जब भी हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो हम हमेशा सोचते है कि हमारे साथ ही बुरा क्यों होता है. क्यों बुरा करने वालों के साथ बुरा नहीं होता है? क्यों बुरा करने वालों के साथ ही अच्छा होता है? अगर ऐसे ही सवाल आपके अंदर भी है तो आज हम आपको लिय एक ऐसी कहानी लेकर आए है, जो बहुत प्रेरणादायक है, जिससे सुनकर आपके अंदर से ऐसे सारे सवालों कर जवाब मिल जाएंगे. गुरु नानक सिखी के अनुसार इन सवालों का जवाब से ही मनुष्य के जीवन में शांति आ सकती है.
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बुरे लोगों के साथ अच्छा क्यों होता है?
एक बार की बात है कि एक नगरी में एक राजा था, उस राजा की बहुत बड़ी सेना थी, आस पास के सभी राजा उनसे युद्ध करने में डरते थे. जिसके चलते उस नगरी पर कोई हमला नहीं करता था, लेकिन कभी कोई हमला हो भी जाए तो राजा की विशाल सेना उसे हरा देती थी. वह राजा बहुत गुस्से वाला और घमंडी था, वह भगवान को भी नहीं मानता था, पूरा दिन शराब के नशे में डूबा रहता था. अगर नगरी में उस राजा को कोई महिला पसंद आ जाती थी तो वह अपने सैनिकों को भेज कर उस महिला को उठवा लेता था.
वहीं दूसरी तरफ राजा का एक छोटा भाई भी था, जो राजा के यहा सलाहकार के रूप में काम करता था. वह बहुत नेकदिल और सरल स्वभाव का था. वह भगवान को बहुत मानता था, भगवान की भक्ति सच्चे मन से करता था. साथ ही दयावान भी था, अगर किसी को मदद की जरूरत होती तो वह मदद के लिए तैयार रहता था. वह किसी भी युद्ध के हिस्सा नही लेता था, क्यों कि वह अहिंसावादी था. वह जब भी राजा से मिलता तो वह भगवान के बारे में ही बातें करता था. आपने भाई के मुख से भगवान का इतना गुणगान सुनकर बहुत क्रोधित हो जाता था. क्रोध में वह अपने भाई से कहता की मेरे भाई अगर भगवान सच में होता तो तू इतना भक्ति करता है तू एक सहायक क्यों है… तेरा भगवान तुझे राजा क्यों नहीं बना रहा, लेकिन उसका भाई उस बात को अनसुना कर देता है और अपने भगवान की भक्ति में लीन रहता है.
एक दिन दोनों भाई जंगल में शिकार करने जा रहे थे, बड़ा भाई जो राजा था वह घोड़े पर बैठा था लेकिन छोटा भाई पैदल चल रहा था. उसी समय छोटे भाई के पैर में कांटा चुभ जाता है जिसके बाद राजा कहता है की भाई तुम घोड़े पर चलो में पैदल चलता हूं अब… जिसके बाद थोड़ी दूर चलते ही राजा के पैर पर एक पत्थर लगता था, राजा झुककर देखता तो उसे पता चलता है कि वह पत्थर सोने का है. जिसके बाद वह अपने भाई को कहता है कि देख भाई तेरे भगवान ने तुझे कांटे दिए है, और मुझे सोने का पत्थर मिला है. अगर तेरा भगवान कहीं होता तो ऐसा होने देता क्या… यह बात सुनकर उसके छोटे भाई सोचने लगा की भगवान बुरे लोगो के साथ ही अच्छा क्यों करता है. इस बात ने उसे घर आने के बाद भी काफी दिन परेशान रखा.
कुछ दिनों के बाद नगरी में एक गुरु आए थे, राजा के छोटे भाई ने उस गुरु के पास जाकर अपने सवालों के जवाब लेने की सोची, वह गुरु के पास गया.. और उनसे पुछा कि हे गुरु मुझे बताएं कि अच्छे लोगो के साथ ही बुरा क्यों होता है? गुरु जी ने पूछ कि ऐसा क्यों बोल रहे हो बच्चे क्या हुआ… उसने पूरी कहानी गुरु जी को बताई… कि मेरी भाई कितना बुरा इंसान है फिर भी उसे जंगल में सोने का पत्थर मिला और मैं हमेशा भगवान की भक्ति करता रहता हूं मुझे कांटे चुभ गए… बुरे लोगो के साथ अच्छा क्यों होता है है गुरु जी… ?
गुरु जी ने हसते हुए कहा… बच्चे ऐसा नहीं है… बच्चे हमारे कर्मो का फल हमे कभी न कभी जरुर मिलता है. जंगल में आज तुम्हारी मौत होने वाली थी लेकिन तुम्हारे कर्मो की वजह से तुम्हे कांटा चुभा, और तुम्हारे भाई को सोने का महल मिलने वाला था उसके कर्मो की वजह से उसे सोने का पत्थर मिला. बच्चे अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा ही होता है… यह सब सुनकर राजा का छोटा भाई सब समझ गया… और आखिरकर उसने फिर से मान लिया कि अच्छे लोगो के साथ अच्छा ही होता है और बुरे लोगो के साथ बुरा ही होता है… और भगवान की भक्ति में फिर से लीन हो गया.
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