दुनियाभर के देशों में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस का नया वेरिएंट
इस समय दुनियाभर के देशों में कोरोना वायरस के बिगड़े हालात की चर्चा हो रही है. दरअसल, खबर है कि चीन (China) में ही कोरोना वायरस फिर से तेजी से फैल रहा है. यहाँ पर कोरोना के रोजाना 10 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं साथ ही इस वायरस से कई लोगों की मौत भी हो रही है जिसकी वजह से यहां के कब्रिस्तानों में लाशों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. इसी बीच दुनियाभर के देशों में भी कारोबा वायरस के मामले में वृद्धि हुई है. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन BF.7 (Omicron BF.7 Variant) है जो तेजी से फैल रहा है. वहीँ इस बीच इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि ये वायरस कितना खतरनाक है और इसके क्या लक्षण (Omicron symptoms) हैं.
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कितना खतरनाक Omicron BF.7?
चीन में जिस ओमिक्रोन (Omicron BF.7) वेरिएंट के लगातार मामले सामने आ रहे हैं उससे इसके बाद ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वेरिएंट काफी तेजी से फैलता है. रिपोर्टों के अनुसार, BF.7 ओमिक्रॉन वेरिएंट ट्रांसमिट (omicron variant transmit) करने में तेज है, इसका इन्क्यूबेशन पीरियड कम है और यह लोगों को आसानी से संक्रमित करता है. वहीं ये वायरस उन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है जो लोग इस कोरोना के खिलाफ टीका (covid vaccine) लगवा चुके हैं. उन्हें भी ये वायरस आपनी चपेट में ले सकता है.
Omicron BF.7 के लक्षण
रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, ये BF.7 वेरिएंट ज्यादातर ऊपरी रेस्पिरेट्री ट्रैक (respiratory track) (सांस लेने वाली नली) को प्रभावित करता है. कमजोर इम्यूनिटी (weak immunity) वाले लोगों के लिए यह घातक साबित हो सकता है. वहीं इस BF.7 वेरिएंट के कुछ लक्षण हैं जिनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, थकान, उल्टी और दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी हो सकते हैं.
भारत में भी जारी हुआ अलर्ट
इस वेरिएंट के मामले चीन के अलावा भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, बेल्जियम फ्रांस और डेनमार्क में भी यह वायरस देखा गया है. वहीं भारत में इस वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया है. इससे पहले मंगलवार (20 दिसंबर) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि कोरोना के दर्ज हो रहे मामलों का सैंपल INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) प्रयोगशाला भेजा जाएं, जिससे ये पता चल सके कि कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं. वहीं अगर नया वेरिएंट सामने आता है तो उसे ट्रैक किया जा सके.
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