राम गोपाल मिश्रा की मौत की खबर फैलते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया। लोग सार्वजनिक स्थानों पर निकल आए। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं शुरू हो गईं। भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए और राम गोपाल के शव को अस्पताल के सामने सड़क पर रख दिया। कई जगहों पर विसर्जन जुलूस को रोक दिया गया। लोग लगातार आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने हाईवे बंद करवा दिया। गांव के बाद शहर की स्थिति भी बेहद तनावपूर्ण हो गई।
सीएम योगी ने क्या कहा?
घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने लखनऊ में बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ग्रामीणों ने क्या बताया?
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को जब महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे से रेहुआ मंसूर गांव में मूर्ति विसर्जन जुलूस जा रहा था, तो दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने उस स्थान पर डीजे बजाने पर आपत्ति जताई। इसके बाद विवाद बढ़ गया और पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। हिंदू पक्ष के एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं।
थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी निलंबित
बीते दिन जिले में हालात इतने बिगड़ गए कि खुद जिला प्रबंधक और एसपी वृंदा शुक्ला को हेलमेट पहनकर सड़क पर उतरना पड़ा। देर रात को ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। डीएम मोनिका रानी के मुताबिक एफआईआर में करीब 25 लोगों के नाम दर्ज हैं और मारपीट में शामिल हर व्यक्ति को कड़ी सजा मिलेगी। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है और जांच के बाद ही उसकी पहचान और मकसद का पता चलेगा। एसपी ने उसी समय घोषणा की कि महसी चौकी इंचार्ज और थाना इंचार्ज दोनों को अपने कर्तव्यों की अनदेखी करने के लिए निलंबित कर दिया गया है। हम इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। फिलहाल इस मामले में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
और पढ़ें: गंगनहर बंद: 2 नवंबर तक नहीं मिलेगा गंगाजल, गाजियाबाद-नोएडा के 10 लाख लोगों पर पानी की किल्लत का असर