Train Accident Claim in Hindi – भारत देश रेलवे सबसे बड़ा नेटवर्क हैं और इस रेलवे नेटवर्क के सहारे एक राज्य से दूसरे राज्य का सामना और माल और यात्री भी सफर करते हैं. वहीं इतना बड़ा नेटवर्क होने के वजह से कई ट्रेन हादसे की खबर अक्सर आती रहती है साथ हुई कई लोग ट्रेन की चपेट में आने की वजह से मर भी जाते हैं. इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि यात्रा करते समय हादसा होने पर आपके अधिकार क्या हैं.
Also Read- Odisha Train Accident : ट्रैवल इंश्योरेंस क्यों है जरुरी, जानिए इसके लाभ और क्लेम अमाउंट
इन मामलों में रेलवे डिपार्टमेंट लेगा यात्रियों की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार, रेलवे स्टेशन के अंदर कदम रखते ही रेलवे डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी यात्रियों को लेकर शुरू हो जाती है लेकिन आपके सामान की जिम्मेदारी रेलवे डिपार्टमेंट की नहीं है. सामान की जिम्मदारी यात्री की है और इस बात की जानकारी खुद रेलवे स्टेशन पर कई सारे पोस्टर पर लिखी हुई रहती है. लेकिन अगर सामान आपके हाथ में है और वो चोरी होता है या फिर ट्रेन, वेटिंग हॉल या लिफ्ट में सामन चोरी होता है तो इस मामले में मुआवजा मिलेगा.
मुआवजा देने का भी है अधिकार
वहीं, रेलवे परिसर या फिर ट्रेन में यात्रा के समय यात्री को फिजिकली कोई नुकसान पहुंचे तब रेलवे एक्ट 1989 की Section – 124 के अनुसार, किसी यात्री का एक्सीडेंट हो या फिर उसकी अचानक मृत्यु हो जाए, तो उसे मुआवजा दिया जाएगा. वहीं Supreme Court के फैसले के अनुसार, मुआवजा तब मिलेगा जब एक्सीडेंट ट्रेन में यात्रा के समय, यात्रा पूरी करके ट्रेन से उतरने के दौरानऔर स्टेशन परिसीमा में मिलेगा.
Train Accident Claim – अगर आत्महत्या करने के लिए कोई रेलवे का सहारा लेता है तो ऐसी सिचुएशन की जिम्मेदारी न ही Railway प्रशासन लेगा और न ही रेलवे की तरफ से कोई मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के अनुसार, यात्रा के दौरान मौत या घायल होने पर यात्री मुआवजे का हकदार होगा और मुआवजा सभी तरह की दुर्घटनाओं पर लागू होगा.जिस व्यक्ति की मौत या एक्सीडेंट हुआ है, उसकी कमाई का आधार पर मुआवजा मिलेगा.
ट्रेन में सामान चोरी होने पर कहां करें शिकायत
ट्रेन में से आपका समान चोरी हो जाए तो रेलवे पुलिस, टीटी या गार्ड से इस मामले की शिकायत की जा सकती है. वहीं चलती ट्रेन में भी FIR दर्ज करा सकते हैं, लेकिन अगर पैसेंजर की गवाही की जरूरत हो, तब आपको किसी स्टोशन में उतरकर GRP थाने में गवाही देनी पड़ सकती है. वहीं, पैसेंजर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं. रेल मदद ऐप में आप आसानी से कम्प्लेन कर सकते हैं. इसे जीरो FIR माना जाएगा और इस पर तुरंत जांच शुरू हो जाएगी.
Also Read- जेल में कैदियों को सफेद रंग की ड्रेस ही क्यों पहनाई जाती है?