आने वाले समय में Google की जगह ले सकता है ChatGPT
ChatGPT : एक ऐसा इनोवेशन जिसने आज की तारीख में गूगल और आस-पास के लोगों का होश उड़ा दिया है और इसका नाम है ChatGPT ! दरअसल, Open AI’s ChatGpt ने मार्केट में आते ही हिट होना शुरू हो गया है इसके चलते गूगल सर्च इंजन के यूजर्स में भी भारी गिरावट आ रही है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल करने के दिन जल्दी ही ख़त्म होने वाले हैं और एक नया सर्च इंजन ChatGPT अब सर्च की दुनिया में राज करने जा रहा है . वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
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क्या है ChatGPT और ये कैसे करता है काम ?
OpenAI (develop and direct artificial intelligence (AI) in ways that benefit humanity as a whole) द्वारा बनाया गया एक ऐसा खास चैट बॉट है जिसकी सहायता से दुनियाभर की तमाम वेबसाइटों पर मौजूद जानकारियों को, डेटा को एक आसान भाषा में संसोधित कर यूजर्स को पढने के लिए उपलब्ध किया जा सकता है और साथ ही साथ इसकी मदद से बहुत कम समय में किसी कहानी या आर्टिकल को लिखा जा सकता है. ChatGPT एक पर्याप्त भाषा मॉडल है जो प्राकृतिक भाषा (Natural Language) को समझ सकता है यह एक भाषा मॉडल है जिसे पाठ के बड़े आकार के डेटासेट पर trained किया गया है। ChatGPT द्वारा उपयोग किया जाने वाला खोज एल्गोरिथम Google से अलग तरीके से संचालित होता है। हालाँकि, ChatGPT के सर्च इंजन में एक खास बात है जो इंसान का दिमाग पकड़ने में Google खोज की सीमा को पार कर जाती है, यह इंसानी स्तर तक द्विपक्षीय संवाद को सक्षम बनाती है। “लोग कैसे खोज करना चाहते हैं, यह अभी भी इस स्थिति में एक संसय का विषय है।
गूगल ने जारी किया लेबल “कोड रेड”
गूगल ने ChatGPT टेक्नोलॉजी के सर्च इंजन को लेकर ‘कोड रेड’ जारी किया है। जिसमे गूगल ने कहा है कि यह भविष्य के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से गूगल के अपने प्लेटफार्म पर रोज पब्लिश हो रहे करोड़ों कंटेंट और डाटा में कमी आ जाएगी. वजह ये है कि यह इस टेक्नोलॉजी की मदद से बेहद कम समय में एक बड़ी स्टोरी को भी लिखा जा सकता है। बता दें कि लॉन्च होने के कुछ दिन बाद ही ChatGPT ने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था ।
ChatGpt से होगा गूगल सर्च इंजन को नुकसान
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने कंपनी की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीकि पर चर्चा करते हुए ChatGPT को खतरनाक बताया था और कहा था कि इस ChatGPT के पास इंटरनेट सर्च इंजन में बदलाव करने की क्षमता है, जिससे गूगल को भी खतरा है। यानी इस टेक्नोलॉजी से गूगल की नई जनरेशन को भी नुकसान हो सकता है। वहीं पिचाई ने मैनेजमेंट को ChatGPT टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और रिसर्च करने के लिए भी कहा है।
सर्च इंजन में हो सकता है बड़ा तकीनीकी बदलाव
ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह AI टेक्नोलॉजी आगे आने वाले समय में सही तरीके से काम करती हैं तो तब गूगल, बिंग, मोज़िला फायरफॉक्स जैसे सर्च इंजन पर पोस्ट और पब्लिश हो रहे कंटेंट्स में भरी कमी आ जाएगी वजह ये है कि नई AI टेक्नोलॉजी मदद से बहुत ही कम समय में बड़े आर्टिकल और कंटेंट्स लिखे जा सकते हैं जिससे चैटजीपीटी डायरेक्ट ही अपने प्लेटफार्म पर एक फ्रेश और न्यू इनफार्मेशन के रूप में पब्लिश कर सकती है यानी यूजर्स फिर गूगल पर सीधा सर्च करने की बजाय ChatGPT से अपडेटेड जानकारी ले सकेंगे। ये भी कहा जा रहा है कि जब गूगल के विज्ञापन बिजनेस पर इसका असर पड़ेगा तो उससे जुड़े लाखों कंटेंट राइटर की जॉब जाने का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसे तैयार करने के लिए कौन कर रहा मदद?
चैट जीपीटी की शुरुआत साल 2015 में सैम अल्टमैन ने एलन मस्क के साथ मिलकर की थी। उस समय उसका उद्देश्य एक नॉन प्रॉफिट (Non -Profit) कंपनी तौर में काम करना था। लेकिन आगे चलकर बिल गेट्स(Bill Gates) की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) ने इसमें निवेश किया और फिर इसका मुख्य उद्देश्य कमाने पर चला गया। इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर(Generative Pretend Transformer) है और इसे एनएमएस (न्यूरल नेटवर्क बेस्ड मशीन लर्निंग मॉडल) का मॉडर्न फॉर्म भी माना जाता है। इस वक्त इस कंपनी की वैल्यूएशन 20 बिलियन डॉलर के करीब है।
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