वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट ने सबको हिलाकर रख दिया
कुछ दिन पहले अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपने आर्टिकल में लिखा था कि, ‘हो सकता है कि ये नया संकट पूरी दुनिया को हिलाकर रख दे और ठीक वैसा ही हो जैसा तीन साल पहले वुहान (Wuhan) में आउटब्रेक ने पूरी दुनिया को ठप कर दिया था। जरूरी नहीं कि जो चीन में हो रहा है, वो वहीं तक सीमित रहे।’
क्या वाकई चीन में हुआ है कोरोना विस्फोट ? चीन से आई इस रिपोर्ट ने झूठ से उठाया पर्दा…
3 साल पहले जो चीन ने पूरी दुनिया के साथ किया था शायद आज एक बार फिर चीन और चीनी सरकार के मनसूबे कुछ इसी तरह के लग रहे हैं. चीन अकसर अपनी डिक्टेटरशिप (Dictatorship) को लेकर दुनिया भर में जाना जाता है, अब ये डिक्टेटरशिप पूरी दुनिया को पागल बनाने में हो या जाल बुनने में या फिर किसी बात को छुपाने में, हर लिहाज से चीन को तानाशाही में महारत हासिल है. अब इसका सबसे बड़ा प्रमाण हमें हाल ही में आई कुछ रिपोर्ट्स (Reports) में आराम से मिल जायेगा. चीन में कोरोना वायरस (Corona Virus) एक बार तबाही मचा रहा है ऐसी रिपोर्ट्स बड़ी तेज़ी से वायरल हो रही हैं. दो साल की तबाही के बाद वुहान में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे है लेकिन चीन का कोरोना के प्रति रवैया बड़ा बेतुका सा लगता है. ठीक दो साल पहले चीन ही वो देश था जिसने सबसे पहले कोरोना के तबाही के मंजर को बड़े करीब से देखा था और आज जब दोबारा चीन में कोरोना संक्रमण के मामलें तेज़ी से बढ़ रहे हैं तो चीन बेसुध बैठा, न जाने किस घड़ी का इंतज़ार कर रहा है.
3 साल पहले चीन ने पूरी दुनिया को धोखा दिया था ?
साल था 2019 का जब दिसम्बर महीने से ही वुहान में फ्लू जैसी बीमारियों को लेकर मरीज अस्पताल में भर्ती होने लगे थे। 31 दिसंबर 2019 वो तारिख थी जब चीन ने WHO को बताया था कि वुहान शहर में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है। इसके बावजूद चीन ने उस समय न तो कोई सख्ती बरती और न ही कोई पाबंदी लगाई। पहले भी चीन ने लापरवाही कर वुहान में टाइम से LOCKDOWN नहीं लगाया, जब चीनी सरकार को लगने लगा की अब बात हाथ से निकल चुकी है, तब जाकर 23 जनवरी 2020 को चीन के वुहान शहर में संक्रमण के ठीक एक महीने बाद Lockdown लगाया गया. जिसका अंजाम पूरी दुनिया ने देखा। लॉकडाउन के कुछ दिन बाद वुहान के मेयर झोऊ शियानवांग ने अपनी गलती मानते हुए ये माना था कि लॉकडाउन से पहले ही 50 लाख लोग वुहान छोड़कर जा चुके थे। अब सोचने वाली बात है आखिर वो 50 लाख लोग कहां गए, किसी को कुछ नहीं पता। अब चीन में फिर से वही सब हो रहा है। पाबंदियां लगाने की बजाय चीन ढील दे रहा है। तीन साल पहले जब वुहान में Corona फैला था, तो इसके बारे में चीन ने बताने में पहले ही काफी देर कर दी थी इसके साथ ही बहुत सारी बातें WHO से छिपाई भी थीं, जिस वजह से संक्रमण पूरी दुनिया में फैल गया था।
रिपोर्ट्स की माने तो, एक स्टडी में दावा किया गया है कि चीन में कोरोना से संक्रमित पहला व्यक्ति 1 दिसंबर 2019 को सामने आया था। चीन सरकार की लापरवाही की सीमाएं तो वहां पार हो गई जब कोरोना वायरस के बारे में बताने वाली पहली महिला डॉक्टर ली वेनलियांग की चेतावनी को नज़रअंदाज कर दिया था और कुछ वक्त बाद ही कोरोना के कारण इनकी भी मौत हो गई थी.
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चीन के अधिकारियों ने खोला राज़…
रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी अधिकारीयों का कहना है की 8 जनवरी से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए Quarantine जरूरी नहीं होगा। हालांकि, चीन आने से पहले यात्रियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा। लेकिन टेस्ट रिपोर्ट को चीन दूतावास में जमा करने की कोई जबरदस्ती नहीं होगी। बस फ्लाइट में बोर्ड से पहले टेस्ट रिपोर्ट दिखानी जरुरी होगी। यानी, चीन आने वाले विदेशी यात्रियों को अब Quarantine रहने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, चीन ने अब कोरोना को ‘A’ कैटेगरी से हटाकर ‘B’ में डाल दिया। इन सारी बातों से तो यही लगता है की चीन एक बार फिर अपनी उन्ही करतूतों को दोहरा रहा है जिससे कुछ साल पहले पूरी दुनिया में तबाही फैली थी. चीन सख्ती बढ़ाने की जगह सारी पाबंदियां और सख्तियां हटाने जा रहा है। ऐसा भी कहा जा रहा है की चीन में 8 जनवरी से सब कुछ खोल दिया जाएगा। ऐसे वक्त में जब लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने की जरूरत है, उस वक्त वो सारी बंदिशें हटाने जा रहा है. इससे एक बात तो साफ़ है या तो चीन कोरोना संक्रमण का झूठ फैला रहा है या फिर दुनिया के लिए एक बार फिर नई मुसीबत खड़ी कर रहा है.
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