रद्दी जिसे हम कबाड़ी वाले को बेच देते हैं और इसके बदले वो हमें थोड़े से पैसे दे देता है. रद्दी को हम कबाड़ा समझते हैं और इसे बेचने के बाद खुश होते हैं कि चलो इसे बेचकर कुछ तो मुनाफा हुआ साथ ही घर से कबाड़ा भी साफ़ हो गया लेकिन इस रद्दी की वजह से एक महिला करोड़पति बन गयी है और इस समय ये महिला 800 करोड़ रुपये मार्केट वैल्यू वाली कंपनी की मालकिन हैं. जिस महिला की हम बात कर रहे हैं उस महिला का नाम उद्योगपति पूनम गुप्ता (Poonam Gupta) है और वो दिल्ली की रहने वाली है.
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रोड़ रुपये की कंपनी की मालकिन हैं उद्योगपति पूनम गुप्ता
उद्योगपति पूनम गुप्ता इस समय 800 करोड़ रुपये मार्केट वैल्यू वाली कंपनी की मालकिन हैं और उन्होंने दिल्ली से लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक में ऑनर्स किया और उसके बाद एमबीए (MBA) किया. वहीं एमबीए (MBA) कि पढाई करने के बाद उन्होंने नौकरी की तलाश शुरू की, लेकिन जब उन्हें अच्छी नौकरी नही मिली. इसी बीच उन्होंने साल 2002 में उनकी पुनीत गुप्ता नाम के एक शख्स से शादी कर ली.
वहीं शादी के बाद पूनम अपने पति के साथ स्टॉकलैंड चली गईं और वहां पर नौकरी तलाशने लगीं लेकिन उन्हें यहां पर भी नौकरी नहीं मिली. जिसके बाद उन्हें बिजनेस करने का एक नया आईडिया आया और ये आईडिया रद्दी पेपर खरीदना का था. पूनम गुप्ता ने करीब बीस साल पहले रद्दी पेपर खरीदना शुरू किया और इस रद्दी की वजह से वो आज 800 करोड़ रुपये की कंपनी की मालकिन हैं.
इस तरह हुई सफर की शुरुआत
800 करोड़ रुपये की कंपनी की मालकिन बनने का सफ़र तय करने से पहले पूनम गुप्त ने रद्दी पेपर पर रिसर्च किया और रद्दी पेपर को रीसाइकलिंग करने का विचार बनाया और पेपर रिसाइकलिंग का बिजनेश शुरू कर दिया. सबसे पहले पूनम गुप्ता ने 1 लाख रुपये से यह बिजनेश शुरू किया और इस बीच स्कॉटलैंड सरकार ने पूनम गुप्ता को इस बिजनेश के लिए फंड दिया और उनका बिजनेश चल पड़ा. वहीँ आज के समय वह PG Paper 800 करोड रुपए से अधिक की कंपनी की मालकिन बन गई है.
2003 में शुरू की कंपनी
पूनम गुप्ता स्कॉटलैंड में ही अपने परिवार के साथ रहती हैं और 2003 में उन्होंने अपना पीजी पेपर बिजनेश की शुरुआत की. पूनम गुप्ता दुनिया के कई देशों से रद्दी कागज खरीदती हैं और उसकी रीसाइकलिंग कर अच्छी क्वालिटी का पेपर तैयार कर उसे दुनिया भर के देशों में बेचती हैं.
देश-विदेशों में है पूनम का कारोबार
रिपोर्ट के अनुसार, पूनम गुप्ता का रद्दी खरीदने का बिजनेस पहले स्थानीय लेवल पर ही था और जब डिमांड बढ़ी तो उन्होंने पूरे स्कॉटलैंड में फैला दिया. और आज एक समय में उनका रद्दी का कारोबार यूरोप और अमेरिका तक फैला हुआ है. वहीं इन देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों से पीजी पेपर का कॉन्ट्रैक्ट है और यहां से पेपर स्क्रैप खरीद की जाती है. और आज के समय में PG Paper का कारोबार दुनिया के 60 देशों में फैला है. वहीँ ऐसा करते करते 20 साल बाद पूनम गुप्ता की कंपनी ग पेपर 800 करोड रुपए की कंपनी बन गई है.