अबतक की 5 सबसे बड़ी विमान दुर्घटना
हवाई यात्रा (Air travel) अब तक परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन है, लेकिन यह हमेशा से इतना सुरक्षित नहीं रहा है। दुनियाभर में आए दिन आप किसी न किसी बड़ी दुर्घटना की खबर अखबारों (newspapers) और सोशल मीडिया (Social media) में तो देख ही लेते होंगे ठीक ऐसा ही एक हादसा रविवार 15 जनवरी को नेपाल में हुआ जहां 72 यात्रियों से भरी प्लेन अपनी लैंडिंग के मात्र 10 सेकंड पहले हादसे का शिकार गई और उसमे बैठे सभी बेकसूर यात्री अपनी जान गवां बैठे। हालांकि अभी तक हादसे की वजह का कोई खुलासा नहीं हुआ है. आज हम आपको ऐसे ही 5 प्लेन क्रॅशेस की जानकारी देंगे जिसे पढ़कर हवाई यात्रा करने से पहले रूह कांप जाए और एक बार को शायद आप सफर करने से मना कर दें।
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टेनेरिफ़ एयरपोर्ट डिजास्टर (1977)
यह हादसा स्पेन (spain) के ग्रैन कैनरिया हवाई अड्डे (Gran Canaria airport) पर 27 मार्च 1977 को हुआ था, जिसकी शुरुआत हवाई अड्डे पर विस्फोट से शुरू हुई थी और परिणामस्वरूप ग्रैन कैनरिया हवाई अड्डे की सारी फ्लाइट्स टेनेरिफ हवाई अड्डे (Tenerife Airport) पर डाइवर्ट कर दी गई जिसमे KLM Flight 4805 और PAN-M फ्लाइट 1736 भी शामिल थी, बहुत घने कोहरे (Dense Fog), ग्राउंड रडार, और अनियमित संचार (Misscommunication) के चलते दो बोइंग 747s (two Boeing 747s) एक दूसरे से टकरा गए। रिपोर्ट का दावा है की इन दोनों जहाजों में कुल 583 यात्री सवार थे जिसमे से गिने-गिनाये केवल 61 यात्री ही बच पाए. प्लेन क्रैश के इतिहास में ये हादसा सबसे भयानक हादसों में से एक है.
जापान एयरलाइंस की उड़ान 123 (1985)
जापान एयरलाइंस फ्लाइट (japan airlines flight) 123 की दुर्घटना अब तक की सबसे खराब हवाई दुर्घटना (air crash) है जोकि 12 अगस्त 1985 में हुआ था इस जहाज की उड़ान टोक्यो (Tokyo) के हनेडा हवाई अड्डे (Haneda Airport) से शुरू हुई थी हादसा टोक्यो के नार्थ-साउथ ताकामागहारा पर्वत (Mount Takamagahara) को पार करने के बाद हुआ। जहाँ उड़ान के ठीक 12 मिनट बाद अचानक विमान में एक विस्फोट हुआ जिसकी वजह से विमान का Redder और Hydraulic System ख़राब हो गया और विमान से पायलट का नियत्रण ख़त्म हो गया लेकिन विस्फोट के बावजूद पायलट ने 30 मिनट तक हवा में नियंत्रण बनाये रखा और आखिर में विमान एक रिज के पास क्रैश हो गया। जहाज में पायलट टीम को लेकर कुल 524 यात्री थे जिसमें मात्र 4 जिंदा बचे, बाकी 520 लोग इस दुर्घटना में मारे गए..
