गिरि ने राष्ट्रपति पर की अभद्र टिप्पणी
किसी के शक्ल सूरत पर टिपण्णी करना किसी भी नेता को शोभा नहीं देता और ये बात अखिल गिरि को भी समझनी चाहिए। अखिल गिरि जो की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री है उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अभद्र टिप्पणी किया जिस कारण अब वो विवादों में घिर गए हैं। गिरि शहीद दिवस समारोह के मौके पर नंदीग्राम में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
अखिल गिरि का वीडियो हुआ वायरल
अखिल गिरि ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, हम लोग राष्ट्रपति की कुर्सी का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे राष्ट्रपति दिखते कैसे हैं? गिरि विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी का जवाब दे रहे थे। अधिकारी को चुनौती देते हुए, गिरि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम लिए बिना उन्हें इस मामले में घसीटा। उन्होंने कहा कि तृणमूल लोगों को उनके रूप से नहीं आंकती है, “सुवेंदु अधिकारी कहते हैं कि मैं सुंदर नहीं हूं। वह खुद कितने सुंदर हैं! हम (TMC) लोगों को उनके रूप से नहीं आंकते। हम आपके राष्ट्रपति की कुर्सी का सम्मान करते हैं। आपके राष्ट्रपति कैसे दिखते हैं?” वहां उपस्थित लोगों ने गिरि का यह भाषण कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जो अब सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस कारण अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी कीचड़ उछाले जा रहे हैं।
भाजपा ने TMC को घेरा
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने बात संभालने की कोशिश करते हुए, यह कहते दिख रहे है कि वास्तव में मंत्री जी कह रहे थे कि TMC लोगों को उनके लुक के लिए नहीं आंकती। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए कहा कि जब गिरि ने यह टिप्पणी की तो ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री भी वहां मौजूद थे। वहां महिला कल्याण विभाग की मंत्री शशि पंका भी उपस्थित थीं।
मालवीय: ममता बनर्जी आदिवासी विरोधी हैं।
इस वायरल वीडियो को लेकर पश्चिम बंगाल में नया बवाल शुरू हो गया है। वीडियो को पोस्ट करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा ने ममता बनर्जी और तृणमूल पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया। भाजपा ने अमित मालवीय ने वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। तृणमूल कांग्रेस के सुधार गृह मंत्री अखिल गिरि ने महिला कल्याण विभाग की एक अन्य मंत्री शशि पांजा की उपस्थिति में उनके बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की।
TMC को आदिवासी विरोधी बताते हुए मालवीय आगे लिखते हैं कि, “ममता बनर्जी हमेशा से आदिवासी विरोधी रही हैं, राष्ट्रपति पद के लिए भी राष्ट्रपति मुर्मू का समर्थन नहीं किया और अब यह। भाषण का शर्मनाक स्तर। “