बिहार की सियासत में उलट-फेर का दौर जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान की अध्यक्षता में मात्र 1 सीट पर जीत करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी में कलह उजागर हो गई है। पिछले महीनें एलजेपी के बागी नेता केशव सिंह के नेतृत्व में 27 नेताओं ने एकसाथ एलजेपी को छोड़कर एनडीए गठबंधन को अपना समर्थन दिया था।
इसी बीच खबर है कि एलजेपी के 60 नेता एकसाथ पार्टी छोड़ने वाले हैं और अगले 18 फरवरी को जदयू की सदस्यता लेंगे। खबरों के मुताबिक पार्टी छोड़ने वाले नेता एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का केस भी करने वाले हैं।
जदयू ऑफिस में होने वाला है मिलन समारोह
बिहार चुनाव 2020 में बदतर प्रदर्शन करने वाली एलजेपी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। जदयू के कई नेता पहले ही एलजेपी पर कई तरह के आरोप लगा चुके हैं। पिछले दिनों कुछ जदयू नेताओं ने कहा था कि बिहार चुनाव 2020 में एलजेपी के कारण कई सीटों पर जदयू प्रत्याशियों को हार मिली थी। तो वहीं, कुछ नेताओं ने एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को वोट कटवा करार दिया था। चुनाव के बाद से ही एलजेपी में विरोध के स्वर ऊभर आए हैं।
बताया जा रहा है कि एलजेपी के बागी नेता केशव सिंह के घर पर बागी नेताओं की बैठक हुई है, जिनमें से लगभग 60 नेताओं ने जदयू में शामिल होने का फैसला लिया है। केशव सिंह का कहना है कि ये सारे नेता 18 फरवरी को जदयू ऑफिस में मिलन समारोह के दौरान जदयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस समारोह में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह समेत जदयू के अन्य बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
चिराग पासवान पर लगे कई बड़े आरोप
खबरों के मुताबिक बागी नेताओं ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का केस करने का फैसला लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एलजेपी अध्यक्ष ने झूठ का सहारा लेकर बिहार के 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ ठगी की। चिराग पासवान पर आरोप है कि पार्टी की ओर से फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा चुनाव का टिकट देने का ऐलान किया गया था। काफी पैसा लेने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है।