अडानी और हिंडनबर्ग ये दोनों नाम कई समय से चर्चा में बने हुए हैं. हिंडनबर्ग (Hindenburg) चर्चा में उस समय आया जब उसने अडानी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की और अडानी के कई शेयर दाम गिर गए. वहीं दिल्ली की संसद में भी अडानी का नाम गूंजा. राहुल गाँधी के द्वारा तस्वीर दिखा कर मोदी से अडानी से रिश्ते के बारे में पूछा गया पर सत्ता पर काबिज मोदी सरकार ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं है लेकिन अब अब इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी है.
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विपक्ष की मांग पर अमित शाह ने दिया जवाब
जानकारी के अनुसार, अडानी और हिंडनबर्ग मामले को लेकर शुरू हुए विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाने की विपक्ष की मांग पर अमित शाह ने कहा कि सरकार को इस विवाद पर कोई भ्रम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया है. अब लोगों को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”अगर किसी के पास इस मामले से जुड़े सबूत हैं तो उसे सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने पेश करना चाहिए.” इसी के साथ अमित शाह ने आगे कहा, ”अगर कुछ गलत हुआ है तो किसी को नहीं बख्शा जाना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) पहले ही सुप्रीम कोर्ट को बता चुका है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है.
कांग्रेस का दबाव के बाद बीजेपी ने दिया जवाब
दुनियाभर में तेजी से विकसित हो रहे अदाणी ग्रुप (Adani Group) को लेकर हिंडनबर्ग (Hindenburg ) ने रिपोर्ट जारी करते हुए अडानी ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी (Fraud) व मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का आरोप लगाया है और इसी सम्बन्ध में एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है. वहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को कई लाख करोड़ का नुकसान हुआ। इसी के साथ संसद में कहा अदाणी ग्रुप को लेकर कहा गया कि धोखाधड़ी (Fraud) व मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उसपर जाँच हो लेकिन ये करवाई इसलिए नहीं हो रही है कि पीएम मोदी और अदाणी ग्रुप के मालिक गौतम अदानी बहुत अच्छे दोस्त हैं. वहीं राहुल द्वारा पीएम मोदी से गौतम अदानी के रिश्ते को लेकर भी सवाल किया गया पर पीएम या किसी भी नेता ने इस मामले को लेकर जवाब नहीं दिया लेकिन अब खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर जवाब दिया है और ये जवाब कांग्रेस के दबाव के बाद आया है.