महाराष्ट्र के पुणे शहर में शनिवार रात एक भयानक हादसा हुआ। इस हादसे में एक लग्जरी कार पोर्श ने एक बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। इस सड़क हादसे में 2 आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई। इस कार को एक नाबालिग लड़का चला रहा था। पुलिस के मुताबिक कार चला रहे 17 साल के नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया, आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 15 घंटे बाद कोर्ट से जमानत मिल गई। जुवेनाइल बोर्ड ने उसे निर्देश दिया है कि वह आरटीओ में जाकर ट्रैफिक नियम पढ़े, इस हादसे पर निबंध लिखे और 15 दिन के अंदर प्रेजेंटेशन दे।
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ये है पूरा मामला
पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा शनिवार रात एक दोस्त से मिलने के बाद घर जा रहे थे, तभी उन्हें पोर्श कार ने टक्कर मार दी और उनकी मौत हो गई। दोनों पेशे से इंजीनियर थे। चश्मदीदों के मुताबिक, आरोपी 200 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था और बाइक पर नंबर प्लेट भी नहीं थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, अश्विनी तेज हवा के साथ करीब 20 फीट हवा में उछलकर जमीन पर गिरे। बाइक से टकराने के बाद अनीश उछलकर खड़ी कार पर गिरे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
कार से बाइक टकराने के बाद आरोपी भाग रहा था, लेकिन एयरबैग खुल जाने के कारण उसे सड़क दिखाई नहीं दी और उसने कार रोक दी। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। कार में ड्राइवर के अलावा दो लोग और थे। उनमें से एक भाग निकला। भीड़ ने बाकी दो लोगों की पिटाई कर दी।
शराब के नशे में था आरोपी
नाबालिग अपने दोस्तों के साथ पब से लौट रहा था, जहां वे 12वीं की परीक्षा पास करने का जश्न मना रहे थे। सभी नशे में थे। पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक बयान में कहा था, ‘‘इस दुर्घटना के मामले में आरोपी के पिता और किशोर/अभियुक्त को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है।” वहीं अब आरोपी के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि हमने किशोरी के पिता को छत्रपति संभाजीनगर से हिरासत में लिया है और उसे पुणे लाया जा रहा है तथा उसके खिलाफ दर्ज मामले में उसे गिरफ्तार किया जाएगा। किशोर का पिता रियल एस्टेट कारोबारी है। पुलिस ने किशोरी के पिता के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, किशोर के पिता ने यह जानते हुए भी कि उसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, अपने बेटे को कार दे दी, जिससे उसकी जान को खतरा हो गया, तथा उसे पार्टी करने की भी अनुमति दे दी, जबकि उन्हें पता था कि उनका बेटा शराब पीता है।
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