
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) की सड़के अपने गड्ढों के लिए विख्यात है और यहां के लोगों को आये दिन गड्ढों के कारण समस्या झेलनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में, गुरूवार 06 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने राज्य की सड़कों को 15 नवंबर तक गड्ढामुक्त करने का आदेश दे दिया है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर अभियान चलाने को कहा है।
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मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में सड़कों की निर्माण, उनके रखरखाव और गड्ढामुक्ति अभियान के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि, "बरसात का मौसम अपने अंतिम चरण में है, ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढामुक्ति का कार्य किया जाए"। उन्होंने आगे कहा कि पीडब्ल्यूडी (PWD) के साथ ही सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग सड़कों की मरम्मत और गड्ढामुक्ति की व्यापक कार्ययोजना तैयार करें जिससे आने वाले कुछ समय में राज्य की सारी सड़कें गड्ढामुक्त हो सकते और सड़क हादसा भी कम-से-कम हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ सड़क निर्माण से कुछ नहीं होगा, साथ-साथ उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। जैसे सड़क निर्माण विकास के लिए जरुरी माध्यम है उसी तरह समय-समय पर सड़कों की मरम्मत भी जरूरी होता है। योगी ने निर्देश दिया कि औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडी क्षेत्रों में भी अच्छी सड़कों का होना जरूरी है, ताकि लोगों को दिक्कत ना हो। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि व्यक्ति चाहे गांव का हो या फिर मेट्रो सिटी का, अच्छी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी उसका अधिकार है। ऐसे में सड़क की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, सड़क चाहे सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छह लेन की। इन मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ जवाबदेही तय होगी।
उन्होंने कहा कि इस बार भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) की मेजबानी उत्तर प्रदेश कर रही है। आगामी 08 अक्टूबर से आयोजित IRC के 81वें अधिवेशन में भारत सरकार के अनेकों मंत्री उपस्थिति होंगे। इसके अलावा, सड़क निर्माण से जुड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के 1500 प्रतिनिधि भाग लेने आएंगे। यह अधिवेशन सभी प्रतिनिधि के लिए यादगार होनी चाहिए, इस भाव के साथ सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। IRC प्रतिनिधियों को हमे अपनी इस अमूल्य सांस्कृतिक विरासत से परिचय जरूर कराना चाहिए। भविष्य की जरूरत और विकास को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के विभिन्न राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व उनकी देख-भाल जरुरी है।
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