आम आदमी पार्टी को लेकर आप क्या सोंचते हैं? क्या आप उसे ईमानदार पार्टी मानते हैं? क्या आप उसे दिल्ली की हालत को 360 डिग्री सुधारने वाली पार्टी मानते हैं? क्या आप उसे एजेंडा रहित पार्टी मानते हैं? क्या आप उसे सनातन समर्थक पार्टी मानते हैं? क्या आप AAP को भ्रष्ट पार्टी नहीं मानते हैं? क्या आपको भी लगता है कि आम आदमी पार्टी पर लगे सभी आरोप झूठे हैं? अगर हां, तो आपको भ्रम में रखा गया है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इस लेख में आपको स्वत: स्पष्ट हो जाएगा.
अगर देखा जाए तो देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के बाद भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ठीक उसके पीछे खड़ी है. कांग्रेस के कुकृत्यों से तो आप भली भांति परिचित होंगे लेकिन आम आमदी पार्टी के कुकृत्यों को या तो बाहर नहीं आने दिया जाता है या फिर विज्ञापन की आड़ में उसे छिपा लिया जाता है. दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का ढोल पीटने वाले केजरीवाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दोनों ही भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं और जेल से बाहर कब आएंगे, इसकी अभी कोई गारंटी नहीं है.
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पार्टी में बने हुए हैं सभी आरोपी
सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) तो पिछले कई महीनों से जेल में बंद हैं. हवाला मामले में जैन को जेल में डाला गया है. जेल में जाने के बाद जैन के मंत्रालयों का कार्यभार सिसोदिया को दे दिया गया था लेकिन उन्हें पार्टी से लंबे समय तक निष्कासित नहीं किया गया था. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो शख्स जेल में बंद है, उसे भी कैसे अरविंद केजरीवाल पार्टी के अंदर रख सकते हैं?
हालांकि, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के जेल जाने के बाद दोनों ही नेताओं को मंत्री पद से हटा दिया गया है लेकिन अभी भी वो पार्टी में बने हुए हैं. मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार की नई शराब नीति (Liquor scam) के पीछे नपे हैं. ईडी को उनके खिलाफ कई प्रमाण मिले हैं, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी और फिर जेल हुई है. बताया तो यह भी जा रहा है कि नई शराब नीति से जमा किए गए पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव में किया था.
अकेले पड़ गए हैं केजरीवाल
अब सिसोदिया जेल गए हैं तो इधर अरविंद केजरीवाल अकेले पड़ गए हैं. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि अब करना क्या है? क्योंकि मनीष सिसोदिया तमाम मंत्रालय संभालने के साथ–साथ अरविंद केजरीवाल के ‘राइट हैंड’ बने हुए थे और तमाम मामलों को अपने स्तर पर ही निपटा देते थे. अब उनके एकाएक जेल जाने का असर केजरीवाल पर दिखने लगा है.
इसी बीच केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह कल होली समारोह के दौरान देश के लिए प्रार्थना करेंगे. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह देश के हालात को लेकर चिंतित हैं. केजरीवाल ने कहा, “सभी जानते हैं कि सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की हालत खराब है लेकिन दो लोग– मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, जिन्होंने इन सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाया, वे जेल में हैं.”
केजरीवाल ने कहा,
“एक देश जहां प्रधानमंत्री लोगों को अच्छी शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले लोगों को जेल में डालते हैं और देश को लूटने वालों का समर्थन करते हैं, यह चिंताजनक है. मैं कल देश के लिए ध्यान और प्रार्थना करूंगा. अगर आप भी सोचते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी गलत कर रहे हैं और आपको भी देश की चिंता है, तो मैं आपसे आग्रह करता हूं कि होली मनाने के बाद कृपया देश के लिए प्रार्थना करने के लिए समय निकालें.”
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दिल्ली सरकार का शराब घोटाला
अब आप सोच रहे होंगे कि अरविंद केजरीवाल के बयान में ऐसा क्या है? बस यही तो खेल है. केजरीवाल ऐसी अपील कर जनता से सहानुभूति बटोरने का पूरा प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह भूल गए हैं कि नई शराब नीति के पीछे दिल्ली की जनता की स्थिति क्या हो गई थी.
