Parle-G Success Strategy: ‘Emotional Ads’ से लेकर ‘मिस्ट्री गर्ल’ तक, पारले-जी की कहानी

STRATEGY OF PAREL BISCUIT
SOURCE-NEDRICK NEWS

Parle Success Story in Hindi – हम बचपन के दिनों से पारले-जी बिस्कुट खाते आ रहे हैं. हम क्या, हमारे मम्मी-पापा भी यही खाकर बड़े हुए हैं. समय के साथ बहुत कुछ बदल गया. नहीं बदला तो एक समय में दुनिया का सबसे मशहूर बिस्कुट रहा पारले-जी का पैकेट. हालांकि पारले ने उसके बाद कई सारे प्रोडक्ट मार्केट में उतारे लेकिन उन्होंने ओरिजनल पारले-जी के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की. इस बिस्कुट के साथ पिछली दो पीढ़ियों की यादें जुड़ी हुई हैं. आज भी इसकी पॉपुलैरिटी में कोई कमी नहीं आई है. 2011 में नील्सन द्वारा किए एक सर्वे के मुताबिक ये दुनिया में सबसे ज़्यादा बिकने वाला बिस्कुट है.

Parle Private Limited एक भारतीय खाद्य कंपनी है जो प्रसिद्ध बिस्कुट ब्रांड Parle G की मालिक है. इसे भारतीय परिवारों के लिए सही चाय साथी के रूप में भी जाना जाता है. कंपनी गुणवत्ता, पोषण और बेहतर स्वाद वाले बिस्कुट बनाने के लिए जानी जाती है. पिछले 8 दशकों में यह एक लंबा सफर तय कर चुका है. पारले को दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाले बिस्किट ब्रांड के तौर पर जाना जाता है. कंपनी की स्थापना चौहान परिवार द्वारा की गई थी, जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है. उनके पास 150+ उत्पाद रेंज, 36 लोकप्रिय ब्रांड और 21+ निर्यात गंतव्य हैं.

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पारले की मार्केटिंग रणनीति मार्केटिंग मिक्स फ्रेमवर्क के साथ ब्रांड का विश्लेषण करती है जिसमें 4Ps (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रचार) शामिल हैं. प्रोडक्ट इनोवेशन, प्राइसिंग अप्रोच, प्रमोशन प्लानिंग आदि जैसी कई मार्केटिंग स्ट्रैटेजी हैं. पारले मार्केटिंग मिक्स पर आधारित ये बिजनेस स्ट्रैटेजी ब्रांड को बाजार में सफल होने में मदद करती हैं. आज हम इस लेख में पारले-G उन्ही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी (Parle Marketing Strategy) के बारे में विस्तार से जानेंगे और साथ ही ये भी जानेगे कि आखिर बचपन से हर पैकेट में दिखने वाली लड़की आखिर कौन है और अभी कहाँ है.

Parle-G की 4P मार्केटिंग स्ट्रेटेजी

1. पारले उत्पाद रणनीति (Parle Product Strategy)

Parle ब्रांड भारत में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त बिस्कुट निर्माण कंपनी है. हालांकि पारले जी के लिए प्रसिद्ध, पारले उत्पाद अन्य क्षेत्रों में और यहां तक ​​कि बिस्कुट श्रेणी में भी विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं. यह क्रैकजैक, मोनाको, क्रीम्स, गोल्डन आर्क्स, पार्ले मैरी, मिल्क शक्ति, पार्ले हाइड एंड सीक, बॉर्बन, टॉप, हैप्पी हैप्पी, 20-20, सिंपल गुड, नमकीन पार्ले मैगिक्स, चीज़लिंग्स जैसे कई अन्य उत्पाद प्रदान करता है. कन्फेक्शनरी में, यह मेलोडी, मैंगो बाइट, एक्लेयर्स जैसे उत्पाद पेश करता है जबकि स्नैक्स सेगमेंट में यह नाचोस, केक, रस्क और वेफर्स प्रदान करता है. यह पारले मार्केटिंग मिक्स के बारे में जानकारी देता है.

इसलिए पारले के सभी उत्पाद ऐसे हैं जिनका किसी भी समय और किसी के द्वारा सेवन किया जा सकता है. वास्तव में, पेश किए जाने वाले बिस्कुट सभी प्रकार के सेगमेंट को पूरा करते हैं, चाहे वह निम्न या उच्च मध्यम वर्ग हो और विभिन्न उत्पाद आकारों में उपलब्ध हैं. कन्फेक्शनरी सेगमेंट में, अपील सार्वभौमिक रही है.

