Day Night count in Jail in Hindi – जब भी कोर्ट किसी आरोपी को जेल में रहने की सजा सुनती है तो ये सजा कुछ महीने कुछ साल या उम्रकैद की हो सकती. कोर्ट द्वारा आरोपी को जेल में रखने वाली दी जाने वाली सजा एक तय समय तक की होती है लेकिन इस सजा को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है. दरअसल, कई लोगों के मन में सवाल है कि जेल के कानून के हिसाब कैदी को जेल में रहने की जो सजा मिलती है उस सजा को रात और दिन के हिसाब से गिना जाता है यानि कि अलग-अलग गिना जाता है साथ उम्रकैद को लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल हैं.
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जेल में 12 घंटे को नहीं मना जाता 1 दिन
रिपोर्ट के अनुसार, कहा जाता है कि जब कोर्ट किसी आरोपी को सजा देता है तो कैदियों को जेल में रखने से जुड़ा नियम है कि जेल में 12 घंटे को 1 दिन और अगले 12 घंटे को 2 दिन माना जाता है. यानी जेल में रात और दिन को अलग-अलग गिना जाता है और इस हिसाब आरोपी को जो भी जेल में रहने की सजा मिलती है वो कम ही समय में पूरी हो जाती है लेकिन ऐसा नहीं है.
भारतीय संविधान के अनुसार जेल की सजा में दिन और रात अलग अलग नहीं गिनी जाती है. भारतीय संविधान और कानून के अनुसार, जेल में 1 दिन को 24 घंटे और 1 हफ्ते को 7 दिन, 1 महीने को 30 दिन और पूरे 1 साल को 365 दिन ही गिना जाता है. वही इस हिसाब से जो सजा मिलती है वो आधे समय में बल्कि पूरे समय पर ही खत्म होती है.
उम्रकैद की सजा वाला भ्रम भी है गलत
इसी के साथ उम्रकैद को लेकर भी लोगों के मन में भ्रम हैं कि जिस भी आरोपी को उम्रकैद की सजा मिलती है वो उम्रकैद की साज सिर्फ 14 साल कि है लेकिन ये भ्रम भी गलत है. भारतीय कानूनों के अनुसर, अगर किसी शख्स को उम्र कैद की सजा होतो है तो इसका मतलब होता सिर्फ 14 साल की सजा नहीं होता है. रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट (Day Night count in Jail) ने भी कई बार यह साफ किया है कि उम्र कैद का मतलब पूरी उम्र की कैदी होता है. यानि कि जब तक वह कैदी जिंदा है तब तक वह जेल में ही रहेगा. इस 14 साल की जेल का मतलब ये हैं कि कैदी के जेल में रहने की कम से कम अवधि 14 साल की है. इसके बाद कैदी को माफी मिल सकती है.