चरखी दादरी मिड-एयर कोलिशन (1996)
दिल्ली से सटे राज्य हरयाणा के दक्षिणी भाग में स्थित चरखी दादरी का नाम शायद ही सुना हो आपने लेकिन ये एयरपोर्ट अपने आप में एक ऐसा हादसा समेटे बैठा है जिसने कई यात्रियों की जान ले ली। 12 नवंबर 1996 जब दिल्ली के IGI एयरपोर्ट से अरब (Arabia) जाने वाली फ्लाइट अरेबियन एयरलाइंस 763 और कज़ाखस्तान एयरलाइंस फ़्लाइट 1907 की चरखी दादरी में जोरदार हवाई टक्कर हुई। इस हादसे की दो वजह थी एक कजाकिस्तान के पायलटों की तरफ़ से अपनी बात को सही से ना समझा पाना और दूसरी इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर द्वितीयक निगरानी रडार (secondary surveillance radar) की गैर-मौजूदगी। हादसे में दोनों विमानों में यात्रा कर रहे कुल 349 यात्रियों में से कोई भी जिन्दा नहीं बचा.
तुर्की एयरलाइंस की उड़ान 981 (1974)
टर्किश एयरलाइंस फ़्लाइट 981 ने इस्तांबुल से स्थानीय समयानुसार 07:57 पर उड़ान भरी और स्थानीय समयानुसार 11:02 बजे ओरली हवाई अड्डे पर उतरी। इस यात्रा के दौरान इसमें मात्र 167 यात्री ही थे जिनमे से 50 यात्री तो पेरिस उतर गए लेकिन उसी वक्त ब्रिटिश यूरोपियन एयरवेज की हड़ताल के चलते इस विमान से लंदन जा रहे यात्रियों को फ्लाइट 981 में शिफ्ट किया गया और इस वजह से फ्लाइट 981 को उड़ान भरने में 30 मिनट की देरी भी हुई। यह फ्रांसीसी शहर मेउक्स से गुजरने वाले विमान के कुछ ही समय बाद, पिछला बायां कार्गो दरवाजा उड़ गया। इससे यात्री केबिन का दबाव बढ़ गया। दबाव वाले केबिन को विमान से अलग कर दिया गया जिसकी वजह से 6 यात्रियों को जानबूझकर विमान से उड़ा दिया गया। दुर्घटना ने विमान के महत्वपूर्ण हिस्सों को मुख्य रूप से बैकअप नियंत्रण केबलों(Cables) को भी बर्बाद कर दिया उसके बाद पायलट्स का जहाज पर से पूरा नियंत्रण हट गया।और दुर्भाग्यवश McDonnell डगलस DC-10 पेरिस, फ़्रांस के ठीक बाहर, Ermonville फ़ॉरेस्ट में डूब गया, जिसमें सवार सभी 346 लोगों की जान चली गई।
अमे
रिकन एयरलाइंस फ्लाइट 191 (1979)
अमेरिकन एयरलाइंस फ़्लाइट 191 दुर्घटना जो की 25 मई 1979 को हुई थी और ये दुर्घटना यूनाइटेड स्टेट (United State) के अंदर हुई अब तक की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना है और इसी हादसे ने मैकडॉनेल डगलस डीसी-10 की बदनामी भी की.हवाई पट्टी पर टेकऑफ के कुछ वक्त बाद विमान के लेफ्ट विंग के 2 इंजन्स में से एक विमान से अलग हो गया और विंग के ऊपर लटक गया ,इसके वजह से हाइड्रोलिक द्रव लाइनें (Hydraulic Fluid Line) भी टूट टूटते ही पूरा विमान पलट गया। जांच से पता चला कि आपदा विमान कर्मियों लापरवाही और टेक्निकल फाल्ट के कारण हुई थी। जिसमे सवार कुल 273 लोगों जानें गई। और ये हादसा अमेरिका के लिए एक ट्रेजेडी बन गया।
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ये वो 5 हवाई घटनाएं थीं जिससे पूरी दुनिया के हर बड़े वैज्ञानिकों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया की हमने अभी भले ही विमान की खोज तो कर ली लेकिन कुछ तकनीकी खराबियां अभी भी सहीकरनी बाकी थी तबसे विमान हादसों गिरावट तो आई, लेकिन फिर भी अभी आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। और हम आप इसमें अपने तरफ से सावधानी बरत सकते हैं लेकिन जैसा कहा गया है की ” होनी को कोई नहीं टाल सकता”