राम और कृष्ण को ईश्वर मानने से मना किया
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) पर एक बार फिर अपना शिकंजा कसा है। एक तरफ जहां आज सुबह ही CBI और ED ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर कई जगहों पर छापेमारी की है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर मानने से मना किया है और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई है।
आप के नेता राजेंद्र पाल गौतम एक बौद्ध महासभा में सम्मलित हुए थे। इस आयोजन में शामिल होने पर भाजपा ने उनकी मंसा पर सवाल उठाया है। भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री ने हिंदुओं के इष्ट देवताओं का अपमान किया है। बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राजेंद्र पाल गौतम से नाराज हैं।
वीडियो हो रहा वायरल, सत्यता की पुष्टि नहीं
भाजपा नेताओं ने बौद्ध महासभा का एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ लेते दिख रहे हैं। हालांकि, इस फेक न्यूज़ के जवाने में इस वीडियो की पुष्टि अभी तक किसी ने नहीं की है। इस वीडियो को ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम का बताया गया है, जिसमें ‘आप’ के नेता गौतम भी शामिल थे। यह कार्यकर्म दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में हुआ, जिसमे 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी अपने एक ट्वीट में ये लिखते हुए दिया कि, ”चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज “मिशन जय भीम” के तहत अशोका विजयदशमी के अवसर पर 10,000 से अधिक बुद्धिजीवी डॉ. अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड पर इकट्ठा हुए। इन सभी बुद्धिजीवियों ने और आप नेता गौतम ने बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”
भाजपा नेता ने ट्वीट कर पूछा इतनी नफरत क्यों?
भाजपा नेताओं ने इस वीडियो के जारी होने के बाद केजरीवाल सरकार को घेरते हुए गौतम को बर्खास्त करने और माफी मांगने के लिए कहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा कि, ”एक बार फिर आप का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा!” उन्होंने आगे कहा कि फिर चुनाव के समय मंदिरों में क्यों दर्शन के लिए जाते हो? क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है आप की आंखों में? इतनी नफरत क्यों?” गुप्ता ने सीएम अरविंद केजरीवाल और मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ शिकायत भी की ।
आप नेता गौतम ने दिया जवाब
आप नेता राजेंद्र पाल गौतम ने इसका जवाब देते हुए कहा कि 1956 से आजतक देश और दुनिया में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली जाती है। हर साल ये दीक्षा कार्यक्रम आयोजित होता है। जहां नागपुर में बाबा साहेब अम्बेडकर ने दीक्षा ली थी, वहां हर साल 15 से 20 लाख लोग इस दीक्षा समारोह में इकट्ठा होते हैं। ये दीक्षा समारोह गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, बिहार में भी आयोजित किये जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपनी दीक्षा के समय 22 प्रतिज्ञा ली थी। इससे किसी भी इंसान के आस्था या धर्म को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं है। बाबा साहेब की प्रतिज्ञाओं का एक ही मकसद था कि भारत मजबूत हो और जातिवाद मुक्त बने। इन दिनों भारत में दलितों के साथ उत्पीड़न बढ़ गया, इसलिए वर्तमान में ये दीक्षा का चलन भी बढ़ गया है। गौतम ने संघ प्रमुख मोहन भगवत के बीते दिनों उनके दिए गए बयान के लिए भी तारीफ किया। मोहन भगवत ने अपने एक बयान में कहा था कि, “संविधान और कानून के प्रति लोगों की आस्था हो. दूसरे धर्म की आस्था की इज्जत करनी चाहिए. शमशान घाट एक हों, मंदिर में सभी का सामान अधिकार हो”।
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