कोलकाता रेप केस के सबूत कौन मिटा रहा है? 42 प्रोफेसर और डॉक्टर्स का तबादला क्यों किया गया? जानिए इस केस से जुड़े अहम पहलू

0
9
Know Who destroying Kolkata rape case evidence
Source: Google

9 अगस्त की सुबह आरजी कर अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के लेक्चर हॉल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का अध नग्न अवस्था में शव मिला। वह नाइट शिफ्ट में थी और उसके प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से बहुत खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई थी। महिला डॉक्टर की हालत देखकर कोई भी समझ सकता था कि महिला के साथ दरिंदगी हुई है, लेकिन अस्पताल वालों ने पीड़िता के घर फोन करके यह क्यों कहा कि आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है, आप जल्दी से आ जाइए? क्या अस्पताल में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति महिला डॉक्टर को देखकर असली मामला नहीं जान सकता? या फिर यहां कोई और खेल चल रहा है? यहां तक ​​कि इस मामले के विरोध में कोलकाता के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कार्यरत 42 प्रोफेसरों और डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया। ऐसी घटनाएं साफ संकेत दे रही हैं कि इस मामले में कुछ तो है जो आम जनता से छिपाया जा रहा है। आखिर किसे बचाने की कोसिस की जा रही है और कौन सबूतों से छेड़छाड़ कर रहा है?

और पढ़ें: बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर, उत्तराखंड में नर्स और बिहार में नाबालिग की रेप के बाद हत्या, आखिर समाज में कब महिलाएं होंगी सुरक्षित?

दूसरी ओर, जिन 42 प्रोफेसरों और डॉक्टरों की सेवाओं में फेरबदल किया गया है, उनमें आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसर और डॉक्टर शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये तबादले क्यों किए गए हैं।

घटना के बाद प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि घटना के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें इतनी जल्दी कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त कर दिया?

Know Who destroying Kolkata rape case evidence
Source: Google

 

रेप में एक से ज्यादा लोग शामिल

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि बलात्कार में कई लोग शामिल हैं। 14 अगस्त को ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की अतिरिक्त सचिव डॉ. सुवर्णा गोस्वामी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट में 151 मिलीग्राम वीर्य पाया गया, जो किसी एक व्यक्ति का नहीं हो सकता। शरीर पर मौजूद निशान भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस दरिंदगी में एक से ज़्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। हालांकि, कोलकाता पुलिस ने सिर्फ़ एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है। अब मामले की जांच सीबीआई के पास है। यहां तक ​​कि टीएमसी नेता महुआ महित्रा ने भी इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे महज़ अफ़वाह बताया। महुआ ने कहा कि सीमन का वजन नहीं बल्कि महिला के प्राइवेट पार्ट का वजन 150 ग्राम था।

क्या पुलिस किसी को बचाने की कोशिश कर रही है?

घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने बिना किसी जांच के 9 अगस्त की सुबह अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया। हालांकि बाद में महिला डॉक्टर के पिता और मां की शिकायत के बाद इस मामले में दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया। यहां तक ​​कि महिला डॉक्टर संग दरिंदगी करने वाले 33 वर्षीय संजय रॉय का कनेक्शन भी पुलिस से जुड़ा था। वह 2019 में सिविक वालंटियर के तौर पर कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था। सिविक वालंटियर के तौर पर उसे हर महीने 12 हजार रुपये मिलते थे। लेकिन वह पूरी पुलिस वाले रौब में रहता था।

Know Who destroying Kolkata rape case evidence
Source: Google

रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी कोलकाता पुलिस लिखी टी-शर्ट और टोपी पहनकर घूमता था। उसकी बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का स्टिकर लगा हुआ है। उसने चार शादियां भी की थीं। जिसमें से तीन पत्नियां उसके हिंसक व्यवहार के कारण उसे छोड़ चुकी थीं। उसे शराब पीने और पोर्न वीडियो देखने की भी आदत थी। तो यहां सवाल यह है कि पुलिस ने इस शख्स का वेरिफिकेशन क्यों नहीं किया। इस बात पर बहस चल रही है कि क्या कोलकाता पुलिस केवल संजय रॉय को हिरासत में लेकर कसीसी अन्य चीज से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है? यहां तक ​​कि अब तक कोलकाता पुलिस ने सबूतों से हो रही छेड़छाड़ के मामले पर कोई बयान नहीं दिया है।

और पढ़ें: कोलकाता डॉक्टर रेप केस की रूह कंपा देने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, शरीर के हर हिस्से पर मिले चोट के निशान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here