ज्ञात हो कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति (Liquor policy) लॉन्च हुई। इसमें बीजेपी ने घोटाला होने के आरोप लगाए। सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला। इसके लिए डीलरों ने कथित रूप से उन्हें रिश्वत दी थी। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में 16 लोगों पर FIR दर्ज की और सिसोदिया को आरोपित नंबर 1 बनाया और अब उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ये तो है नई शराब नीति का मामला, जिसमें सिसोदिया नपे हैं.
शिक्षा घोटाला
वहीं, बेहतर शिक्षा का विज्ञापन यत्र–तत्र–सर्वत्र लगाने वाले केजरीवाल के शासन में मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री रहते शिक्षा घोटाले के कई मामले सामने आ चुके हैं. हाल ही में दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग ने स्कूलों से जुड़े 1300 करोड़ के बड़े घोटाले (Delhi classroom scam) का खुलासा किया था, जिसने आम आदमी पार्टी को हिलाकर रख दिया.
विभाग ने दावा किया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2,400 क्लास रूम बनाने में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जमकर हेरा–फेरी की. जांच में खुलासा हुआ कि 5 स्कूलों में बिना टेंडर के 42 करोड़ के काम करा दिए गए. स्कूलों में 116 टॉयलेट ब्लॉक की आवश्यकता थी लेकिन 1214 टॉयलेट ब्लॉक बना दिए गए. ये तो रहा इनका शिक्षा घोटाला, लेकिन इनके भ्रष्टाचार की सूची यहीं तक सीमित नहीं है.
बस घोटाला
केजरीवाल सरकार में बस घोटाला (Delhi Bus scam) भी हुआ है, जिसे लेकर जांच जारी है. केजरीवाल सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर लो फ्लोर बसों में घोटाला करने का आरोप है. कैलाश गहलोत के विरुद्ध भी जांच जारी है. इसके बाद भी गहलोत को पार्टी से बाहर करने के बजाय केजरीवाल ने उन्हें कैबिनेट में कई मंत्रालय दे रखे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि स्वच्छ राजनीति करने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल आखिर जनता से किस प्रकार की सहानुभूति की उम्मीद कर रहे हैं?
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अमानतुल्लाह खान मामला
अब आते हैं दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान पर. अमानतुल्लाह खान के नाम से दिल्ली में कोई भी अपरिचित नहीं है. कथित तौर पर ‘गुंडागर्दी’ करने का ठेका केजरीवाल ने इसी शख्स को दे रखा है. इसके अलावा अमानतुल्लाह खान पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं. नवंबर 2016 में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
उन पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए अमानतुल्लाह खान ने कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर अवैध तरीके से नियुक्तियां की. हालांकि, एसडीएम की शिकायत पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया और उसके बाद जांच में सामने आया कि अमानतुल्लाह ने पद का दुरुपयोग किया था. इस मामले को लेकर उन्हें जेल की हावा भी खानी पड़ी है. लेकिन अभी भी आम आदमी पार्टी में इस बंदे की तूती बोलती है और यह केजरीवाल के काफी करीबी हैं!
“हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे”
इसके अलावा अन्य भी कई नेता हैं, जो भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है. ऐसे में अब आप भी ‘ईमानदार’ केजरीवाल की ‘ईमानदारी’ से बखूबी परिचित हो गए होंगे. भ्रष्टाचार की सीढ़ी में वो किस पायदान पर हैं, आपने अंदाजा लगा लिया होगा. हालांकि, मजे की बात तो यह है कि मामला इतना बढ़ने के बाद भी अभी तक आम आदमी पार्टी की ओर से शराब घोटाले को लेकर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है और यही कहा जाता रहा है कि सिसोदिया को जबरदस्ती निशाना बनाया गया है.
इसके अलावा जहां तक दिल्ली की स्थिति को सुधारने की बात है तो केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों में काफी अच्छा काम किया है और विज्ञापन के जरिए अपनी ऐसी पहचान बना ली है कि लोगों को उनके कुकृत्य पता ही नहीं है या यूं कहें कि लोग जानना ही नहीं चाहते! बाकी दिल्ली के ‘वर्ल्ड क्लास’ मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति क्या है, उसके बारे में क्या ही कहा जाए. ऐसे में केजरीवाल के लिए यह पंक्ति सबसे उपयुक्त है- “हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे.”
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