भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए RBI के पूर्व गवर्नर
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस (Congress) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में कल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) शामिल हुए। इस पद यात्रा में रघुराम राजन के शामिल होने से इसके अंदर नई जान आ गई है। इसके बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और रघुराम राजन के बीच चर्चा की वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रही है। इस दौरान RBI के पूर्व गवर्नर ने देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बात कही।
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नया साल देश की अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल
पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने राहुल गांधी के साथ बातचीत में कहा कि, “अगला साल यानी की नया साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत मुश्किल होगा। देश 5 फीसदी की विकास दर भी बहुत मुश्किल से हासिल कर पायेगा।” उन्होंने आगे कहा कि आने वाला साल दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए भी आसान नहीं रहेगा।
खेतों के बीच राहुल और राजन में हुई चर्चा
राहुल गांधी और रघुराम राजन कभी चलते हुए चर्चा करते नजर आये तो कभी दोनों ने बैठ कर देश की अर्थव्यवस्था पर बातचीत की। देश के आने वाले आर्थिक मुश्किलों पर राजन और राहुल गांधी ने यात्रा के बीच एक खेत में बने मकान की छत पर इंटरव्यू किया। पूर्व RBI गवर्नर राजन ने कहा कि, “असलियत में हम अगर 2019 यानी Covid महामारी के पहले की तुलना 2022 से कर के देखे तो हमारी विकास दर 2 फ़ीसदी रही है जो बेहद कम है।”
मिडिल क्लास परिवार को सबसे ज्यादा नुकसान
राजन ने आगे कहा कि महामारी के कारण देश के अमीरों और गरीबों में बहुत ज्यादा फैसला आ गया है। इस कारण देश के लोअर मिडिल क्लास परिवार को सबसे ज्यादा नुकसान सहना पड़ा है। राहुल गांधी ने राजन से सवाल पूछते हुए कहा कि दुनिया में सब जगह आज के दिन नफरत फैली हुई है। आप यूक्रेन से लेकर और कई जगह देख लीजिए तो नफरत-ही-नफरत दिखाई देगा। ऐसे में भारत दुनिया को दिशा दे सकता है। इसके जवाब में राजन ने कहा कि हमारी ताकत लोकतंत्र है। बहुत से देश हमारी तरफ टाक लगाए हुए हैं कि इस मुश्किल घड़ी में इंडिया उदाहरण पेश कर सकता हैं।
राजन ने आगे कहा कि भविष्य में अब सर्विस सेक्टर में क्रांति आएगी। आज के दिन इंसान भारत में बैठकर अमेरिकी कंपनियों के लिए काम कर सकता है। राजन ने इसी बीच कहा कि अगर नए साल में हम 5 फ़ीसदी की दर से वृद्धि कर पाए तो हम भाग्यशाली होंगे, हमें यह जान लेना चाहिए कि विकास के आंकड़ों के साथ समस्या ये है कि इसकी तुलना हम किसके साथ कर रहे हैं। आपकी अगर पिछली तिमाही बेहद बुरी रही है तो ज़ाहिर है नंबर उसके मुकाबले बेहतर दिखेंगे।”