गाजा-इजरायल की लड़ाई को लेकर भारत में बवाल क्यों? शरद पवार से लेकर ममता बनर्जी तक ने क्या कहा?

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इजरायल और फिलस्तीन के आतंकी संघठन हमास के बीच कई दिनों से जंग जारी है. जहाँ भारत ने इस जंग में इजरायल का सपोर्ट किया तो वहीं इस इस जुंगा का असर भारत में भी देखने को मिला. इस जंग के बाद उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में फिलस्तीन और हमास के समर्थन में कुछ लोगों ने मार्च निकाला था जिसको लेकर अब योगी सरकार ने पुलिस को कड़े निर्देश दिए हैं. तो वहीं कई अन्य राज्यों में इस फिलस्तीन और हमास के समर्थन  और विरोध में प्रदर्शन हुआ. वहीं अब जंग की चर्चा भारत की राजनीति में भी हो रही है और इसको लेकर घमासान मचा हुआ है.

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एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिया था ये बयान 

दरअसल, इजरायल और फिलस्तीन के आतंकी संघठन हमास के बीच छिड़ी जंग को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के इजरायल को समर्थन देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि  शरद पवार ने क्या कहा था? पवार ने कहा था, ‘पूरी जमीन फिलिस्तीन की है और इजरायल ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. वह जगह, जमीन और घर, सब कुछ फिलिस्तीन का था और बाद में इजरायल ने उस पर कब्जा कर लिया. इजरायल एक बाहरी व्यक्ति है और जमीन मूल रूप से फिलिस्तीन की है.” उन्होंने कहा था कि एनसीपी उन लोगों के साथ खड़ी है जो मूल रूप से इजरायल के रहने वाले हैं.

शरद पवार ने आगे कहा, ‘इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी सभी के विचार फिलिस्तीन के साथ खड़े होने के समान थे, यह हमेशा भारत सरकार का रुख था. भारत कभी किसी और के साथ खड़ा नहीं हुआ. भारत हमेशा उन लोगों के साथ खड़ा रहा जो मूल रूप से खड़े थे. वहां की जमीन और मकानों के मालिक हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहली बार हमारे प्रधानमंत्री असली मुद्दे को छोड़कर इजरायल के साथ खड़े हैं. उन्होंने असली मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया. हमें अपने रुख पर स्पष्ट होना चाहिए. एनसीपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए. हम कायम हैं वे लोग जो मूल रूप से उस भूमि के निवासी हैं.

देवेंद्र फडणवीस ने पवार पर साधा निशाना 

वहीं शरद पवार के इस बयान के बाद बवाल शुरू हो गया और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पवार पर निशाना साधा और फिर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को गाजा भेजने की बात कह दी. इसी के इस कड़ी में कई और नेता जुड़ गये.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ने मुंबई हमलों जिक्र करते हुए कहा कि ,’आतंकवादी हमलों के कारण मुंबई को बहुत नुकसान हुआ है. विशेष रूप से 26/11 के दौरान, मुंबई ने कई नागरिकों को खो दिया था.’ उन्होंने आगे कहा,’इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर शरद पवार को वोट बैंक की राजनीति से दूर रहते हुए आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी रूप में, किसी के भी खिलाफ आतंकवाद का लगातार विरोध करता रहा है. जब पूरी दुनिया ने इजराइल में निर्दोष लोगों की हत्या की निंदा की तो भारत ने भी ऐसा ही किया है. इसलिए शरद पवार को भी आतंकवाद के खिलाफ वही भाषा बोलनी चाहिए.

असम के सीएम ने भी की टिप्पणी 

वहीं असम के सीएम ने सुप्रिया सुले को लेकर टिप्पणी की और कहा कि,’मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया मैडम को हमास के लिए गाजा लड़ने भेजेंगे.’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि यह बहुत परेशान करने वाला है, जब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल में आतंकवादी हमले पर भारत के रुख पर ‘बेतुके बयान’ देते हैं. केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक ट्वीट में कहा था, ‘पवार जी उसी सरकार का हिस्सा थे, जिसने बाटला हाउस मुठभेड़ पर आंसू बहाए थे और भारतीय धरती पर आतंकी हमले होने पर सोए थे.

ममता के मंत्री ने भी दिया बयान 

वहीं इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग में ममता सरकार के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी गाजा और फिलस्तीन के लोगों के समर्थन में खड़े होने की खुलकर बात कही है.  मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा, ”​किसी मुद्दे का समाधान युद्ध नहीं होता है, युद्ध से मुद्दे नहीं सुलझेंगे. इसका समाधान बातचीत से ही होगा.” उन्होंने कहा, ”हम गाजा के साथ खड़े हैं, हम फिलस्तीन के साथ खड़े हैं. उन्हें जो भी जरूरत होगी – खून या सामग्री – हम उसका इंतजाम करेंगे. हम उनको सब कुछ देंगे.” वहीं उन्होंने आगे कहा कि सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि फलस्तीन की जमीन जायदाद को छीना जा रहा है. उन पर जुल्म किया जा रहा है. हम गाजा और फलस्तीन के साथ किए जा रहे हर अन्याय के खिलाफ खड़े हैं. उन्होंने भारत सरकार की इजरायल के समर्थन और गाजा-फलस्तीन के खिलाफ नीति का जिक्र भी किया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल की तारीफ की है जबकि फलस्तीन की मुखालफत की. इसलिए नीति एक ही होनी चाहिए.

जंग में अब तक हुई है 2800 लोगों की मौत

आपको बता दें, 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर 5,000 से ज्यादा रॉकेट दाग कर हमला कर दिया था. इसकी जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने भी गाजा पर ताबड़तोड़ हमले किए. इन हमलों में गाजा में अब तक करीब 2,800 लोगों के मारे जाने की सूचना है.

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