2. पारले मूल्य/मूल्य निर्धारण रणनीति (Parle Pricing Strategy)

पारले ने मार्केट लीडर की स्थिति स्थापित करने के लिए कम लागत वाली रणनीति का पालन किया है. यह अपने मार्केटिंग मिश्रण के एक भाग के रूप में पारले ब्रांड की मूल मूल्य निर्धारण रणनीति है. उच्च गुणवत्ता के वादे के साथ पार्ले उत्पादों की कम कीमत प्रतिस्पर्धियों से लड़ने में मदद करती है. हालांकि पारले गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने में विश्वास रखता है, फिर भी यह उत्पादन की उच्च मात्रा के कारण कम लागत का प्रबंधन करने में सक्षम रहा है. यह बिस्कुट के लिए 2 रुपये के बेस पैक में आता है जबकि टॉफी 1 से 2 रुपये तक की होती है.

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पारले जी की कम मूल्य निर्धारण रणनीति ने बाजार में कई नए बिस्कुट ब्रांडों के प्रतिस्पर्धी के रूप में आने के बावजूद इसे बाजार के नेता के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में सक्षम बनाया है. पारले जी वॉल्यूम रणनीति पर ध्यान केंद्रित करता है और इसलिए इसकी कीमतों को थोड़ा कम रखने से इसे बड़े दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिलती है.

3. पार्ले प्लेस और वितरण रणनीति (Parle Place and Distribution Strategy)

पारले के उत्पाद पूरे भारत में सभी भौगोलिक क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. बहुत मजबूत वितरण नेटवर्क की उपस्थिति के साथ, पार्ले पूरे भारत में 6 मिलियन से अधिक खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचने में सक्षम है. पारले की 23 से अधिक निर्माण इकाइयाँ हैं जो 1500 से अधिक थोक विक्रेताओं को सेवा प्रदान करती हैं. इसके अलावा, डिपो एजेंट भी हैं जो वितरण नेटवर्क के विस्तार में मदद करते हैं.

यही कारण है कि पारले के उत्पाद हर जगह मौजूद हैं चाहे वह छोटी दुकानें हों या किराना स्टोर से लेकर बड़े रिटेल स्टोर/चेन. रेस्टोरेंट, होटल और यहां तक ​​कि छोटे ढाबे भी पारले जी को चाय या कॉफी के साथ परोसे जाने वाले बिस्किट के रूप में रखना पसंद करते हैं. ब्रांड का व्यापक वितरण और उपलब्धता यह सुनिश्चित करती है कि लोग पारले जी को अन्य ब्रांडों की तुलना में बिस्कुट की अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में रखते हैं.

4. पारले प्रचार और विज्ञापन रणनीति (Parle Promotion and Advertising Strategy)

पारले ब्रांड अपने मार्केटिंग मिक्स प्रमोशन (Parle Success Story) और मार्केटिंग रणनीति के एक हिस्से के रूप में टीवीसी, प्रिंट, ऑनलाइन विज्ञापन आदि जैसे सभी मीडिया का उपयोग करता है. पारले ब्रांड हमेशा सकारात्मक भावनाओं से जुड़ा रहा है और इसमें शेयरिंग और केयरिंग जैसे गुणों को शामिल किया गया है. पारले शक्तिमान जैसे शो प्रायोजित करके बच्चों के साथ जुड़ने में सक्षम था, जहां पारले ने उसी के लिए मर्चेंडाइज देना शुरू किया. साथ ही चुनिंदा बच्चों के सपनों को पूरा कर राष्ट्रीय स्तर पर पदोन्नति की शुरुआत की. प्रचार या टीवी विज्ञापनों के मामले में पारले सक्रिय रहा है.

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विशेष रूप से, पारले जी के लिए, कंपनी ने एक युवा लड़की के लोगो का उपयोग करके प्रचार किया और बाद में ब्रांड के लिए एक एंबेसडर भी बनाया. इसके अलावा, सभी उत्पादों की आकर्षक और विशिष्ट पैकेजिंग होती है जो लक्ष्य समूह को आकर्षित करती है. पारले जी के अलावा, कंपनी के अन्य सभी उत्पादों को भी नवीन विपणन अभियानों के साथ बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जाता है. पार्ले प्रिंट और प्रेस मीडिया में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. इसलिए, यह पारले मार्केटिंग मिक्स का समापन करता है.

