अकसर ट्रेन (Train) से लोगों के मरने की खबर आती है और इन लोगों की मौत पटरी पार करते हुए या फिर बंद फाटक को पार करते समय होती है साथ ही कई सारे मामले होते हैं जब ट्रेन की वजह से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. वहीं कई बार रेल से जानवर कटने या टकराने की घटना भी सामने आती है. इस घटना की वजह से रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान भी होता है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि ट्रेन से जानवर कटने पर रेलवे को कितना नुकसान होता है.
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रेलवे को होता है लाखों का नुकसान
जानकारी के अनुसार, पैसेंजर और गुड्स ट्रेन से जानवर कटने का नुकसान अलग-अलग होता है. ट्रेन से पशु कटने की वजह से ट्रेन सबसे पहले लेट होती है. वहीं रेलवे से आरटीआई में मिली एक जानकारी के मुताबिक अगर डीजल से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन एक मिनट रुकती है तो उसे 20401 रुपये का नुकसान होता है. वहीं इलेक्ट्रिक ट्रेन के रुकने पर 20459 रुपये का नुकसान होता है. इसी तरह डीजल से चलने वाली गुड्स ट्रेन को एक मिनट रुकने पर 13334 रुपये और इलेक्ट्रिक ट्रेन को 13392 रुपये का नुकसान होता है. यह वो नुकसान है जो सीधे तौर पर रेलवे को होता है.
ट्रेन रुकने की वजह से भी होता है नुकसान
एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर कहीं पर बिना वजह कोई एक ट्रेन रुक जाती है तो सुरक्षा की द्रष्टि और ट्रैफिक को देखते हुए पीछे से आने वाली दूसरे ट्रेनों को भी रोक दिया जाता है. इस तरह एक पशु के कटने या टकराने के चलते सिर्फ एक ट्रेन ही नहीं रुकती है, बल्कि कई और ट्रेन को भी जगह-जगह रोकना पड़ता है. अब ऐसे में अगर वो ट्रेन लेट होती हैं जहां रेलवे हर यात्री को 100 से 200 रुपये का भुगतान करता है तो रेलवे को होने वाला यह नुकसान करोड़ों रुपये में पहुंच जाता है.
ट्रेन लेट होने पर मिलता है हर्जाना
वहीं कुछ खास ट्रेन के लेट होने पर तो रेलवे यात्रियों को भी हर्जाने का भुगतान करता है. इतना ही नहीं अगर कोई पैसेंजर बिना वजह चलती हुई ट्रेन में चेन पुलिंग कर दे या फिर प्रदर्शनकारी कहीं पर दो-चार ट्रेन रोक दें इससे भी रेलवे को बड़ा नुकसान होता है.
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