वैष्णो देवी कैसे जाएं – जम्मू के कटरा में स्थित वैष्णो देवी जहाँ पर जाने वालों भक्तों की संख्या लाखों में हैं. माता रानी के भक्त कटरा से लम्बी पैदल यात्रा करके त्रिकुट पर्वत जाते हैं और यहां पर बनी गुफा में माता रानी के दर्शन करते हैं. माता वैष्णो देवी की यात्रा देश के सबसे पवित्र और कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक है. जम्मू-कश्मीर के कटरा से त्रिकूट पर्वत पर बनी माता की गुफा तक जाने के लिए 13 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी होती है लेकिन इस मुश्किल चढ़ाई करके रोजाना हजारों की संख्या में भक्त माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको जम्मू के कटरा और कटरा से 12 किलोमीटर में स्थित वैष्णो देवी के मंदिर किस तरह जाए इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
Also Read- हनीमून के लिए चुन सकते हैं भारत की लोकप्रिय जगह.
वैष्णो देवी कैसे जाएं ?
वैष्णो देवी की यात्रा करने से पहले आपको जम्मू या कटरा तक जाना होगा यहां जाने के लिए हवाई जहाज, बस, कार और ट्रेन के जरिए जा सकते हैं लेकिन ट्रेन सबसे अच्छा, सस्ता और आरामदायक सफ़र है. वहीं अगर यात्री जम्मू तक ट्रेन से जाते हैं तो आपको यहां से कटरा तक के लिए बस गाड़ी आदि की सुविधा मिल जायेंगी . हवाई जहाज से जाने वाले लोगों के लिए कटरा के पास रानीबाग एयरपोर्ट है जहाँ प्लेन के जरिए पहुंचकर कटरा जा सकते हैं. कटरा पहुचने के बाद यहाँ पर आपको अच्छे और सस्ते होटल या गेस्ट हाउस मिल जायेंगे साथ ही ओयो रूम (OYO) की फैसिलिटी भी मिल जायेंगी.
यात्रा शुरू करने से पहले करवाएं रजिस्ट्रेशन
वहीं यहां से माता के भवन के लिए आप अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं लेकिन यात्रा शुरू करने से पहले आपको भवन जाने का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और इसके लिए कटरा में रजिस्ट्रेशन केंद्र बना हुआ है. यहां से रजिस्ट्रेशन करवाकर आप यात्रा शुरू कर सकते हैं. इसी के साथ अब रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है.
वैष्णो देवी तीर्थ स्थान समुद्र तल से 5 हजार 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पहुंचने 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है. जहाँ कई लोग 13 किलोमीटर की इस चढ़ाई को पैदल ही करते हैं तो वहीं आप चाहें तो घोड़ा, खच्चर, पिट्ठू या पालकी की सवारी भी कर सकते हैं. इसके अलावा कटरा से सांझी छत के बीच नियमित रूप से हेलिकॉप्टर सर्विस भी मौजूद है. सांझी छत से आपको सिर्फ 2.5 किलोमीट की पैदल यात्रा करनी होगी.
इन जगहों के भी कर सकते हैं दर्शन
भवन से पहले बाणगंगा, चारपादुका, इंद्रप्रस्थ, अर्धकुवांरी, गर्भजून, हिमकोटी, सांझी छत और भैरो मंदिर पड़ेगा. लेकिन यात्रा का मिड-पॉइंट अर्धकुंवारी है. जहाँ पर रुक कर लोग माता के दर्शन करने के लिए आगे बढ़ते हैं.
इस महीने करें वैष्णो देवी की यात्रा
वैसे तो वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल तक की जा सकती है लेकिन यहां जाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि (मार्च से अप्रैल और सितंबर से अक्टूबर) के बीच है. इसके अलावा दिसंबर से जनवरी के बीच यात्रा की जा सकती है लेकिन सर्दियों के मौसम में यहां बहुत ठंड होती है.