पारले की मार्केटिंग रणनीति (Parle’s marketing strategy)

पारले खुद को बढ़ावा देने और बाजार में लाने के लिए विभिन्न मार्केटिंग रणनीतियों का उपयोग करता है. यह प्रायोजन गतिविधियाँ करता है, यह ब्रांड एंबेसडर और विभिन्न प्रकार के विज्ञापन अभियानों का उपयोग करता है जैसे कि उनके उत्पाद की पैकेजिंग या इन-स्टोर डिस्प्ले में सेलिब्रिटी स्पीकर का उपयोग, इन-स्टोर विज्ञापन फ़्लायर्स का उपयोग और साथ ही सोशल मीडिया विज्ञापन आदि.

पारले के ब्रांड- एंबेसडर (Parle Brand Ambassadors)

पारले ने अपने उत्पादों के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई ब्रांड एंबेसडर साइन किए हैं. इनमें ज्यादातर बॉलीवुड और संबंधित उद्योगों की हस्तियां शामिल हैं. इन राजदूतों ने पारले को दुनिया भर में अपना संदेश फैलाने में मदद की है. प्रत्येक पार्ले ब्रांड एंबेसडर एक व्यक्ति है जिसकी अपनी अनूठी कहानी है जो पारले उत्पाद के बारे में बताता है जिसने संबंधित ब्रांडों के विकास में अत्यधिक मदद की है.

AMITABH BACCHAN AS BRAND AMBASSDOR OF PARLE G
SOURCE-GOOGLE

इसने वर्तमान में मिलानो ब्रांड के लिए ट्विंकल खन्ना, गोल्ड स्टार कुकीज़ के लिए अमिताभ बच्चन और मेलोडी चॉकलेट के लिए एहसास चन्ना को साइन किया है.

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कौन है पैकेट में दिखने वाली मिस्ट्री गर्ल?

1980 तक (Parle Success Story) ये ‘पारले ग्लूको’ बिस्कुट के नाम से आती थी. बाद में इसका नाम बदलकर रख दिया गया ‘पारले-जी’. समय के साथ जिस ‘जी’ का माने ग्लूकोज़ हुआ करता था, वो बदलकर हो गया ‘जीनियस’. साथ ही इसके कवर पर दिखने वाली फोटो भी बदल गई. पहले इसके कवर पर गाएं और ग्वालन बनी होता थीं लेकिन बाद के दशक में उस ग्वालन को इस प्यारी सी बच्ची (Pale mystery girl name) ने रिप्लेस कर दिया. ये कंपनी की प्रमोशनल स्ट्रेटजी थी.

KRISHAN SUDHA MURTHY, Parle Success Story
SOURCE-GOOGLE

पारले जी (Parle Success Story) के रैपर का कलर शुरू से ही सफेद और पीला रहा है. लेकिन इसके ऊपर दिखने वाली बच्ची को लेकर बहुत बार बहस हो चुकी है. नीरू देशपांडे, सुधा मूर्ति (आई.टी इंडस्ट्रियलिस्ट नारायण मूर्ति की पत्नी) और गुंजन गंडानिया नाम की तीन महिलाओं के इस बच्ची होने का दावा किया जाता रहा है. लेकिन मीडिया में नीरू देशपांडे को ही ये बच्ची माना गया है. नीरू के इस फोटो के पीछ की कहानी ये है कि जब वो साढ़े 4 साल की थीं, तब उनके पापा ने ये फोटो खींची थी. वो कोई प्रफोशनल फोटोग्रफर नहीं थे, लेकिन उनकी खींची इस फोटो को जिसने देखा उसने पसंद किया. इन्हीं चक्करों में ये फोटो किसी ऐसे आदमी के हाथ लग गई, जिसकी पारले वालों के साथ जान-पहचान थी. और इस तरह से उन्हें पारले के पैकेट पर फीचर होने का मौका मिल गया. हालांकि नीरू अब 62 साल की उम्रदराज़ महिला हो चुकी हैं.

मैनेजर का बड़ा खुलासा

Parle Success Story – इस खबर के साथ एक मिथ भी जुड़ा हुआ और वो ये कि कई जगहों पर पारले-जी के पैकेट पर दिखने वाली महिला का नाम नीरू देशपांडे बताया जाता रहा है लेकिन फोटो लगाई जाती है सुधा मूर्ति की. इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति. ये फोटो वाला झोल तो पता नहीं कब से चला आ रहा. लेकिन ये बात भी सही है कि नीरू की फोटो बहुत ढूंढने पर भी नहीं मिलती, क्योंकि हर जगह सुधा की ही फोटो लगी हुई है.

इन सब बातों और अफवाहों से परे पारले कंपनी के प्रोडक्ट मैनेजर मयंक जैन का कहना है कि ये किसी असल इंसान की तस्वीर नहीं महज़ इलस्ट्रेशन भर है. 60 के दशक में मगनलाल दहिया नाम के एक आर्टिस्ट ने इसे बनाया था.

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