भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था और इस संविधान के निर्माता बाबा साहेब को हम सब जानते है, उन्होंने संविधान का निर्माण करते समय हमारे देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति अच्छे से समझ ली थी. बाबा साहेब ने विभिन्न देशो के संविधान से बेहतरीन चीज़ों को उठाकर भारतीय समाज के अनुसार भारतीय संविधान में भी डाल दिया था. हमारे देश का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बना कर तैयार हो गया था, लेकिन उसे लागू 26 जनवरी 1950 में किया गया था.
हमारे देश के संविधान में 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां के साथ 25 भागों में विभाजित है. जब संविधान का निर्माण हुआ था तो संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी. हमारे संविधान की संविधान की संरचना संघीय है. जब बाबा साहेब से भारतीय संविधान के बारे में पूछ गया था, तो उन्होंने संविधान की कुछ विशेषताओं के बारे में बताया था. आज हम आपको संविधान की कुछ विशेषताओं के बारे में बताएंगे.
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संविधान की कुछ खास बातें
योगेन्द्र दत्त द्वारा लिखी ‘भीमराव आंबेडकर : एक जीवनी’ के अनुसार बाबा साहेब अनुसार संविधान के कुछ मूल सिधांत है, जिसके अनुसार संविधान को बनाया गया है. बाबा साहेब ने अनुसार संविधान की विशेषताएं…
- अछूत या पिछड़े वर्ग के लोगो को भी प्रभाशाली पदों तक पहुंचने के अवसर दिए जाएंगे, जिसके लिए हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों में समानता का अधिकार भी शामिल किया गया था.
- बाबा साहेब ने हमारे संविधान को लिबरल डेमोक्रेसी के अनुसार तैयार किया है. क्योंकि बाबा साहेब वामपन्थ के विरोधी थे, जो संविधान के पहले ही अनुच्छेद से भारतीय गणतंत्र को ‘समाजवादी’ को पुनर्परिभाषित करना चाहता था.
- बाबा साहेब ने अनुसार शक्तियों के बटवारे से देश कमजोर नही होगा बल्कि कोई शक्तियों का दुरूपयोग नहीं कर पाएगा. जिसके बाद नीति-निर्देशक सिद्धांतों को अनुच्छेद 50 के रूप में शामिल किया गया.
- बाबा साहेब ने हमारे देश के संविधान को सबसे लंबा लिखित संविधान बनाया है जिसमें हर चीज़ को अच्छे से समझाया गया है.
- बाबा साहेब ने हमारे संविधान को समय और जरूरत के अनुसार बदला जा सके इसीलिए कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण संविधान बनाया है.
- बाबा साहेब ने हमारे संविधान को विभिन्न देशो से लिया गया संविधान बनाया गया है, उन देशो के संविधान की बेहतरीन चीजों को हमारे देश के संविधान में भी डाला गया है.
- बाबा साहब ने हमारे देश में चुनाव प्रणाली को बेहतर करना चाहते थे, इसीलिए संविधान में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को भी शामिल किया था.
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