संन्यास लेने के बाद प्रेमानंद जी बन गए भक्त, जानिए कौन हैं महाराज के भगवान

Premanand is devotee of radha rani, प्रेमानंद जी किसके भक्त हैं
Source- Google

प्रेमानंद जी किसके भक्त हैं – वृंदावन वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी जो पीले वस्त्र धारण करते हैं और इस समय सोशल मीडिया के जरिए चर्चा का विषय बने हुए हैं. दरअसल, वृंदावन वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी सत्संग करते हैं और अपने सत्संग के जरिए लोगों को ज़िन्दगी जीने के खास सन्देश देते हैं और कहा जाता है कि जो भी श्री प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग सुनता हैं उन्हें राधारानी के दर्शन होते हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी का नाम राधा रानी के परम भक्तों में से एक हैं और दिन रात उनकी जुबान पर  राधा रानी का नाम होता है लेकिन महाराज जी के भक्त बनाने के पीछे एक कहानी है.

Also Read- प्रेमानंद महाराज जी ने बताया, इन 6 कारणों से घट जाती है आपकी उम्र.. 

13 साल की उम्र में छोड़ा घर 

Pramanand Ji Maharaj Thoughts 10+
Source- Google

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरसौल के अखरी गांव में हुआ और घर से ही संन्यास की शिक्षा मिली और इस वजह से उन्होंने भी संन्यास ले लिया. नौवीं कक्षा में आने पर उन्होंने तय कर लिया था कि वह अब आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ेंगे, जो कि उन्होंने ईश्वर तक लेकर जाएगा. वहीं घर त्याग ने  जानकारी माँ को देते हुए उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और नैष्ठिक ब्रह्मचर्य शुरू कर दिया था और वह तब आनंद स्वरूप ब्रह्मचारी के नाम से जाने जाते थे. आनंद स्वरूप ब्रह्मचारी के बाद उन्होंने संन्यास लिया और उन्हें स्वामी आनंदाश्रम के नाम से जाना जाने लगा. वहीं इस संन्यास के दौरान उन्होंने अपना जीवन गंगा नदी के किनारे बिताया और गंगा माँ को दूसरी मां कहते थे.

रास लीला देखने के बाद हुए मथुरा रवाना 

वहीं महाराज जी के राधा रानी के भक्त बनने को लेकर कहा जाता है कि महाराज जी को एक संत ने रास लीला में भाग लेने के लिए राजी किया और महाराज जी ने इसमें हिस्सा लिया और फिर महाराज जी रास लीला से मन्त्र मुग्ध हुए और फिर उन्होंने मथुरा के लिए चल दिए. महाराज जी ट्रेन से मथुरा पहुंचे और यहाँ से वृंदावन पहुंचे जिसके बाद वृंदावन में उन्होंने वृंदावन की परिक्रमा की फिर श्री बांके बिहारी के दर्शन कि इसी दौरान एक संत ने उन्हें बांके बिहारी जी के मंदिर में जाने की बात कही और यहाँ से ही महाराज जी राधा रानी के भक्त बन गए.

daily routine of Swami Premanand Maharaj
Source- Google

संन्यास त्याग कर चुना भक्ति का मार्ग

महाराज जी राधावल्लभ जी को निहारते घंटों खड़े रहते. ऐसा माना जाता है कि प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन आने के बाद महाराज जी श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाएं देखते थे और रात को रासलीला देखते थे. इसके बाद उनके जीवन में परिवर्तन आया और उन्होंने सन्यास त्याग कर भक्ति के मार्ग को चुन लिया.

प्रेमानंद जी किसके भक्त हैं?

Premanand Ji Maharaj
Source- Google

महाराज प्रेमानंद जी के दर्शन करने के लिए उनके भक्त देश-विदेश से वृंदावन आते है और उनका बहुत सम्मान भी करते हैं. उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति सेवा के लिए समर्पित कर दिया. महाराज जी कि दोनों किडनी खराब है लेकिन वो भगवान का स्मरण करना नहीं भूलते हैं. वो सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा उसके बाद संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा जरुर करते हैं. साथ ही वो सत्संग भी करते हैं.

Also Read- स्वामी प्रेमानंद महाराज जी की दिनचर्या कैसी है?.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here