गैंगस्टर दीपक बॉक्सर अगर रिहा हुआ तो इन लोगों का बचना होगा लगभग नामुमकिन!

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कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को लेकर तीस हजारी अदालत ने आदेश दिया है और कोर्ट ने आदेश दिया है कि गैंगस्टर दीपक बॉक्सर के खिलाफ अगर कोई सबूत नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि अगर गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को रिहा कर दिया जाता है तो वो कौन लोग है जिनका बचना मुश्किल है.

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जानिए कौन है गैंगस्टर दीपक बॉक्सर

गैंगस्टर दीपक बॉक्सर का असली नाम दीपक पहल है लेकिन गैंगस्टर बनाने के बाद उन्हें गैंगस्टर दीपक बॉक्सर के नाम से जाना जाता है. गैंगस्टर दीपक दिल्ली-एनसीआर के मोस्ट वांटेड गैंगस्टरों में से एक है. पर एक समय पर वो  राष्ट्रीय स्तर की बॉक्सिंग चैंपियनशिप के विजेता थे और साल 2014-15 के आसपास उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा. वहीं दीपक बॉक्सर तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने सात साल पहले हरियाणा में गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को पुलिस हिरासत से छुड़ाया था. वहीं दिल्ली के रोहिणी कोर्ट परिसर में गोगी की हत्या के बाद दीपक बॉक्सर गोगी गैंग का मुखिया बन गया और 24 सितंबर, 2021 को दो हमलावरों ने गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

दीपक बॉक्सर दो साल पहले दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में पुलिस कर्मियों पर हमला करने में भी शामिल था और उसने वांछित अपराधी फज्जा को पुलिस हिरासत से भागने में मदद की थी. वहीँ दीपक बॉक्सर बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या के सिलसिले में वांछित था, जिसे 23 अगस्त, 2022 को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में उसके बाएं पैर और पेट में कई बार गोली मारी गई थी और इसके बाद वो देश से भाग गया.

इस तरह पकड़ा गया गैंगस्टर दीपक बॉक्सर

वहीं दीपक ने देश से भागने के लिए फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. उसने रवि अंतिल नाम का इस्तेमाल कर कोलकाता से मैक्सिको के लिए उड़ान भरी फिर दुबई से वह अल्माटी, कजाकिस्तान गए और तुर्की पहुंचे. इसके बाद वह स्पेन के लिए रवाना हो गए. कई रास्ते अपनाने के बाद आख़िरकार वह मेक्सिको पहुँच गया लेकिन 4 अप्रैल, 2023 को स्पेशल सेल ने संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की मदद से मैक्सिको से गिरफ्तार किया था. वहीं गोगी गैंग के लोगों पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, जबरन वसूली आदि जघन्य अपराधों में शामिल हैं.

तीस हजारी अदालत ने दिया रिहा करने का फैसला 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीस हजारी अदालत ने कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को फरीदकोट के पूर्व विधायक और शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा के पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में स्थित घर पर पिछले साल तीन दिसंबर को हुई फायरिंग के मामले में रिहा करने का आदेश दिया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि लॉरेंस बिश्नोई द्वारा मांगी गई रंगदारी की रकम देने से इनकार करने पर फायरिंग की गई थी.

वहीं अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस ने माना कि गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. तीस हजारी कोर्ट ने इस बात पर गौर किया और सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी ने अदालत में कहा कि आरोपी से कुछ अहम रिकवरी नहीं हुई है. उनके पास आरोपी का सिर्फ डिस्क्लोजर स्टेटमेंट है. वहीं कोई ठोस सबूत ना होने की वजह से उसे इस केस में रिहा किया जाता है.

इन लोगों का बचना होगा लगभग नामुमकिन!

गैंगस्टर के रिहा होने के बाद उनके ऊपर कई सारे मामले भी दर्ज हैं और इन मामलों को लेकर भी उनसे पूछताछ हो सकती है. वहीं अगर गैंगस्टर रिहा हो जाता है और बाहर खुलेआम घूमता है तो कई सारी घटनाओं को अंजाम दे सकता है साथ ही दीपक बॉक्सर ने पूछताछ के दौरान बताया था कि 21 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में गोगी की हत्या हुई थी. उसी समय से गैंग में परंपरा शुरू हो गई कि अब हर साल गोगी के जन्मदिन पर केक नहीं, बल्कि इंसान काटे जाएंगे. तभी से अभी तक वहीं गैंगस्टर कई हत्यों को अंजाम दे चुका है. वहीं अब रिहा होने के बाद  गैंगस्टर दीपक बॉक्सर गोगी के दुश्मनों को मार सकता है.

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