धारा 207 क्या है – कई बार ऐसा होता है कि एक प्रॉपर्टी के कई सारे दावेदार होते हैं और इस मामले का निपटारा प्रॉपर्टी का हिस्सा सबको बराबर बांट के किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद कोई अन्य शख्स ये दावा करता है कि ये प्रॉपर्टी भी उसकी है तो इस मामले में धारा 207 के तहत करवाई होती है साथ ही अगर कोई शख्स ऐसा ही कोई झूठा दावा करता है तो इस मामले में इस शख्स को जेल जाना पड़ सकता है.
दरअसल, झूठा दावा पेश करने पर धारा 207 के तहत करवाई होती है और इस करवाई के तहत जेल जाना पड़ सकता है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको धारा 207 और इस धारा से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं साथ ही आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि धारा 207 के तहत सजा और जमानत का प्रावधान क्या है.
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जानिए क्या है धारा 207
जानकारी के अनुसार, अगर कोई शख्स धोखे से किसी दूसरे शख्स की संपत्ति पर अपना अधिकार या दावा करता है और झूठा निकलता है तो इस मामले में धारा 207 लगाई जाती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 207 के अनुसार, जो भी कोई किसी संपत्ति को, या उसमें के किसी हित को, यह जानते हुए कि ऐसी किसी संपत्ति या हित पर उसका कोई अधिकार या अधिकारपूर्ण दावा नहीं है और वो उसपर दावा करेगा अथवा किसी संपत्ति या उसमें किसी हित पर किसी अधिकार के बारे में धोखा देता है तो इस मामले में केस दर्ज होता है और इस मामले में धारा 207 लगाई जाती है. वहीं इस मामले के जेल की सजा होती है.
ये है सजा और जुर्माने का प्रावधान
दूसरे शख्स की संपत्ति पर अपना अधिकार या दावा करने और इस झूठा पाए जाने पर जहाँ धारा 207 लगाई जाती है तो वहीं इस मामले में धारा 207 के तहत दोषी व्यक्ति को दो साल की सजा मिलती है साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसी के साथ अगर मामला गंभीर है तो दो साल की सजा और जुर्माना दोनों लगाया जा सकता है. वहीं जानकारी के लिए बता दें, यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और मजिस्ट्रेट द्वारा इस मामले पर जमानत को लेकर विचार किया जा सकता है.
धारा 207 के तहत ऐसे दर्ज होगा मामला
वहीं इस IPC की धारा 207 के तहत मामला दर्ज करने के लिए या मामले में बचाव के लिए वकीलों से इस मामले की जानकारी ली जा सकती है साथ ही अगर आपका केस दर्ज कराना है या इस मामले से कैसे बचाना हैं तो आप ऑनलाइन या फिर वकील से इस मामले की जानकारी देंगे.
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