IPS Alka Meena full Details in Hindi – जिसने अपने काम को पूजा…काम को अपनी पहचान बनाई…काम करने की अपनी शैली को ढाल बनाकर लोगों की मदद की और समाज में खुद का और अपने समाज का मान बढ़ाया…महिला होकर भी दबंग ऑफिसर वाली छवि…भ्रष्टाचार को कुचलने की ताकत और कई मौकों पर खुद को साबित कर देश के सबसे बेहतरीन महिला ऑफिसरों में शुमार हो गई हैं पंजाब की एसएसपी, आईपीएस अलका मीणा. आज हम आपको इस जांबाज IPS Alka Meena से जुड़ी हर एक बात बताएंगे,जिसे आप नहीं जानते होंगे.
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2012 में इस IAS से हुई थी शादी
मूल रूप से राजस्थान (IPS Alka Meena State) से आने वाली अलका मीणा, 2010 पंजाब कैडर की अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता और भाई को दिया था. वह कहती हैं कि मेरे माता-पिता ने पुलिस फोर्स से जुड़ने के लिए हमेशा मुझे मोटिवेट किया. मौजूदा समय में अलका मीणा पंजाब के मालेरकोटला की एसएसपी के रूप में कार्यरत हैं. अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके कामों के उदाहरण दिए जाते हैं. कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए काम और उनके प्रयासों की सराहना पूरे देश में हुई थी. उन्हें पंजाब की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर होने का गौरव भी प्राप्त है.
अलका मीणा के काम की बदौलत ही उन्हें किडनी कांड की निष्पक्ष जांच के लिए बनाई गई एसआईटी में मेंबर बनाया गया था. वह सामाजिक समस्याओं के मूल कारणों की जांच करती हैं और उसे दूर करके ही दम लेती हैं. अपराधियों के प्रति शख्त मिजाज वाली अलका मीणा का स्वभाव काफी विनम्र और मिलनसार है. वह लगातार जमीनी स्तर पर लोगों के संपर्क में रहती हैं, यही कारण है कि वह सबकी चहेती भी बन चुकी हैं. साथ ही अलका मीणा लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने का संदेश भी देती हैं.
जरुरतमंदों की जरुरतों को पूरा करना हो या महिला सुरक्षा के लिए काम करना हो, आईपीएस अलका मीणा हर मामले में सबसे आगे दिखती हैं. वह खुद मानती है कि समाज से भ्रष्टाचार को मिटाने और महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा पुलिस फोर्स ज्वाइन करना चाहिए. आपको बता दें कि साल 2012 में IAS अमित कुमार (IPS Alka Meena Husband Name) से उनकी शादी हुई थी. शादी के कुछ ही वर्षों बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ.
कोरोनो के समय में किया था जी-तोड़ काम
अलका मीणा (IPS Alka Meena full Details) बताती हैं कि कोरोना का घातक समय उनके लिए भी मुसीबतों से भरा रहा. अपने इलाके की मुखिया होने के कारण हर किसी का ध्यान रखते हुए वह 24 घंटे में 18 घंटे से ज्यादा काम करती थीं और जब घर आती थीं तो उनका 5 साल का बेटा उनका इंतजार करता था…जिससे वह मिल भी नहीं पाती थीं.
उन्होंने एक बार मीडिया को बताया था कि करोनाकाल में अपनी ड्यूटी के बाद जब वह घर जाती थीं तो उनकी गाड़ी की आवाज सुनकर उनका बेटा उनके पास आ जाता था पर खुद को sanitize किए बिना उसके पास नहीं जा सकती थी, इसीलिए वह गाड़ी को घर से 200M दूर रोकती थी, घर आकर नहाती, कपड़े बदलती और फिर उसके पास जाती थी. उनके कामों से जुड़े अन्य भी तमाम किस्से हैं जो उन्हें सबसे अव्वल बनाते हैं.
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