सिख, पंजाबी और सरदार में क्या है फर्क ? यहां जानिए

Sikhs, Punjabis and Sardar
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क्या आप जानते है कि सिख, पंजाबी और सरदार में क्या फर्क होता है ? क्या आपको भी लगता है कि सिख, पंजाबी और सरदार एक ही होते है ? क्या आप भी सिख, पंजाबी और सरदार में फर्क नहीं कर पाते ? तो आईये आज हम आपको बतायेंगे कि सिख, पंजाबी और सरदार में क्या फर्क होता है…

आमतौर पर हम सब सिख, पंजाबी और सरदार को एक ही मानते है, लेकिन यह तीनो एक दूसरे से बिलकुल अलग होते है. देखने में तीनो बेसक से एक जैसे लगते ही पर यह काफी अलग है. हर पगड़ी पहने वाला, लम्बी ढाढी रखने वाला पंजाबी नहीं होता है. सिख वह लोग होते है जिन्होंने सिखों की इन पांच चीजों को अपनाया है पगड़ी, क्रपान, कंघा, कच्छा और कड़ा. यह पांचो चीज़ असली सिख की पहचान होती है. इसके बाद हम बात करते है पंजाबी की, पंजाबी वह लोग होते है जो पंजाब में रहते है वह चाहे किसी भी जाति या धर्म के क्यों न हो. अब हम सरदार के बारे में आपको बताते है, सरदार एक तरह की उपाधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. आईये हम आपको इन तीनो के बारे में अच्छे से समझाते है.

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सिख, पंजाबी और सरदार में क्या फर्क है?

सिख कौन होते है ?

सिख एक धर्म है, जिससे 15वीं शताब्दी में सिखों के गुरु, गुरु नानक देव जी ने की थी, इससे खालसा पंथ भी कहा जाता है. सिख धर्म में जातिव्यवस्था को नहीं मानते है, गुरु जी का मानना था कि बस दो ही जाति होती है एक महिला और पुरुष , जिसके साथ यह कहा था कि पुरुष अपने नाम के पीछे सिंह लगाएंगे और महिलाये कौर लगाएंगी. गुरु जी ने अनुसार सिख उस हर इंसान को कह सकते है जिसमे सिखों कि यह पांच चीजें अपनाई हो : पगड़ी, क्रपान, कंघा , कच्छा और कड़ा. वह चाहे कहीं भी रहता हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम आपको बता कि 70% सिख पंजाब में रखते है.

पंजाबी किसे कहते है ?

हम आपको बता दे कि पंजाबी कोई धर्म या जाति नहीं है बल्कि यह तो पूरी एक संस्कृति है. पंजाब में रहने वाले सभी लोगो को पंजाबी कहा जाता है. जो लोग पंजाबी संस्कृति को मानते है, पंजाबी भाषा बोलते है, पंजाब में रहते है उन सभी को पंजाबी ही कहा जाता है, हाँ कई बार सिखों और सरदारों को भी पंजाबी बोल देते है, ओर कई मायनों में यह सच भी होता है, लेकिन जो सिख पंजाब में नहीं रहते उन्हें पंजाबी नहीं कह सकते. पंजाब में रहने वाला हर धर्म, जाति या माहजब का इंसान पंजाबी कहलाता है.

सरदार कौन होते है ?

पहली बार सरदार शब्द का प्रयोग सिखों के गुरुओं द्वारा कुछ खास सिखों को उपाधि देने के लिए करा था. जब सिखों के गुरुओ ने उन खास सिखों को, सिखों की खास पांच चीजें देकर विशेष सिख बनाया था. वैसे सरदार का मतलब किसी समुदाय का नेता भी होता है. किसी भी सिख को पंजाबी या सिख बोलने से ज्यादा सम्मान सरदार बोलने से मिलता है

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