UK क्यों भाग जाते हैं भारत के आरोपी
इस बात में कोई शक नहीं है कि निवेशकों को लेकर शुरू से ही ब्रिटेन बहुत नरम रुख अपनाता रहा है. फिर चाहे वो किसी कंपनी के लीगल काम से निवेश हो या फिर कोई व्यक्ति अपने देश से फ्रॉड (Fraud) या स्कैम (scam) करके आया हो. अपनी इकॉनमी को अच्छा करने के लिए UK को सिर्फ पैसे से मतलब है . लेकिन एक बात शायद ही आपने नोटिस की हो कि आखिर जो भी वित्तीय फ्रॉड (financial fraud) करने वाले भारतीय मूल के व्यवसायी जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी, सैफी ये सब कहीं और छोड़कर UK ही क्यों गए ? क्या भारत सरकार के पास ये हक़ नहीं है की वो अपनी पॉलिसी के तहत उन्हें वहां से गिरफ्तार करवा ले ? या फिर इनसे ब्रिटेन को फायदा होता है? आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे कि आखिर सारे स्कैमर्स ब्रिटेन ही क्यों भागते हैं.
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इस वजह से ब्रिटेन भागते हैं स्कैमर्स
भारत में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (Fugitive Economic Offenders Act) के तहत कई सारे मामले दर्ज हैं जिसमे ये उल्लेख है की , “ जो 100 करोड़ रुपये से अधिक के अपराधों में आरोपी की सभी संपत्तियो को जब्त करने और भारतीय अधिकार क्षेत्र के बाहर रहकर किसी तरह के मुकदमे (prosecution) से बचने की अनुमति देता है और ये शुरुआत से ही ED के लिए बहुत बड़ा मसला रहा है की वो भारत से बाहर किसी पर भी कोई लीगल एक्शन नहीं ले सकते.
भारतीय फ्रॉडस्टर्स क्यों चुनते हैं UK
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह माना जाता है कि ब्रिटेन अपनी निष्पक्ष कानूनी प्रणाली के कारण शरण मांगने वाले भगोड़ों के लिए पसंदीदा स्थान है जो मानवाधिकारों को प्राथमिकता देता है. ये 3 मुख्य वजह हैं जो यूके को भारतीय फ्रॉडस्टर्स के लिए आकर्षित करते हैं. इसमें मानवाधिकारों पर ब्रिटेन का जोर, साथ ही इन अपराधियों के पास मौजूद वित्तीय सहायता भी शामिल है. अतिरिक्त कारणों में प्रत्यर्पण के संबंध में भारत के साथ ब्रिटेन के असमान संबंध और ब्रिटेन द्वारा दिए गए शरण अनुदान शामिल हैं जिन्हें वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है.
- मानवाधिकार – मानवाधिकारों के यूरोपीय सम्मेलन के अनुसार, ब्रिटेन की एक अदालत प्रत्यर्पण अनुरोध से इनकार कर सकती है यदि उसे लगता है कि व्यक्ति यातना के अधीन होगा, मौत की सजा का सामना करेगा, या प्रत्यर्पण राजनीतिक कारणों पर आधारित है.
- वित्तीय सहायता – भारत से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले कई भारतीय अमीर रहे है.विजय माल्या, ललित मोदी और नदीम सैफी सभी आर्थिक रूप से अच्छी तरह से समर्थित थे.
- असमान प्रत्यर्पण – 1993 में, भारत और ब्रिटेन ने एक पारस्परिक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए. हालांकि, ऐसा लगता है कि हन्ना फोस्टर हत्या मामले में भारत द्वारा 2008 में एक ब्रिटिश नागरिक मनिंदरपाल सिंह कोहली को प्रत्यर्पित करने के बावजूद ब्रिटेन भारत के प्रत्यर्पण अनुरोधों को रोक रहा है.
गोल्डन वीजा के साथ देती है सिटीजनशिप
दुनिया भर के लोग भी धोखाधड़ी और घोटाले करते हैं और लंदन को ही रवाना हो जाते हैं. इसलिए, लंदन अब इन धोखेबाजों के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग बन गया है. चौकाने वाली बात ये है की ब्रिटिश सरकार इन धोखेबाजों और अपराधियों का स्वागत करती है. वे उन्हें गोल्डन वीजा भी प्रदान करती है. लेकिन एक शर्त रखी जाती कि उन्हें ब्रिटेन सरकार में भारी निवेश करना पड़ेगा. ब्रिटेन सरकार इन सभी घोटालेबाजों और धोखेबाजों को गोल्डन वीजा देती है ताकि वे अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विदेशी पूंजी आकर्षित कर सकें. बदले में इन जालसाजों को निवास और नागरिकता का अधिकार मिलता है और साथ ही प्रोटेक्शन के लिए उन्हें सिक्योरिटी भी दी जाती है .
बहाने देकर ब्रिटेन करता है इनका बचाव
ऐसा नहीं है की भारत इन सरकारों से इन्हें वापस करने की मांग नहीं करती. भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकारों से कई बार अनुरोध किया है कि वे भारतीय करदाताओं की गाढ़ी कमाई छीनने वाले इन धोखेबाजों को सौंप दें लेकिन अब तक कुल 131 लोगों में से केवल एक को भारत सरकार को सौंपा गया है.
ब्रिटेन सरकार मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन के आधार पर बहाने देकर इन धोखेबाजों की सुरक्षा करती है. ब्रिटेन भारत के अनुरोध को अस्वीकार करता है यदि अंग्रेजों को लगता है कि उन्हें यातना दी जा सकती है या भारत की जेल उपयुक्त नहीं है. ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही वास्तव में धीमी है. भारत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण सहित नौ अनुरोध किए हैं.
हालांकि, यूके का व्यवहार अन्य सभी देशों के लिए समान नहीं है. जैसा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने ब्रिटेन से लगभग 130 धोखेबाजों को सौंपने का अनुरोध किया था, अब तक केवल 10 लोगों को खारिज कर दिया गया है. जब रूस से धोखेबाज ब्रिटेन भाग जाते हैं, तो रूस ने भी यूके सरकार से उन्हें सौंपने का अनुरोध किया. हालांकि, उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है और रूस फिर इन धोखेबाजों को वापस लाने के लिए सख्त कदम उठाता है.
भारतीय से भागे स्कैमर्स और मर्डरर
- नीरव मोदी(Neerav Modi ) (Indian jeweller fled the country after allegations of fraud arose in February. His stores have since closed and all of his assets, including luxury cars, have been seized after police warrant for his arrest was issued)
- विजय माल्या(Vijay Mallya) (After the collapse of his airline, Kingfisher Airlines, in 2012, Mallya accumulated £900 million in debts. His drastic fall from a liqueur tycoon into a wanted man has left him grounded in the UK)
- ललित मोदी (Lalit Modi) (he served as Vice President) after he was accused of misconduct, indiscipline and financial irregularities)
- नदीम सैफ़ी (Nadeem Saifi) (Accusesd of the murder conspiracy of singer Gulshan Kumar)
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