Alleagations on Baba Kumar Swami – कुमार स्वामी, एक ऐसा नाम जिनके अनगिनत फ़ॉलोवर हैं. आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाइये इनके आश्रम आपको हर जगह मिलेंगे! संपत्ति इतनी कि खुद कुमार स्वामी को भी इसका अंदाज़ा नहीं है. कुमार स्वामी के खिलाफ कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आप चाहे जितनी बार भी गूगल कर लो, आपको कुछ नहीं मिलेगा. आज कुमार स्वामी उन नामों में से एक है जिनके बारें में बहुत ज्यादा नेगेटिव ख़बरें नहीं दिखाई पड़ती, अब इसका मतलब एक ही है या तो ये बाबा बहुत सच्चे हैं या मीडिया मैनेज करने में इनको महारत हासिल है. हम आपको आगे बताएंगे कि कुमार स्वामी कैसे धर्म की आड़ मे करोड़ों लोगो की भावनाओ के साथ खेल रहे हैं लेकिन उससे पहले कुछ सवाल हैं जिनके जवाब जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है.
कुमार स्वामी के खिलाफ सुलगते सवाल
पहला सवाल: इनको हम किस नाम से पुकारें, के कुमार, कुंदन नागपाल, मोहम्मद कुंदन शाह ?
दूसरा सवाल: असल में कुमार स्वामी के कितने बच्चे हैं ? आखिर कौन है मदान परिवार और बाबा के निजी जीवन में इनकी और इनके बच्चों की क्या भूमिका है?
तीसरा प्रश्न: बाबा के बेटे मंदीप नागपाल की मौत साधारण हुई या महीनों तक उन्हें तड़पा-तड़पा कर मारा गया ?
चौथा प्रश्न: क्या मंदीप नागपाल शादी-शुदा थे ?
पांचवा प्रश्न: क्या नाड़ी दोष की कहानी अपने समागमों में बार-बार सुनाकर, बाबा अपने ही बेटे का रिश्ता तोड़ना चाहते थे ? क्या वाक़ई नाड़ी दोष से होता है CMV-Virus, जिससे हुई थी मंदीप नागपाल की मौत ? आख़िर मंदीप के मरने के बाद बाबा के समागमों से कहाँ ग़ायब हो गया नाड़ी दोष ?
छठा प्रश्न: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को ठीक करने का दावा करने वाला बाबा कुमार स्वामी क्यों अपने ही बेटे को नहीं बचा पाया?
सातवां प्रश्न: आखिर एक Bio Technologist से बाबा को क्यों है इतना लगाव ? Virology Institute में कौन सा राज दफ़न है, जिसने बाबा के बेटे मंदीप नागपाल की जिंदगी तबाह कर दी ?
आठवां प्रश्न: क्यों मंदीप के अंतिम संस्कार में उनकी एक जज महिला दोस्त (जो ख़ुद को मंदीप की पत्नी बताती हैं), उन्हें बाबा की खूनी भीड़ ने जान से मारने की कोशिश की ?
नौवां प्रश्न: क्या कुमार स्वामी ने अपने ही बेटे मंदीप नागपाल की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की थी?
दसवां प्रश्न: आखिर क्यों भगवे की आड़ में बाबा अपने हज़ारों अनुयायियों से लगवाता है अल्लाह-हू-अकबर के नारे ?
ग्यारहवां प्रश्न: महाभारत में अर्जुन का रोल निभाने वाले एक्टर फ़िरोज़ खान ने क्या सच मे करवाया था कुमार स्वामी का निकाह ?
ये वो चुनिंदा सवाल हैं जो कुमार स्वामी के कई काले कारनामों का भांडा फोड़ सकते हैं, इन सवालो से कुंदन नागपाल उर्फ़ कुमार स्वामी कभी भाग नहीं सकते! आइए, अब हम आपको ये बताते हैं कि कैसे कुमार स्वामी धर्म की आड़ में करोड़ों लोगों की भावनाओ के साथ खेल रहे हैं. उनके द्वारा किये जा रहे दावे और झूठ के व्यापार की एक लिस्ट आप भी देखिए.
