पिछले कुछ सालों में मलयालम इंडस्ट्री में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिससे इस इंडस्ट्री की गरिमा को ठेस पहुंची है। कुछ दिनों पहले मलयालम एक्ट्रेस मीनू मुनीर ने इंडस्ट्री के बड़े एक्टर्स और फिल्म प्रोड्यूसर्स पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी। अब हेमा कमेटी (Hema Committee) की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में नई हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट में हुए खुलासे ने महिलाओं के खिलाफ शोषण और असमानता की हकीकत को उजागर किया है, जिसके चलते इंडस्ट्री के कई बड़े नाम निशाने पर हैं।
और पढ़ें: मलयालम अभिनेत्री मीनू मुनीर का सनसनी खुलासा, बड़े-बड़े अभिनेता-फिल्म निर्माता पर लगाए गंभीर आरोप
हेमा कमेटी क्या है?
केरल सरकार ने 2017 में हेमा समिति की स्थापना की। केरल उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश हेमा समिति की अध्यक्ष थीं। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न और मलयालम फिल्म उद्योग में उनकी सुरक्षा की जांच करना था। समिति की स्थापना 14 फरवरी, 2017 को एक विशेष घटना के जवाब में की गई थी, जिसमें एक प्रसिद्ध मलयालम अभिनेत्री का अपहरण कर लिया गया था और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था। इस घटना के बाद फिल्म उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की गईं।
रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?
हेमा समिति ने 2019 में अपनी रिपोर्ट केरल सरकार को सौंप दी थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। 2024 में इसे आरटीआई के ज़रिए जारी किया गया, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं:
– यौन उत्पीड़न के मामले
रिपोर्ट से पता चला है कि फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच की घटनाएं आम हैं। कई महिला कलाकारों ने बताया कि उन्हें फिल्मों में काम के बदले अनैतिक मांगों का सामना करना पड़ा।
– पुरुष वर्चस्व वाला समूह
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडस्ट्री में एक पुरुष प्रधान समूह है, जिसमें निर्माता, निर्देशक और अभिनेता शामिल हैं। यह समूह तय करता है कि इंडस्ट्री में किसे आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और किसे नहीं।
– कोड नेम प्रथा
रिपोर्ट के मुताबिक, अनैतिक मांगें मानने वाली महिलाओं को ‘कोड नाम’ दिए जाते थे, ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। इंडस्ट्री में यह प्रथा लंबे समय से चली आ रही है।
रिपोर्ट जारी करने में देरी और विवाद
हेमा समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से जारी करने में पांच साल की देरी की कड़ी आलोचना की गई है। कई लोगों ने इसे एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी माना और सवाल उठाया कि इतने महत्वपूर्ण मामलों को क्यों छिपाया गया। हालांकि, केरल सरकार ने दावा किया कि रिपोर्ट की सामग्री अत्यधिक संवेदनशील थी, इसलिए इसे प्रकाशित करने में देरी हुई। इसके अलावा, न्यायमूर्ति हेमा ने सरकार से रिपोर्ट को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था।
हेमा समिति के सुझाव
हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग को बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं:
- महिला और पुरुष कलाकारों को समान वेतन दिया जाना चाहिए।
- शूटिंग स्थलों पर शराब और नशीले पदार्थों पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।