What is Half Murder in Hindi – कई मामलों में देखा गया है कि किसी शख्स पर हाफ मर्डर (Half Murder) का केस दर्ज हुआ है और इस केस के दौरान कोर्ट में उसकी पेशी होती है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि हाफ मर्डर (Half Murder) क्या होता है और इस मामले में कौन-सी धारा लगायी जाती है और इस धारा के तहत सजा और जमानत का क्या प्रवधान है.
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जानिए क्या है हाफ मर्डर
जानकारी के अनुसार, ‘हत्या के प्रयास’ के अपराध को हाफ मर्डर (Half Murder) कहते हैं. इसी के साथ ऐसे कई मामले हैं जहां एक व्यक्ति पर हमला किया जाता है और उसे कई चोटें आती हैं लेकिन उसकी मृत्यु नहीं होती है इसे भी हाफ मर्डर (Half Murder) कहते हैं. वहीं, इस अपराध के लिए केवल एक ही धारा है और इस आरोप के लिए आईपीसी की धारा 307 लगायी जाती है.
हाफ मर्डर में लगायी जाती है धारा 307
हाफ मर्डर के तहत मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (IPC Section 307) के तहत दर्ज होता है और इस ममाले में हत्या के आरोपी पर धारा 307 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है. इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 307 के तहत सजा दी जाती है. वहीं इस मामले में इस बात की जानकारी भी जुटाई जाती है कि आरोपी का इरादा और उद्देश्य है. वहीं इस उद्देश्य का पता करने के बाद ही धारा 307 के तहत करवाई होती है.
हाफ मर्डर केस में मिलती है ये सजा
धारा 307 के अनुसार, जो भी कोई ऐसे किसी इरादे से किसी की मृत्यु का कारण बन जाए तो इस मामले में वह हत्या का दोषी होगा. वहीं इस माले में आरोप सिद्ध होने के बाद एक अवधि के लिए कारावास सजा दी जाती है जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं इस मामले में आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा के साथ-साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता है.
क्या है जमानत का प्रवधान
वहीं इस मामले में तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि जमानत दी जानी चाहिए की नहीं और इस बात का फैसला कोर्ट द्वारा किया जाता है. वहीं इस अपराध में जब चार्जशीट दाखिल हो जाती है तब आरोपी जमानत के लिए एप्लाई कर सकता है. जहाँ ये मामला एक गैर-जमानती है जिसमें पुलिस द्वारा जमानत नहीं दी जा सकती है तो वहीं इस मामले में अदालत के जरिये ही जमानत मिल सकती है.
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