और पढ़ें: मुझे ख़ुश करो नहीं तो…भ्रष्टाचार और शोषण का अड्डा बना दिल्ली सरकार का हसनपुर डिपो
कुमार स्वामी के ‘फर्जी’ दावे
ये बाबा लाइलाज रोगों से मुक्त कराने का दावा ठोकते हैं, अपने महा समागमों में दुख निवारण कार्यक्रम चलाते हैं, अपने सिद्ध मंत्रों से अनपढ़ को विद्वान और निर्धन को धनवान बनाने की बड़ी-बड़ी डींगे हांकते हैं! खुद को भगवान गणेश का अवतार और 21वीं सदी का एक पहुंचा हुआ आध्यात्मिक गुरु बताते हैं. ये महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी हैं, जो अपने 500 मिलियन से ज्यादा followers कि आड़ में ना जाने क्या-क्या दावे ठोकते हैं और कैसे-कैसे कांड करते हैं! ये सब कुछ हम नहीं कह रहे, ये खुद कुमार स्वामी के वो करीबी बताते हैं जो उनके परिवार का हिस्सा हैं.
कुमार स्वामी का दावा है कि उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों में ‘छिपे हुए ज्ञान’ की खोज की है. उनका दावा है कि उन्हें उस ‘ज्ञान’ से लाभ हुआ है और अब वह अपने शिष्यों को ‘बीज मंत्र’ का रूप दे रहे हैं, जिसमें वह सभी धर्मों का सार होने का दावा करते हैं. उनका दावा है कि उन्होंने वेदों, देवी महात्म्य, गुरु ग्रंथ साहिब, कुरान, बाइबिल और अन्य सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकों से ‘मंत्र’ लिए हैं.
वह अपने अनुयायियों के लिए सम्मेलन आयोजित करते हैं जहां वह उन्हें अपने बीज मंत्र प्रदान करते हैं और दावा करते हैं कि उनमें उनके भक्तों की सभी बीमारियों को ठीक करने और जीवन की सभी समस्याओं को हल करने की क्षमता है. उन्होंने अपनी वेबसाइट पर यह भी दावा किया कि उनके बीज मंत्रों द्वारा उनके भक्तों को एड्स, बहरापन, गूँगापन, कैंसर, नशे की लत आदि बीमारियों और कष्टों से मुक्ति मिल गयी.
इन कारणों से सुर्खियों में रहे थे बाबा – Alleagations on Baba Kumar Swami
कुमार स्वामी के खिलाफ वो मुद्दे जिसकी वजह से वो सुर्खियों में रहें-
- बाबा ने 2002 में एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की, जिसका नाम है भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम.
- स्वच्छ यमुना ड्राइव के लिए भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के भक्तों ने जुलाई, 2012 में नई दिल्ली में शांति मार्च निकाला और प्रधानमंत्री कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा.
- संगठन के अभियान को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सौतेले भाई मलिक ओबामा ने भी समर्थन दिया था. उन्होंने मथुरा में कुमार स्वामी के एक सम्मेलन में उनसे मिलने के लिए भारत की यात्रा की.
- असाध्य रोगों के लिए बाबा के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ 2013 में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के बेटे (आदित्य ठाकुर) और बेटी (तनया ठाकुर) ने बाबा कुमार स्वामी को लीगल नोटिस भेजा था और गोमतीनगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
सिखों ने दी थी कार्रवाई की चेतावनी – Alleagations on Baba Kumar Swami
2019 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से श्री गुरु रामदास डेंटल कॉलेज में प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल की अध्यक्षता में बुलाई धर्म प्रचार कमेटी की मीटिंग में महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी (Alleagations on Baba Kumar Swami) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया गया. इस कार्रवाई का निर्णय अखबारों में सिख सिद्धांतों को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापन छपवाने पर लिया गया था. इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र भी लिखा गया.
भाई लोंगोवाल ने बताया कि महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने जहां पवित्र गुरुबाणी और एक ईश्वर की तुलना खुद से की, वहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब और दसवें पातशाह जी की बाणी का भी निरादर किया. उसने श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी को हिंदू देवी-देवताओं के साथ भी जोड़ा है. इस अपमान को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
कुमार स्वामी के खिलाफ और भी बहुत सी बातें हैं, सवाल हैं, जो समय-समय पर उठते रहे हैं. मुद्दे की बात तो ये है कि आख़िर कैसे हर बार कुमार स्वामी के खिलाफ उठने वाली इन आवाज़ों को दबा दिया जाता है ? क्यों उनके खिलाफ उठने वाली खबरें सुर्खियां नहीं बना पाती ? क्यों मीडिया कुमार स्वामी के विरुद्ध उठने वाली आवाजों को अनसुना कर देती है?
और पढ़ें: सफदरजंग अस्पताल फ्रॉड: छुट्टियां और प्रमोशन के बीच का गणित अभी भी अधूरा है