इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिलने वाले चुनावी चंदे की जानकारी सार्वजनिक होते ही राजनीतिक दल अब इससे जुड़े सवालों का जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं। हाल ही में बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) अपने चुनावी चंदे की पूरी जानकारी देने में आनाकानी कर रही है। दरअसल, साल 2019 में एक लिफाफे में बंद 10 करोड़ रुपये का अज्ञात बांड जेडीयू कार्यालय पहुंचा था।
जब चुनाव आयोग ने पार्टी से इस अज्ञात बांड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह बांड किसने भेजा है। पार्टी ने आयोग को यह भी बताया कि उसने चुनावी चंदे के रूप में बांड भुनाया और पूरी राशि JDU के बैंक खाते में चली गई। हालांकि, पार्टी ने स्वीकार किया कि उसे अभी भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि बांड किसने खरीदे।
JDU का चुनावी बॉन्ड
रविवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा दाखिल किए गए सैकड़ों सीलबंद लिफाफे उजागर किए। बिहार की सत्ताधारी पार्टी की फाइलिंग के मुताबिक, उसे चुनावी बांड के तौर पर 24 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं। जिनमें से कई हैदराबाद और कोलकाता में एसबीआई शाखाओं से जारी किए गए थे और कुछ पटना में जारी किए गए थे। पार्टी ने भारती एयरटेल और श्री सीमेंट को क्रमशः 1 करोड़ रुपये और 2 करोड़ रुपये के बांड दाताओं के रूप में नामित किया।
हालांकि, सबसे दिलचस्प फाइलिंग JDU पार्टी के बिहार कार्यालय द्वारा की गई थी जिसमें अज्ञात बांड के बारे में जानकारी देते हुए जेडीयू ने कहा, ‘कोई व्यक्ति 03 अप्रैल 2019 को पटना में हमारे कार्यालय में आया और एक सीलबंद लिफाफा दिया। जब इसे खोला गया तो हमें चुनावी बांड का एक गुच्छा मिला, जिसमें प्रत्येक एक करोड़ रुपये के 10 बांड थे।’
पार्टी ने आगे कहा, ‘‘तदनुसार, भारत सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार, हमने पटना स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में एक खाता खोला और इसे जमा किया। इसके बाद 10 अप्रैल, 2019 को हमारी पार्टी के खाते में यह राशि जमा की गई। इस स्थिति को देखते हुए, हम दानदाताओं के बारे में अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं। इस दानदाता के बारे में जानकारी नहीं है और न ही जानने की कोशिश की गई क्योंकि उस समय उच्चतम न्यायालय का कोई आदेश नहीं था।”
समाजवादी पार्टी ने भी किया खुलासा
समाजवादी पार्टी ने चुनावी चंदे को लेकर दी गई जानकारी में कुल 10.84 करोड़ रुपये के चंदे का भी खुलासा किया। पार्टी ने कहा कि उसे डाक से कुल 10 करोड़ रुपये के 10 बांड मिले हैं (लेकिन उनमें कोई नाम नहीं है)। शेष राशि के लिए, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने एसके ट्रेडर्स, सैन बेवरेजेज, एके ट्रेडर्स, के एस ट्रेडर्स, बीजी ट्रेडर्स और एएस ट्रेडर्स को दानदाताओं के रूप में सूचीबद्ध किया।
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