Baba Saheb love story – आज हम देश के संविधान के निर्माता, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन के एक रोमांचक किस्से के बारे में बात करेंगे. डॉ. भीमराव जी ने अपना पूरा जीवन दलितों को अधिकार दिलाने में लगा दिया, जिसके चलते उनकी तबियत पर गहरा असर पड़ा था. यह किस्सा उस समय का है जब उनकी पहली पत्नी रमाबाई की मृत्यु के बाद उनकी देखभाल के लिए कोई भी नहीं था. डॉ. भीमराव के जीवन में एक ब्राह्मण लडकी के आने से वह 10 साल ज्यादा जिए थे. आईये आज हम आपको बताएंगे कि कैसे बाबा साहेब ब्राह्मण लडकी से शादी करने पर 10 साल ज्यादा जिए ? कौन थी वो ब्राह्मण लडकी जिसकी वजह से बाबा साहेब ज्यादा जिए ?
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डॉ. भीमराव ब्राह्मण लड़की से शादी करने की वजह से 10 साल ज्यादा कैसे जिए
डॉ. भीमराव का जन्म मध्यप्रदेश के महू जिले में एक महार परिवार में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था. महार जाति को उस समय दलित/अछूत समझा जाता था. उनके पिता सेना में थे, और काम के लिए ही यहा रहते थे. उनके पूर्वज महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव के मूल निवासी थे. सारे बहन भाईओं में से डॉ. भीमराव ही पढाई में तेज़ थे. 1906 में भीमराव जी की पहली शादी रमाबाई से हुई थी.
रमाबाई ने इनकी पढाई में बहुत मदद की थी. 27 मई 1933 में, लम्बी बीमारी के चलते रमाबाई की मृत्यु हो गयी थी और उनके जाने के बाद भीमराव जी अकेले हो गए थे.डॉ. भीमराव जी ने खुद को काम में इतना व्यस्त कर लिया था कि वह खुद के ऊपर ध्यान तक नहीं देते थे. इसके चलते उनको बहुत सारी बिमारियों ने पकड़ लिया था. और रमाबाई के बाद उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था. कुछ साल उनकी तबियत ज्यादा खराब रही .
1947 के शुरुवात में उनकी मुलाकात डॉ. सविता से हुई. जिस हॉस्पिटल में डॉ. भीमराव का इलाज चल रहा था वहीं डॉ. सविता काम करती थी. जिसके चलते उनकी मुलाकात होती रहती थी. उस समय किसी महिला का डॉ, बनाना इतना साधारण नहीं माना जाता था इसीलिए डॉ. भीमराव डॉ. सविता से काफी प्रभावित भी थे. उस समय डॉ. भीमराव जी अपने लोगो की बात मन कर अपने लिए एक उचित साथी तलाश कर रहे थे. भीमराव जी को डॉ. सविता में उनके साथी की झलक दिखती थी. इसीलिए डॉ. भीमराव जी ने सविता को उनसे शादी करने के लिए पूछ लिया था. कुछ समय बाद दोनो ने शादी करली थी.
डॉ. सविता वही ब्राह्मण लडकी थी जिसके बारे में डॉ. भीमराव ने कहा कि “ब्राह्मण लडकी से शादी करने के बाद में 10 साल ज्यादा जिया हूं” क्यों कि वह ब्राह्मण लडकी एल डॉक्टर भी थी, उन्हें अच्छे से पता था कि डॉ. भीमराव जी का ध्यान कैसे रखना है.
भीमराव ने कैसे किया डॉ. सविता को प्रपोज
सविता (Baba Saheb love story) ने अपनी किताब “माय लाइफ विथ डॉ. अम्बेडकर“ में बताया है कि डॉ. भीमराव ने उनके प्रपोज करते समय उनसे कहा था कि “देखो डॉक्टर, मेरे साथी और मेरे अपने लोग मुझ पर यह ज़ोर डाल रहे है कि मैं शादी कर लूं. पर मेरे लिए एक काबिल साथी ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है. लेकिन मेरे लाखों लोगों के लिए मुझे जिन्दा रहना होगा और इसके लिए यही सही होगा कि मैं अपने लोगों की विनती को गंभीरता से लूं, मैं आपके साथ ही सही व्यक्ति की खोज शुरू करता हूं.” पहले तो डॉ. सविता इन बातों का मतलब समझ नहीं पाई और चुप रही. लेकिन बाद में उन्होंने डॉ. भीमराव जी के सवाल का जवाब ‘हाँ’ में दिया. कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली थी.
डॉ. भीमराव जी ने डॉ. सविता से शादी करने के बाद खुद को बहुत भाग्यशाली समझा था. उनकी वजह से ही भीमराव जी जिन्दा थे, क्यों कि डॉ. सविता के इलावा ओर कोई भी नहीं था जो भीमराव की देखभाल कर सकता था.
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