‘What’s in a name? That
which we call a rose, by any other name would smell just as sweet.’ विलियम शेक्सपीयर ने
अगर ये कोटेशन दी तो ये यूं ही नहीं थी. मजबूत लॉजिक था उनके पास. लेकिन अगर आप
भारतीय राजनीति में लॉजिक ढूंढेंगे तो फिर तो या तो आप झूठे साबित होंगे या फिर
विलियम शेक्सपीयर. अब हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसके पीछे हमारा लॉजिक छिपा हुआ
है.
दरअसल, हाल ही में ‘कांग्रेस कुमार’ ने कुंठित, कुपित, कुत्सित चीन को शांतिप्रिय
देश बताकर बवाल खड़ा कर दिया था. उसके बाद रविवार को कांग्रेस कुमार अपने ही बयान
से ऐसे पलट गए, जैसे किसी आदमी को काटने के बाद सांप पलट जाता है! उन्होंने चीन को शांतिप्रिय बताने के 2 दिन बाद
ही भारत में चीनी घुसपैठ की बात कही. अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एकाएक पलटी मारने के पीछे
क्या लॉजिक है, वह समझ से परे है.
इसी बीच अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक और
पूर्व केंद्रीय मंत्री निनॉन्ग एरिंग (Ninong Ering letter to PM Modi) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए देश
में चीन के सीसीटीवी कैमरों पर बैन लगाने की मांग की है. उन्होंने सीसीटीवी के
घरों में इस्तेमाल के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए एक अभियान चलाने पर भी
जोर दिया है. उनका कहना है कि चीनी सीसीटीवी, बीजिंग की आंख और कान हैं और यह देश
की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं.
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पत्र में लिखी ये बात
निनॉन्ग एरिंग ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में
कहा, “चीन ने एलएसी और
भारत के आईटी बुनियादी ढांचे पर हमला करके बार-बार दुश्मनी दिखाई है. ऐसे में यह
स्पष्ट है कि भारत को इस उभरते चीनी खतरे को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी
चाहिए.” उन्होंने एक
अमेरिका की खुफिया फर्म की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें चीनी हैकर्स
की ओर से एक स्पष्ट साइबर-जासूसी अभियान चलाया गया था.
कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे
इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरे अक्सर
सीसीटीवी (Chinese CCTV) नेटवर्क में उपयोग किए जाते हैं और इंटरनेट–संचालित
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग यानी डीवीआर उपकरणों को चीनी हैकर्स हैक कर लेते हैं.
निनॉन्ग एरिंग ने कहा, ”एक अनुमान से पता चलता है कि पूरे भारत
में 2 मिलियन से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिनमें से 90% से ज्यादा उन कंपनियों ने बनाए हैं जो
आंशिक रूप से चीनी सरकार के स्वामित्व में हैं. इससे
भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इनमें से आधे से ज्यादा भारत के सरकारी विभागों
में स्थापित हैं.”
काफी हद तक है इसमें सच्चाई
हालांकि, कांग्रेस नेता द्वारा कही गई
बातों में काफी हद तक सच्चाई भी है क्योंकि हाल ही में ब्रिटेन में LED बल्ब
के माध्यम से चीन जासूसी करने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद ब्रिटेन सरकार ने
एक्शन लेते हुए चीनी LED को ही देश में
बैन कर दिया था. वैसे ही तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामानों के माध्यम से चीन ऐसी हरकतों
को अंजाम देने की कोशिश करते रहता है, ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि
सीसीटीवी भी उससे अछूता नहीं हो सकता. यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो
सकता है, जिस पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है.
गजब की
टाइमिंग है!
लेकिन मजे की बात तो कांग्रेस नेता की
टाइमिंग है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स उनके मजे भी ले रहे हैं. यानी पहले
राहुल गांधी चीन को शांतिप्रिय बताते हैं. उनके पीछे उनका पूरा कुनबा या यूं कहें
कि पूरा वामपंथी ब्रिगेड अपनी पीठ थपथपाते हुए चीन को ‘माई-बाप’
बताता है! 2 दिन
बाद राहुल गांधी अपने बयान से पलट जाते हैं और चीन को निशाने पर ले लेते हैं. कुछ
कांग्रेसी मन मसोस कर रह जाते हैं तो वहीं कुछ कांग्रेसी उनके पीछे-पीछे चीन को
लताड़ लगाने में लग जाते हैं. निनॉन्ग एरिंग भी उन्हीं में से एक प्रतीत हो रहे
हैं, जिसके कारण सोशल मीडिया पर यूजर्स उनके मजे ले रहे हैं.
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